👉”DM नेहा शर्मा को आम लड़की समझ कर दरोगा ने मारा थप्पड़ फिर दरोगा के साथ जो हुआ”!

एमएसपी अनुष्का शर्मा अपनी बहन प्रियंका की शादी के लिए साड़ी खरीदने हाथों में लिस्ट लिए अकेले बाजार जा रही थी। उसने एक साधारण सलवार सूट पहना हुआ था और पैरों में जूते थे। चेहरे पर सादगी थी। कोई बॉडीगार्ड नहीं बस एक आम बहन की तरह वह बाजार पहुंची। आसपास के दुकानदार उसे पहचान भी नहीं पाए। तभी उनकी नजर सीधे उसी पुरानी कपड़ों की दुकान पर गई जहां वह पहले भी कई बार बिना सिक्योरिटी के चोरी छिपे आ चुकी थी।

अनुष्का धीरे-धीरे दुकान में दाखिल हुई। दुकान बड़ी नहीं थी, लेकिन चारों तरफ रंग बिरंगी साड़ियों के थान सजे थे। काउंटर पर मालिक जिसका नाम जयकिशन था, हिसाब किताब में उलझा था और करीब 20 साल का एक लड़का ग्राहकों को साड़ियां दिखा रहा था। अनुष्का को आते देख किसी ने खास ध्यान नहीं दिया। सबको लगा कोई आम सी ग्राहक होगी। वह काउंटर के पास जाकर खड़ी हो गई और लड़के से बोली, “भैया मेरी बहन की शादी है। उसके लिए एक बहुत अच्छी साड़ी चाहिए। कुछ बढ़िया डिजाइन दिखाएं।”

लड़के ने बेमन से कुछ साड़ियां काउंटर पर फैला दीं। अनुष्का एक-एक साड़ी को उठाकर गौर से देखने लगी। उसे कभी रंग पसंद नहीं आता तो कभी बॉर्डर नहीं। उसने एक साड़ी को देखकर कहा, “यह रंग बहुत हल्का है। प्रियंका पर खिलेगा नहीं। इसका बॉर्डर बहुत पतला है। शादी के हिसाब से जचेगा नहीं।”

इसी तरह आधा घंटा कब बीत गया पता ही नहीं चला। दुकान में ग्राहकों की भीड़ बढ़ने लगी थी। लड़के के चेहरे पर अब झुंझुलाहट साफ झलक रही थी। उधर जयकिशन भी अपनी मोटी ऐनक के पीछे से बार-बार अनुष्का को घूर रहा था। फिर वह थोड़ा रूखेपन से बोला, “सब एक से बढ़कर एक पीस हैं। मैडम जी, इनमें से ही कोई ले लीजिए।”

लेकिन अनुष्का का दिल मान ही नहीं रहा था। उनके लिए यह सिर्फ एक साड़ी नहीं थी। यह उनकी बहन के लिए उनका प्यार, उनका दुलार था। उन्होंने शांत स्वर में जवाब दिया, “मुझे कोई जल्दी नहीं है भाई साहब। मेरी बहन की शादी का मामला है। सबसे अच्छा ही चाहिए।”

तो जयकिशन ने धीरे से लड़के को इशारा किया। लड़का बड़बड़ाता हुआ तहखाने की ओर गया और कुछ ही देर में नए बंडल उठाकर ले आया और काउंटर पर रख दिया। अब काउंटर साड़ियों से भर चुका था। अनुष्का एक-एक साड़ी खुलवा कर देख रही थी और जयकिशन का पारा चढ़ता जा रहा था।

लड़का धीरे से अपने मालिक के कान में फुसफुसाया, “आधे घंटे से दिमाग खराब कर रखा है। एक साड़ी तो पसंद आ नहीं रही।” अनुष्का ने उसकी बात सुन ली। एक पल को उन्हें बुरा लगा। वह चाहती तो 1 मिनट में इस दुकान पर ताला लगवा सकती थी। लेकिन आज वह अपनी पावर का इस्तेमाल नहीं करना चाहती थी। उन्होंने लड़के की बात को अनसुना कर दिया और फिर लगभग 1 घंटे की माथापच्ची के बाद उनकी नजर उस पर पड़ी। एक गहरे मरून रंग की साड़ी जिस पर सोने के धागों से चौड़ा बॉर्डर बना था और पूरी साड़ी पर महीन कढ़ाई का काम था। वह साड़ी जैसे प्रियंका के लिए ही बनी थी।

अनुष्का के चेहरे पर आखिरकार एक संतुष्टि की मुस्कान आ गई और उन्होंने साड़ी हाथ में लेते हुए कहा, “हां बस यही चाहिए। इसे पैक कर दो।” जय किशन ने राहत की सांस ली जैसे कोई बड़ी मुसीबत टल गई हो। लड़के ने जल्दी-जल्दी साड़ी को तय करके एक चमकीले पैकेट में डाल दिया। अनुष्का ने पर्स से पैसे निकाल कर दिए और पैकेट हाथ में ले लिया।

उन
Play video :