सड़कों पर भटकते एक गरीब लड़के और एक अमीर महिला की सच्ची कहानी। उस बैग में ऐसा क्या था जिसने लड़के की ज़िंदगी बदल दी?

 

.

.

सड़कों पर भटकते एक गरीब लड़के और एक अमीर महिला की सच्ची कहानी

मुंबई की बारिश

मुंबई की एक भीगी दोपहर थी। आसमान में बादल छाए हुए थे और हल्की-हल्की बारिश हो रही थी। सड़कों पर पानी चमक रहा था, रिक्शा हॉर्न बजा रहे थे, और लोग छतरियों के नीचे अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे थे। इस शहर में कुछ लोग दौलत के बादलों में छिपे रहते हैं, जबकि कुछ लोग सड़कों पर किस्मत की तलाश में भटकते हैं।

इरफान की कहानी

ऐसी ही एक दोपहर, इरफान नाम का एक गरीब लड़का प्लास्टिक के पुराने थैले में खाली बोतलें डाल रहा था। उसकी उम्र सिर्फ 10 साल थी, लेकिन उसके चेहरे पर थकान और संजीदगी थी। इरफान ने पिछले तीन दिनों से ठीक से कुछ नहीं खाया था। वह कभी-कभी फुटपाथ पर पड़े बचे हुए खाने से गुजारा करता था। उसकी मां का साया सिर से उठ चुका था, और अब वह अकेला था।

बैग की खोज

एक दिन, इरफान ने सड़कों पर चलते-चलते एक चमकता हुआ हर्मेस बैग देखा। वह काला चमड़े का था और बाहर से ही कीमती लग रहा था। इरफान ने थैले को उठाया और झिझकते हुए खोला। अंदर नोटों की गड्डी, कुछ कार्ड्स और एक बच्चे की तस्वीर थी। तस्वीर में एक मुस्कुराता हुआ बच्चा था। इरफान के मन में ख्याल आया कि यह बैग किसी अमीर का है, लेकिन उसकी भूख ने उसे मजबूर किया कि वह बैग अपने पास रखे।

नैतिकता का संघर्ष

इसी बीच, इरफान को अपनी मां की बातें याद आईं। उसकी मां हमेशा कहा करती थीं, “बेटा, अगर दुनिया सब छीन ले, तो भी अपनी नेकी मत खोना।” इरफान ने बैग को फिर से बंद किया और उसे सीने से लगा लिया। उसने फैसला किया कि चाहे कुछ हो जाए, यह बैग उसी को लौटाना है, जिसका है।

रिहाना वर्मा का परिचय

वहीं दूसरी तरफ, रिहाना वर्मा, जो एक अमीर महिला थी और मुंबई की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी की सीईओ थी, अपने पेंटहाउस में खड़ी थी। उसके पास हर चीज थी, लेकिन उसके दिल में एक खालीपन था। पांच साल पहले उसका इकलौता बेटा आर्यन एक हादसे में चला गया था। उसने अपनी जिंदगी को काम में डुबो दिया था, लेकिन उस दर्द को कभी भुला नहीं सकी।

बैग की खोज

जब रिहाना ने अपने बैग की खोज शुरू की, तो उसे पता चला कि वह बैग गलती से गिर गया है। उसके मन में चिंता थी कि उस बैग में उसकी जिंदगी की सबसे कीमती यादें हैं। उसने अपने कर्मचारियों से बैग की खोज करने को कहा।

इरफान का साहस

इरफान ने बैग को लौटाने का फैसला किया। उसने बैग में मौजूद कार्ड पर लिखा पता देखा और वहाँ जाने की ठानी। रास्ते में उसे कई मुश्किलें आईं, लेकिन उसने हार नहीं मानी। वह सोचता रहा कि उसकी मां ने हमेशा उसे सच्चाई और ईमानदारी का पाठ पढ़ाया है।

रिहाना से पहली मुलाकात

जब इरफान रिहाना के ऑफिस पहुंचा, तो गार्ड ने उसे रोक दिया। इरफान ने कहा, “यह बैग रिहाना वर्मा का है।” गार्ड ने उसे अंदर जाने नहीं दिया, लेकिन संयोग से संजय नाम का एक मैनेजर वहाँ आया। उसने इरफान की बात सुनी और उसे अंदर ले गया।

रिहाना ने इरफान को देखा और बैग को खोला। जब उसने देखा कि उसमें उसकी बेटे की तस्वीर है, तो उसकी आँखों में आंसू आ गए। उसने इरफान से पूछा, “तुमने यह बैग क्यों लौटाया?”

इरफान की सच्चाई

इरफान ने कहा, “मेरी मां ने कहा था कि जो हमारा नहीं है, उसे कभी नहीं लेना चाहिए।” रिहाना ने उसकी ईमानदारी को सराहा। वह जानती थी कि इरफान ने उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ ला दिया है।

नया रिश्ता

रिहाना ने इरफान को अपने घर बुलाया और उसे खाना खिलाया। इरफान ने पहली बार एक अच्छे खाने का आनंद लिया। रिहाना ने उसे अपने बेटे की यादों के बारे में बताया और दोनों के बीच एक गहरा रिश्ता बन गया।

इरफान का नया जीवन

कुछ समय बाद, रिहाना ने इरफान को अपने काम में मदद करने का प्रस्ताव दिया। इरफान ने खुशी-खुशी स्वीकार किया। उसने रिहाना के साथ मिलकर काम करना शुरू किया और जल्द ही वह कंपनी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया।

निष्कर्ष

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईमानदारी और सच्चाई हमेशा फल देती है। इरफान ने न केवल अपनी जिंदगी बदली, बल्कि रिहाना को भी अपने बेटे की यादों को फिर से जीने का मौका दिया। कभी-कभी, एक छोटे से बैग में छिपी होती है एक नई शुरुआत की कहानी।

इस प्रकार, इरफान और रिहाना की कहानी एक नई दोस्ती और एक नई जिंदगी की शुरुआत बन गई, जो दोनों के लिए एक नया अध्याय था।

.