हिमाचल प्रदेश में सनसनी: बर्खेरा गाँव के घर में मिली पाँच लाशें, पति-पत्नी ने किया खौफनाक राज़ दफ़न!
.
.
हिमाचल प्रदेश में सनसनी: बर्खेरा गाँव के घर में मिली पाँच लाशें, पति-पत्नी ने किया खौफनाक राज़ दफ़न!
हिमाचल प्रदेश का बर्खेरा गाँव हमेशा शांत और सुरम्य रहा है। पहाड़ों की गोद में बसे इस गाँव में लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में साथ रहते हैं। लेकिन एक सुबह, गाँव की शांति को ऐसा झटका लगा कि पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
सर्दियों की उस सुबह, गाँव के बुज़ुर्ग रामलाल रोज़ की तरह अपने खेतों की ओर जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने देखा कि शर्मा परिवार के घर के बाहर अजीब सी खामोशी थी। घर के दरवाज़े पर ताला लगा था, जबकि आमतौर पर वहां बच्चों की हँसी गूंजती थी। रामलाल को शक हुआ, लेकिन उन्होंने सोचा शायद कोई रिश्तेदार आया हो। लेकिन अगले दिन भी वही खामोशी रही। तब उन्होंने पड़ोसियों से बात की।
शर्मा परिवार में पति रमेश, पत्नी सुनीता, उनके तीन बच्चे—रवि, पूजा और छोटा बेटा मोहन—रहते थे। रमेश गाँव के स्कूल में अध्यापक था और सुनीता घर संभालती थी। दोनों ही मिलनसार थे, लेकिन पिछले कुछ महीनों से शर्मा परिवार में कुछ अजीब सा बदलाव आ गया था। रमेश अक्सर उदास रहता, सुनीता गुमसुम हो गई थी। बच्चे भी बाहर कम खेलने लगे थे।
तीसरे दिन, जब घर से कोई हलचल नहीं दिखी, गाँववालों को चिंता हुई। उन्होंने पंचायत को सूचना दी। सरपंच ने पुलिस को बुलाया। पुलिस आई, दरवाज़ा तोड़ा गया। जो दृश्य सामने आया, उसने सबको हिला दिया।
घर के अंदर पाँच लाशें पड़ी थीं—रमेश, सुनीता, रवि, पूजा और मोहन। सबके चेहरे पर दर्द और डर के निशान थे। पुलिस ने तुरंत इलाके को घेर लिया। गाँव में अफवाहें फैलने लगीं—क्या ये आत्महत्या है या हत्या? आखिर एक पूरे परिवार के साथ ऐसा क्या हुआ?
पुलिस ने जांच शुरू की। घर के अंदर कोई संघर्ष के निशान नहीं थे, लेकिन दीवारों पर कुछ अजीब निशान थे। पुलिस को एक डायरी मिली, जिसमें रमेश ने पिछले कुछ महीनों की घटनाएँ लिखी थीं। डायरी में लिखा था—
“हमारे घर में कुछ अजीब हो रहा है। रात को अजीब आवाज़ें आती हैं। बच्चों ने कहा कि वे किसी को देख रहे हैं, जो हमें डराता है। सुनीता भी परेशान है। हमने कई बार पंडित जी से पूजा करवाई, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा।”
डायरी के आखिरी पन्ने पर लिखा था—
“अगर कुछ हो जाए, तो हमारी मौत को हादसा मत समझना। यहाँ कुछ ऐसा है, जो इंसानी समझ से बाहर है।”
पुलिस ने गाँव के लोगों से पूछताछ की। कुछ ने बताया कि शर्मा परिवार के घर से रात को चीखने की आवाज़ें आती थीं। एक पड़ोसी, गीता देवी ने कहा, “रात को कई बार रमेश दरवाज़े पर बैठा रहता था, जैसे किसी से डर रहा हो। बच्चों की आवाज़ें सुनाई देती थीं, लेकिन सुबह सब सामान्य दिखते थे।”
जांच के दौरान पुलिस को घर के पिछवाड़े में ताज़ा खुदाई के निशान मिले। वहाँ एक पुराना संदूक मिला, जिसमें कुछ पुराने फोटो, पूजा की सामग्री और एक तांत्रिक किताब थी। किताब में काले जादू के बारे में लिखा था। पुलिस को शक हुआ कि कहीं परिवार ने आत्मरक्षा के लिए तांत्रिक साधना तो नहीं की थी?
