“मैं दो हजार रियाल में अनुवाद कर दूंगा” – करोड़पति हंसा… लेकिन उसने और सफाई करने वाली महिला ने जो किया उससे वह हैरान रह गया।

गुरुवार की सुबह, दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हलचल थी। यात्रियों की भीड़, सामान की गड़गड़ाहट और चेक-इन काउंटर पर भाग-दौड़ का माहौल। इसी बीच, एक युवा लड़का, आर्यन, जो केवल 12 साल का था, चुपचाप हवाई अड्डे के एक कोने में बैठा था। उसके पास कुछ चॉकलेट और बिस्किट थे, जिन्हें वह यात्रियों को बेचने की कोशिश कर रहा था। उसकी आंखों में एक चमक थी, लेकिन उसकी कपड़े फटे हुए और चेहरे पर थकान थी।

आर्यन का जीवन आसान नहीं था। वह अपने माता-पिता के साथ एक छोटे से गांव में रहता था, लेकिन जब उसके पिता की नौकरी चली गई, तो परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। उसकी मां ने उसे दिल्ली भेज दिया ताकि वह वहां कुछ पैसे कमा सके। आर्यन ने हवाई अड्डे पर काम करने का फैसला किया, जहां उसने धीरे-धीरे लोगों से बातचीत करना सीखा और विभिन्न भाषाएं भी सीखीं।

एक दिन, हवाई अड्डे पर एक बड़ा आयोजन होने वाला था। कई बड़े व्यवसायी और निवेशक वहां आने वाले थे। आर्यन ने सुना कि एक प्रसिद्ध अरब व्यवसायी, शेख फहद, अपनी कंपनी के लिए निवेश खोजने आ रहे हैं। आर्यन ने सोचा कि अगर वह इस अवसर का सही उपयोग कर सके, तो शायद उसकी जिंदगी बदल सकती है।

उस दिन, आर्यन ने अपनी चॉकलेट और बिस्किट बेचने के लिए हिम्मत जुटाई। जैसे ही उसने हवाई अड्डे के टर्मिनल में कदम रखा, उसने देखा कि वहां कई लोग महंगे कपड़े पहने हुए हैं। वे सभी बातचीत कर रहे थे, हंस रहे थे, लेकिन आर्यन को अपने आप पर विश्वास नहीं हो रहा था। उसने सोचा, “क्या मैं इन लोगों के बीच में खड़ा हो सकता हूं?”

तभी, उसने शेख फहद को देखा। वह एक ऊंचे, आकर्षक व्यक्तित्व के मालिक थे, जो चारों ओर लोगों से घिरे हुए थे। आर्यन ने सोचा कि अगर वह शेख से बात कर सके, तो शायद वह उसकी मदद कर सकते हैं। उसने अपनी हिम्मत जुटाई और शेख के पास गया।

“सर, क्या आप मेरी चॉकलेट खरीदना चाहेंगे?” आर्यन ने हिम्मत करके पूछा। शेख ने उसे देखा और मुस्कुराए। “तुम्हारा नाम क्या है, छोटे?” उन्होंने पूछा। “मेरा नाम आर्यन है, सर,” उसने उत्तर दिया।

“आर्यन, तुम्हारी चॉकलेट कितनी है?” शेख ने पूछा। “सिर्फ 50 रुपये, सर,” आर्यन ने कहा। शेख ने चॉकलेट खरीदी और उसे 500 रुपये दिए। आर्यन ने चौंककर कहा, “लेकिन सर, यह बहुत ज्यादा है!”

