सुनीता आहूजा से 37 साल बाद तलाक के बाद दूसरी शादी पर गोविंदा का चौंकाने वाला रिएक्शन

बॉलीवुड की चकाचौंध दुनिया में रिश्ते जितने करीबी लगते हैं, कई बार उतने ही जटिल भी होते हैं। ऐसे ही एक चर्चित जोड़े – गोविंदा और उनकी पत्नी सुनीता अहूजा – के रिश्ते को लेकर हाल ही में मीडिया में खूब चर्चा रही। तलाक की खबरों ने सोशल मीडिया से लेकर समाचार चैनलों तक सबका ध्यान खींचा। लोग यह जानना चाहते थे – क्या वास्तव में गोविंदा और सुनीता के 30 वर्षों से भी अधिक पुराने रिश्ते में दरार आ गई है?

इस बीच, गोविंदा के वकील ललित बिंद्रा ने सामने आकर पूरे विवाद पर सफाई दी, जिससे कुछ हद तक स्थिति स्पष्ट हुई, लेकिन कई सवाल अभी भी लोगों के मन में बाकी हैं।

तलाक की खबरों की शुरुआत

दिसंबर 2024 में एक रिपोर्ट सामने आई कि सुनीता अहूजा ने बांद्रा फैमिली कोर्ट में गोविंदा के खिलाफ तलाक की अर्जी दाखिल की है, जो कि हिंदू मैरिज एक्ट 1955 की धारा 13(1) के अंतर्गत दायर की गई। इस खबर ने जैसे ही मीडिया में जगह बनाई, बॉलीवुड गलियारों से लेकर आम दर्शकों तक, हर कोई हैरान रह गया।

इतने वर्षों तक साथ रहने के बाद अचानक यह निर्णय क्यों? क्या दोनों के बीच मतभेद इतने गंभीर हो गए थे कि बात तलाक तक पहुंच गई?

सोशल मीडिया पर हलचल

तलाक की खबर के बाद एक और घटना ने आग में घी का काम किया। सुनीता अहूजा ने अपने इंस्टाग्राम प्रोफाइल से ‘आहुजा’ सरनेम हटा दिया। इस बदलाव ने अफवाहों को और बल दिया।
लोगों ने तरह-तरह के कयास लगाने शुरू कर दिए –

क्या सुनीता अब गोविंदा से अलग हो चुकी हैं?

क्या उनके रिश्ते में कोई तीसरा आ गया है?

क्या यह सिर्फ दिखावा है या सच्चाई?

हालांकि बाद में जब टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में सुनीता ने इस विषय पर सफाई दी, तो उन्होंने कहा कि यह नाम परिवर्तन उनके न्यूमरोलॉजिकल (अंकों से जुड़ी) विश्वासों की वजह से किया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसका तलाक से कोई संबंध नहीं है।

वकील का बयान: “कोई केस नहीं”

जब अफवाहें चरम पर थीं, तब गोविंदा के वकील ललित बिंद्रा ने मीडिया के सामने आकर स्थिति स्पष्ट की।
उन्होंने NDTV से बातचीत में कहा:

“कोई केस नहीं है। सब सुलझ रहा है। लोग पुरानी बातें उठाकर फिर से फैला रहे हैं।”

इस बयान से यह साफ हो गया कि भले ही कोर्ट में कोई याचिका दायर की गई हो, लेकिन तलाक की प्रक्रिया अब सक्रिय नहीं है या आपसी सहमति से स्थिति को सामान्य किया जा रहा है।

पर्सनल लाइफ में दूरी की बात

एक इंटरव्यू में सुनीता अहूजा ने यह स्वीकार किया कि वह गोविंदा से अलग एक फ्लैट में अपने बच्चों के साथ रह रही हैं, जबकि गोविंदा अपने जुहू स्थित बंगले में रहते हैं।
उन्होंने कहा:

“पहले मुझे फर्क नहीं पड़ता था। लेकिन अब उम्र 60 के पार जा रही है तो डर लगने लगा है। पहले इतना व्यस्त रहता था तो सोचा अफेयर करने का समय ही नहीं होगा, लेकिन अब चिंता होती है कि कहीं कुछ गलत ना हो जाए।”

