82 साल की उम्र में अमिताभ बच्चन हैं लाचार, पैंट पहनने में हो रही है दिक्कत! अमिताभ बच्चन ह…

जब भी हम अमिताभ बच्चन का नाम सुनते हैं, हमारे मन में एक ऐसी छवि उभरती है जो अडिग, अटूट और अजेय है। एक ऐसा व्यक्तित्व जिसने ना केवल सिनेमा को बदल दिया बल्कि आम आदमी के दिल में उम्मीद का दीया भी जलाया। पर्दे पर वह ‘शहंशाह’ बने, ‘विजय’ बने, ‘अंग्री यंग मैन’ बने, लेकिन असली जीवन में वह हमेशा बने एक प्रेरणा का स्तंभ। पर जब यही प्रेरणादायक व्यक्तित्व अपनी कमजोरियों, दर्द और थकान को शब्दों में ढालता है, तो हर फैन की आंखें नम हो जाती हैं और दिल एक पल को ठहर जाता है।

ब्लॉग की कुछ पंक्तियों ने मचा दी हलचल

हाल ही में 82 वर्षीय अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में कुछ बेहद भावुक पंक्तियाँ लिखीं। उन्होंने बताया कि अब वह काम, जो कभी सहज थे, अब उन्हें सोच-समझकर करने पड़ते हैं। उन्होंने लिखा कि डॉक्टर ने उन्हें सलाह दी है कि ट्राउज़र बैठकर पहनें, खड़े होकर नहीं, क्योंकि गिरने का डर है। जब ऐसे शब्द सामने आते हैं उस इंसान के जो कभी अकेले 10 गुंडों को पटक देता था, तो दिल कांप जाता है।

उन्होंने यह भी बताया कि उनके घर ‘जलसा’ में अब जगह-जगह हैंडल बार्स लगाए गए हैं, ताकि उन्हें सहारा मिल सके। अब साधारण से काम जैसे नीचे झुकर कागज उठाना भी कठिन हो गया है। ये सब बातें दर्शाती हैं कि उम्र ने भले ही शरीर को थका दिया हो, लेकिन आत्मा अब भी वही है – मजबूत और लड़ाकू।

स्वास्थ्य पर उठे सवाल, सोशल मीडिया पर दुआओं की बाढ़

जैसे ही यह ब्लॉग सामने आया, सोशल मीडिया पर “Prayers for Big B” ट्रेंड करने लगा। हर कोई यही जानना चाहता था कि क्या अमिताभ बच्चन की तबीयत वाकई बहुत खराब है? क्या उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है?

हालांकि, बच्चन साहब ने खुद यह नहीं कहा कि वह अस्पताल में हैं, लेकिन उनके शब्दों की गंभीरता ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स, फैन पेजेज़ और ब्लॉग्स में अटकलें लगने लगीं कि शायद अब वह पहले जैसे नहीं रहे।

लेकिन सच्चाई यह है कि वह आज भी ‘कौन बनेगा करोड़पति’ जैसे शो को होस्ट कर रहे हैं, फिल्मों में काम कर रहे हैं और अपने काम के प्रति उसी प्रतिबद्धता के साथ डटे हुए हैं।

उम्र और अनुभव का मिला हुआ स्वाद

अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग में उम्र को एक ‘स्पीड ब्रेकर’ की संज्ञा दी। उन्होंने लिखा कि जैसे ही हम जन्म लेते हैं, हमारे शरीर की गिरावट शुरू हो जाती है। युवा अवस्था में हम सब कुछ कर पाते हैं, लेकिन उम्र के साथ शरीर ब्रेक लगाना शुरू कर देता है।

उनकी दिनचर्या अब पूरी तरह बदल चुकी है। वह जल्दी डिनर करते हैं, जल्दी सोते हैं, नियमित योग, प्राणायाम और लाइट एक्सरसाइज़ करते हैं ताकि शरीर सक्रिय बना रहे। लेकिन अब सीढ़ियाँ चढ़ना, बटन लगाना या कपड़े पहनना भी थका देने वाला अनुभव बन चुका है।

याद कीजिए – 1982 का ‘कुली’ हादसा

ये पहली बार नहीं है जब अमिताभ बच्चन की सेहत को लेकर देशभर में हलचल हुई हो। 1982 में फिल्म ‘कुली’ की शूटिंग के दौरान जब एक फाइट सीन में उन्हें पेट पर गहरी चोट लगी, तो उनकी आंत फट गई। यह हादसा इतना गंभीर था कि डॉक्टरों ने भी उम्मीद छोड़ दी थी। अस्पताल के बाहर लाखों लोग दिन-रात दुआ कर रहे थे। पूरा देश थम सा गया था।