“तुम्हें यह पैसे चाहिए, इसलिए रखो। और सुनो, तुम बहुत होशियार हो। तुम क्या करते हो?” शेख ने पूछा। आर्यन ने बताया कि वह स्कूल नहीं जा सका और हवाई अड्डे पर काम कर रहा है।

“तुम्हें पढ़ाई करनी चाहिए। तुम बहुत प्रतिभाशाली हो,” शेख ने कहा। आर्यन ने अपने सपनों के बारे में बताया कि वह एक दिन बड़ा आदमी बनना चाहता है। शेख ने उसकी बातों को ध्यान से सुना और कहा, “अगर तुम मेहनत करोगे, तो तुम अपने सपनों को पूरा कर सकते हो।”

आर्यन ने सोचा कि शेख की बातों में बहुत सच्चाई है। उसने ठान लिया कि वह मेहनत करेगा और अपनी पढ़ाई जारी रखेगा। शेख ने उसे अपना कार्ड दिया और कहा, “अगर तुम्हें कभी मदद की जरूरत हो, तो मुझसे संपर्क करना।”

कुछ हफ्तों बाद, आर्यन ने अपनी पढ़ाई शुरू की। उसने शेख के द्वारा दी गई मदद से एक अच्छे स्कूल में दाखिला लिया। वह पढ़ाई में बहुत अच्छा था और जल्दी ही सभी का ध्यान आकर्षित करने लगा। उसके शिक्षक उसकी प्रतिभा को देखकर हैरान थे।

एक दिन, स्कूल में एक भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई। आर्यन ने भाग लेने का निर्णय लिया। उसने अपने भाषण में अपने संघर्षों के बारे में बताया और यह भी कि कैसे उसने शेख फहद से प्रेरणा ली। उसके भाषण ने सभी को भावुक कर दिया।

जब प्रतियोगिता खत्म हुई, तो आर्यन को पहले पुरस्कार से नवाजा गया। उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। उसने सोचा कि यह सब शेख की मदद और उसकी मेहनत का फल है।

कुछ समय बाद, आर्यन ने अपने गांव जाने का फैसला किया। उसने अपने माता-पिता को अपनी सफलता के बारे में बताया और उन्हें गर्व महसूस कराया। उसके माता-पिता ने उसे समर्थन दिया और कहा कि वे हमेशा उसके साथ हैं।

आर्यन ने अपने गांव में एक पुस्तकालय बनाने का निर्णय लिया ताकि अन्य बच्चे भी पढ़ाई कर सकें। उसने अपने दोस्तों से मदद मांगी और सभी ने मिलकर पुस्तकालय का निर्माण किया।

कुछ महीनों बाद, आर्यन ने फिर से शेख फहद से संपर्क किया। उसने शेख को अपने गांव और पुस्तकालय के बारे में बताया। शेख ने उसकी सराहना की और कहा, “तुमने बहुत अच्छा काम किया है, आर्यन। मैं तुम्हारी मदद करूंगा।”

शेख ने पुस्तकालय के लिए किताबें और अन्य संसाधन प्रदान किए। इससे गांव के बच्चों को पढ़ाई में बहुत मदद मिली। आर्यन अब केवल एक छात्र नहीं, बल्कि गांव का नेता बन गया था।

समय गुजरता गया और आर्यन ने अपनी पढ़ाई पूरी की। उसने एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और वहां भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उसने कई भाषाएं सीखी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

आर्यन की मेहनत और संघर्ष ने उसे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उसने अपने गांव में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया और कई बच्चों को उनके सपनों को पूरा करने में मदद की।

एक दिन, जब आर्यन एक सम्मेलन में बोल रहा था, उसने कहा, “मैंने सीखा है कि पहचान और मूल्य हमारे कपड़ों या स्थिति से नहीं, बल्कि हमारी मेहनत और संघर्ष से बनते हैं। हमें कभी भी अपने सपनों का पीछा करने से नहीं डरना चाहिए।”

उसकी बातें सुनकर सभी ने तालियां बजाईं। आर्यन ने अपने जीवन की कहानी से साबित कर दिया कि अगर हम मेहनत करें और अपने सपनों पर विश्वास रखें, तो कोई भी बाधा हमें रोक नहीं सकती।

अंत में, आर्यन ने शेख फहद का धन्यवाद किया, जिसने उसे प्रेरित किया और उसकी मदद की। उसने कहा, “आपने मुझे दिखाया कि पहचान की ताकत क्या होती है। धन्यवाद!”

इस तरह, आर्यन ने न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा बन गया। उसकी कहानी आज भी लोगों को प्रेरित करती है कि मेहनत और संघर्ष से हम किसी भी स्थिति को बदल सकते हैं।

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