इस बयान से यह ज़ाहिर होता है कि उनके बीच भावनात्मक दूरी जरूर आई है। हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि गोविंदा किसी गलत रास्ते पर हैं, लेकिन उनका डर उनके रिश्ते में असुरक्षा को ज़रूर दर्शाता है।

कई सालों से चल रही थी खटपट

जानकारों की मानें तो गोविंदा और सुनीता के बीच कई वर्षों से अनबन की खबरें आती रही हैं। कई बार सुनीता ने इंटरव्यू में यह भी कहा था कि:

गोविंदा का व्यवहार बदलता जा रहा है।

परिवार की प्राथमिकता अब पहले जैसी नहीं रही।

उनके बच्चे और वह अक्सर उपेक्षित महसूस करते हैं।

हालांकि इन बातों को गोविंदा ने कभी सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया, लेकिन उन्होंने भी अपने कुछ पुराने इंटरव्यूज़ में यह ज़रूर कहा कि उनकी ज़िंदगी में तनाव और दबाव लगातार बढ़ा है।

गोविंदा का करियर और व्यक्तिगत चुनौतियाँ

गोविंदा, जिनका असली नाम गोविंदा आहूजा है, 90 के दशक में बॉलीवुड के सबसे चमकते सितारे थे।
उनकी कॉमिक टाइमिंग, डांसिंग स्टाइल और मास अपील के चलते वे हर दर्शक वर्ग में लोकप्रिय रहे।

लेकिन 2000 के बाद उनका करियर ढलान पर आने लगा।
उन्होंने राजनीति में भी हाथ आज़माया लेकिन वह भी लंबे समय तक सफल नहीं रही।

इस दौरान उनके पारिवारिक जीवन में भी कई उतार-चढ़ाव आए। कई बार मीडिया में खबरें आईं कि उनका अपने बच्चों और भतीजे कृष्णा अभिषेक के साथ संबंध खराब हैं।

इन सब बातों ने शायद उनकी शादीशुदा ज़िंदगी पर भी असर डाला।

क्या यह तलाक होगा? या सिर्फ एक गलतफहमी?

फिलहाल, सुनीता की ओर से दायर याचिका और वकील के “कोई केस नहीं” वाले बयान के बीच विरोधाभास जरूर है।
संभव है कि याचिका दायर की गई हो, लेकिन अब दोनों पक्ष आपसी सुलह की कोशिश कर रहे हों

यह भी हो सकता है कि यह तलाक की प्रक्रिया बस एक भावनात्मक प्रतिक्रिया थी, जो अब स्थगित कर दी गई है।

हालांकि, जब एक पत्नी सार्वजनिक रूप से कहती है कि “अब डर लगने लगा है कि पति कहीं कुछ गलत ना कर बैठे”, तो यह रिश्ते की खटास को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।

क्या कहती है जनता?

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही।
कुछ लोग सुनीता के पक्ष में खड़े हुए और कहा कि अगर वह परेशान हैं, तो तलाक लेना उनका अधिकार है।
वहीं कुछ लोग गोविंदा को “समझदार और पारिवारिक व्यक्ति” मानते हुए अफवाहों को गलत बता रहे हैं।

एक यूज़र ने ट्विटर पर लिखा:

“हमेशा से गोविंदा-सुनीता की जोड़ी को आदर्श मानते आए हैं। उम्मीद है यह तलाक सिर्फ एक अफवाह हो।”

निष्कर्ष: रिश्ते कभी-कभी कैमरे के बाहर कमजोर भी होते हैं

गोविंदा और सुनीता की यह कहानी हमें यह समझाती है कि हर रिश्ते में उतार-चढ़ाव आते हैं – चाहे वह आम इंसान का हो या फिल्मी सितारों का।
पर्दे पर भले ही सब कुछ हसीन दिखे, लेकिन असल ज़िंदगी में भावनाएं, अपेक्षाएं और आस्थाएं ही रिश्ते की बुनियाद होती हैं।

वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह कहना कठिन है कि तलाक होगा या नहीं। लेकिन यह तय है कि गोविंदा और सुनीता के रिश्ते में कुछ गंभीर मुद्दे जरूर हैं जिन्हें सुलझाने की ज़रूरत है।

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