हेमा मालिनी ने खोला 50 साल पुराना राज। Prakash kaur expose hema secret | hema expose ! Dharmendra

धर्मेंद्र और हेमा मालिनी: एक अनकही प्रेम कहानी

धूल में फूल ढूंढता रहा, और जबकि मेरे अपने घर में रात की रानी खिली है। यह कहानी बॉलीवुड की सबसे चर्चित और उलझी हुई लाइफ में से एक है। आज हम बात करेंगे धर्मेंद्र, हेमा मालिनी और प्रकाश कौर के बारे में, जिनके जीवन में ऐसा सच छुपा है जिसे लोग आधी सदी से जानना चाहते थे।

प्रारंभिक जीवन और करियर

हेमा मालिनी का जन्म 16 अक्टूबर 1948 को तमिलनाडु के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी मां जया लक्ष्मी ने हमेशा चाहा कि उनकी बेटी बड़े पर्दे पर चमके। हालांकि, हेमा को खुद फिल्मों में जाने का कोई शौक नहीं था। लेकिन उनकी मां के सपनों ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने के लिए प्रेरित किया।

1963 में, हेमा को पहली बार एक तमिल फिल्म में डांसर बनने का मौका मिला। इसके बाद 1965 में उन्होंने पांडवा वंशम में एक डांस नंबर किया। लेकिन उन्हें जल्दी ही पता चला कि कैमरे की रोशनी कम और संघर्ष की परछाइयां ज्यादा हैं।

संघर्ष और सफलता

हेमा मालिनी ने कई बार रिजेक्शन का सामना किया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने तय कर लिया कि वे बॉलीवुड जाएंगी और वहां अपनी पहचान बनाएंगी। 1968 में, राज कपूर की फिल्म ‘सपनों का सौदागर’ में लीड हीरोइन के रूप में उनकी एंट्री हुई। इस फिल्म ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया।

धर्मेंद्र, जो पहले से ही एक स्थापित अभिनेता थे, ने हेमा के प्रति अपनी रुचि व्यक्त की। उस समय धर्मेंद्र पहले से शादीशुदा थे, लेकिन उनके और हेमा के बीच की नजदीकियां बढ़ने लगीं।

धर्मेंद्र का प्यार

धर्मेंद्र और हेमा की मुलाकातें बढ़ने लगीं। धर्मेंद्र की सादगी और उनकी इज्जत देने वाली फितरत ने हेमा को बहुत आकर्षित किया। धीरे-धीरे यह नजदीकियां दोस्ती से आगे बढ़कर गहरी मोहब्बत में बदल गईं। लेकिन धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर ने इस रिश्ते को लेकर कोई समझौता नहीं किया।

1978 में, हेमा के पिता का निधन हो गया। उनके जाने के बाद, हेमा ने धर्मेंद्र के साथ अपनी जिंदगी बिताने का फैसला किया। लेकिन धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर ने तलाक देने से साफ इंकार कर दिया।

धर्मेंद्र का धर्म परिवर्तन

धर्मेंद्र और हेमा ने शादी करने का फैसला लिया, लेकिन पहले धर्मेंद्र को इस्लाम धर्म अपनाना पड़ा। उन्होंने अपना नाम बदलकर दिलावर खान रख लिया और हेमा का नाम आयशा रखा। दोनों ने निकाह किया और हमेशा के लिए साथ रहने का वादा किया।

हालांकि, यह शादी धर्मेंद्र के जीवन में सुकून की बजाय नई परेशानियों का कारण बन गई। धर्मेंद्र ना तो अपनी पहली पत्नी को छोड़ पाए और ना ही हेमा को वह सम्मान दे पाए जो एक पत्नी को मिलना चाहिए।

पारिवारिक संघर्ष

धर्मेंद्र का जीवन दो परिवारों के बीच बंटा रहा। एक तरफ प्रकाश कौर और उनके बच्चे, और दूसरी तरफ हेमा और उनकी बेटियां ईशा और अहाना। धर्मेंद्र का प्यार दोनों परिवारों के बीच बंटा रहा, जिससे परिवारों के बीच की दूरियां बढ़ती गईं।

सनी देओल और बॉबी देओल ने कभी भी हेमा की बेटियों को अपनी बहनें नहीं माना। इसने परिवार में और भी तनाव पैदा कर दिया।

हेमा का संघर्ष

इस बीच, हेमा ने अपने करियर में भी संघर्ष किया। फिल्मों में काम घटने लगा और उन्हें कई बार बी ग्रेड फिल्मों में काम करना पड़ा। जब उन्होंने रामकली जैसी फिल्म में काम किया, तो उन्हें उस फिल्म के पोस्टर के लिए शर्मिंदगी महसूस हुई।

हेमा ने राजनीति में भी कदम रखा और बीजेपी जॉइन की। लेकिन राजनीति में भी उन्हें कई विवादों का सामना करना पड़ा।

अंत में

धर्मेंद्र और हेमा की कहानी एक ऐसी प्रेम कहानी है जो न केवल बॉलीवुड की दुनिया को प्रभावित करती है, बल्कि यह हमें यह भी बताती है कि प्यार और रिश्ते कितने जटिल हो सकते हैं।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि प्यार में कभी-कभी हमें बहुत सी चीजों का सामना करना पड़ता है। चाहे वह परिवार के सदस्य हों या समाज की बातें, प्यार हमेशा एक कठिन रास्ता होता है।

धर्मेंद्र और हेमा की कहानी आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है, और यह उनके प्यार की गहराई को दर्शाती है।

इस प्रकार, 8 दिसंबर का दिन केवल धर्मेंद्र का जन्मदिन नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी कहानी है जो प्यार, संघर्ष और रिश्तों की जटिलता को उजागर करती है।

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