फॉरेंसिक टीम ने लाशों की जांच की। रिपोर्ट में पता चला कि सभी की मौत जहर से हुई थी। लेकिन सवाल था—जहर किसने दिया? घर में कोई जबरदस्ती घुसने के निशान नहीं थे। पुलिस ने रमेश और सुनीता के मोबाइल की जांच की। दोनों के फोन में एक तांत्रिक का नंबर मिला, जिसने उन्हें “बुरी शक्तियों से बचने” का उपाय बताया था।
पुलिस ने उस तांत्रिक को ढूंढा। उसने बताया, “रमेश मेरे पास आया था। उसने कहा कि उसके घर में आत्माएं हैं। मैंने उसे पूजा और तंत्र-मंत्र करने को कहा, लेकिन वो बहुत डरा हुआ था। उसने कहा कि अगर कुछ हुआ, तो मुझे दोषी मत मानना।”
जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि रमेश मानसिक तनाव में था। उसकी नौकरी पर भी संकट था। सुनीता भी परेशान थी। दोनों ने बच्चों को बचाने के लिए कई बार डॉक्टरों से भी सलाह ली थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
आखिरकार पुलिस ने निष्कर्ष निकाला—रमेश और सुनीता ने बच्चों के साथ मिलकर आत्महत्या की। उन्होंने पहले बच्चों को खाना खिलाया, जिसमें जहर मिला था। बाद में दोनों ने भी वही खाना खाया। यह कदम उन्होंने मानसिक तनाव, डर और असहायता के कारण उठाया।
गाँव में मातम छा गया। लोग शर्मा परिवार को याद करते हुए रो पड़े। पंचायत ने बच्चों की याद में स्कूल में एक स्मारक बनवाया। पुलिस ने तांत्रिक और डॉक्टरों से पूछताछ कर केस बंद कर दिया, लेकिन गाँववालों के मन में सवाल रह गया—क्या सच में कोई बुरी शक्ति थी या सब मानसिक तनाव का नतीजा?
समय बीतता गया, लेकिन बर्खेरा गाँव में शर्मा परिवार की कहानी एक डरावनी याद बन गई। लोग अब भी उस घर के पास से गुजरते वक्त रुक जाते हैं, सिर झुका लेते हैं। गाँव के बुजुर्ग बच्चों की तस्वीरें देखकर आँसू बहाते हैं।
इस घटना ने पूरे इलाके को सोचने पर मजबूर कर दिया—क्या मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी इतनी खतरनाक हो सकती है? क्या अंधविश्वास और डर इंसान को इतना मजबूर कर सकता है कि वह अपनी और अपनों की जिंदगी खत्म कर दे?
सरकार ने घटना के बाद गाँव में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाया। स्कूलों में बच्चों को डर और तनाव से निपटने के तरीके सिखाए गए। गाँववालों ने तांत्रिकों के बजाय डॉक्टरों और काउंसलर्स से सलाह लेना शुरू किया।
शर्मा परिवार की कहानी एक सबक बन गई—डर और अंधविश्वास से लड़ने के लिए सही जानकारी और मदद जरूरी है। अगर समय रहते किसी ने रमेश और सुनीता की मदद की होती, तो शायद आज उनका परिवार जिंदा होता।
आज भी बर्खेरा गाँव की गलियों में शर्मा परिवार की कहानी सुनाई जाती है। लोग कहते हैं, “अगर दिल में डर हो, तो बात करो। मदद लो। क्योंकि चुप्पी और अंधविश्वास कभी-कभी सबसे बड़ा खौफनाक राज़ बन जाता है।”
.
News
अदालत में सब हँसे… लेकिन बच्चे के पाँच शब्दों ने जज को रुला दिया!” 😢
अदालत में सब हँसे… लेकिन बच्चे के पाँच शब्दों ने जज को रुला दिया!” 😢 भीड़ से भरी अदालत में…
मध्य प्रदेश – नर्मदा: खेत की खुदाई में मिला लकड़ी का संदूक, जिससे पुलिस भी दंग रह गई
मध्य प्रदेश – नर्मदा: खेत की खुदाई में मिला लकड़ी का संदूक, जिससे पुलिस भी दंग रह गई . ….
करोड़पति आदमी से गरीब बच्चों ने कहा… सर खाना नहीं खाइए। इस खाने में आपकी बीवी जहर मिलाई हुई है ।
करोड़पति आदमी से गरीब बच्चों ने कहा… सर खाना नहीं खाइए। इस खाने में आपकी बीवी जहर मिलाई हुई है…
अरबपति की खोई हुई बेटी मंदिर की सीढ़ियों पर फूल बेचती मिली | फिर बेटी ने पिता से जो कहा इंसानियत..
अरबपति की खोई हुई बेटी मंदिर की सीढ़ियों पर फूल बेचती मिली | फिर बेटी ने पिता से जो कहा…
करोड़पति की बीमार बेटी की जान बचाने के लिए नौकर ने अपनी ज़िंदगी दांव पर लगा दी, फिर जो हुआ…
करोड़पति की बीमार बेटी की जान बचाने के लिए नौकर ने अपनी ज़िंदगी दांव पर लगा दी, फिर जो हुआ……
Kareena Kapoor badly Attaccked & met with an Accident after Saif Ali Khan Attacked !
Kareena Kapoor badly Attaccked & met with an Accident after Saif Ali Khan Attacked ! . . Kareena Kapoor’s Close…
End of content
No more pages to load