लेकिन फिर वही हुआ जिसे आज भी “चमत्कार” कहा जाता है। अमिताभ ने मौत को मात दी और ज़िंदगी के रास्ते पर फिर से चल पड़े। उस दिन से लेकर आज तक, वह हर संकट से उठ खड़े हुए, जैसे फीनिक्स पक्षी राख से फिर जन्म लेता है।

आर्थिक संकट और वापसी की कहानी

1990 के दशक के अंत में अमिताभ ने अपनी कंपनी ABCL की शुरुआत की थी। लेकिन यह सपना जल्द ही टूट गया। कंपनी को भारी नुकसान हुआ, कर्ज चढ़ गया और हालत ऐसी हो गई कि उन्हें अपना घर तक गिरवी रखना पड़ा। करियर, इज्जत और वित्तीय स्थिति – सब कुछ डगमगाने लगा।

पर क्या उन्होंने हार मानी? नहीं। उन्होंने ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के साथ एक धमाकेदार वापसी की और खुद को न केवल आर्थिक रूप से संभाला, बल्कि फिर से अपनी लोकप्रियता के शिखर पर पहुंच गए।

लिवर की बीमारी और कमजोर होता शरीर

कुली के हादसे के समय हुए ब्लड ट्रांसफ्यूजन से उन्हें एक संक्रमित ब्लड चढ़ाया गया, जिससे उन्हें हेपेटाइटिस B हो गया। यह इन्फेक्शन उनके लिवर का 75% हिस्सा खराब कर चुका है। आज उनका लिवर सिर्फ 25% काम करता है। यह बात उन्होंने खुद सार्वजनिक रूप से बताई है।

फिर भी, उन्होंने कभी इस बीमारी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। वे लगातार काम करते रहे, अभिनय करते रहे और खुद को एक्टिव बनाए रखा।

कोविड-19 के दौरान भी दिखाया जज्बा

साल 2020 में जब कोरोना महामारी फैली, तब अमिताभ बच्चन भी इसकी चपेट में आ गए। एक बार फिर फैंस के दिल थम गए। सोशल मीडिया, मंदिर, मस्जिद, चर्च – हर जगह उनके लिए प्रार्थनाएं होने लगीं।

लेकिन कुछ ही हफ्तों में वह ठीक होकर केबीसी के मंच पर लौट आए। यह दिखाता है कि उनका आत्मबल और इच्छाशक्ति किसी भी महामारी या बीमारी से ज्यादा मजबूत है।

महानायक, पर पहले एक इंसान

अमिताभ बच्चन की हालिया ब्लॉग पोस्ट में उन्होंने सिर्फ यह दर्शाया कि उम्र भले ही शरीर को थका देती है, लेकिन हौसले को कभी खत्म नहीं कर सकती। शरीर बूढ़ा होता है, आत्मा नहीं।

उन्होंने अपने अनुभव को बिना शर्म, बिना डर, पूरी ईमानदारी से साझा किया – और यही उन्हें एक कलाकार से कहीं ऊपर ले जाता है।

निष्कर्ष: हर उम्र में प्रेरणा

अमिताभ बच्चन की कहानी सिर्फ बॉलीवुड की कहानी नहीं है, यह संघर्ष, धैर्य और आत्मबल की वह गाथा है जो हर पीढ़ी को कुछ न कुछ सिखा जाती है।

आज जब वह अपनी सीमाओं को स्वीकार करते हैं, तो यह कमजोरी नहीं, बल्कि सच्ची ताकत का प्रतीक है। वे हमें यह समझाते हैं कि जीवन हर पड़ाव पर जीने लायक है – चाहे वह सफलता का हो या संघर्ष का।

आख़िर में…

तो क्या अमिताभ बच्चन अस्पताल में हैं? क्या उनकी तबीयत बेहद खराब है?

नहीं। वे हमारे बीच हैं, सक्रिय हैं, प्रेरणा दे रहे हैं, और जब तक साँस है, तब तक उनका संघर्ष, उनका जज्बा और उनका कर्म जारी रहेगा।

वो अब भी ‘बिग बी’ हैं — बॉलीवुड के महानायक, करोड़ों दिलों की धड़कन, और करोड़ों ज़िंदगियों की प्रेरणा।

Play video :
https://youtu.be/NhkPP_NiGR8?si=HfzviEHM9YbzEi2G