तलाक के 7 साल बाद पत्नी बनी SDM, पति उसी के ऑफिस के बाहर कुल्फी बेचता मिला – दिल छू लेने वाली कहानी

दोस्तों, कभी सोचा है कि किस्मत कैसे पलट सकती है? आज मैं आपको एक ऐसी सच्ची और दिल को झकझोर देने वाली कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसे सुनकर आप भी कहेंगे – “वाह, ये होती है असली जिंदगी!”

यह कहानी है बिहार की रहने वाली रविता की, जो एक साधारण परिवार से थी। उसके पापा सरकारी टीचर थे और घर में चार बहनें थीं। जिम्मेदारियों के बोझ के कारण, रविता की पढ़ाई के बीच ही उसकी शादी वैशाली के रितिक से कर दी गई। रितिक पढ़ा-लिखा था, अच्छे परिवार से था, लेकिन शादी के बाद उसकी असलियत सामने आई – वह शराबी था, गुस्सैल था, और अपने दोस्तों के साथ गलत संगत में पड़ गया था।

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रविता ने बहुत कोशिश की कि रितिक सुधर जाए, लेकिन उसकी जिंदगी रोज मारपीट, गाली-गलौज और जिल्लत से भर गई। आखिरकार, तंग आकर रविता ने अपने पापा को सब कुछ बताया। कोर्ट में तलाक हुआ, रितिक ने साफ कह दिया – “मुझे इस औरत के साथ नहीं रहना!” तलाक के बाद रविता ने हार नहीं मानी। वह पटना गई, खुद को संभाला, और चार साल तक दिन-रात एक करके पढ़ाई की। आखिरकार, उसकी मेहनत रंग लाई और वह SDM (उपजिलाधिकारी) बन गई।

दूसरी तरफ, रितिक की हालत बद से बदतर होती गई। शराब और गलत संगत ने उसकी सारी प्रॉपर्टी, दुकान और जमीन छीन ली। उसके पापा भी गुजर गए और मां अकेली रह गई। रितिक गांव छोड़कर शहर में कुल्फी बेचने लगा।

कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब रविता का ट्रांसफर उसी जिले में हो जाता है जहाँ रितिक कुल्फी बेच रहा था। हर दिन ऑफिस जाते वक्त रविता देखती थी कि गेट के बाहर एक कुल्फी वाला बैठा है, लेकिन उसने कभी उसका चेहरा नहीं देखा क्योंकि वह हमेशा गमछा बांधे रहता था। एक दिन, जब वह खुद कुल्फी लेने गई, तो सामने रितिक को देखकर उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। रितिक भी उसे पहचान नहीं पाया, लेकिन जब रविता ने मास्क हटाया, तो रितिक की आँखों से आँसू बह निकले।

रविता ने अपने पुराने पति से सवाल किए – “तुम इस हाल में कैसे आ गए?” रितिक ने रोते हुए अपनी सारी कहानी सुनाई – कैसे दोस्तों ने धोखा दिया, जमीन हड़प ली, दुकान बिक गई, और मां बेबस है।

रविता ने इंसानियत दिखाई। उसने तहसीलदार से मिलकर रितिक की सारी प्रॉपर्टी के कागज निकलवाए, केस लड़ा और एक-एक करके सारी जमीन और दुकान वापस दिलवा दी। साथ ही, रितिक को तहसील के अंदर एक छोटी सी दुकान भी दिलवा दी। लेकिन किसी को नहीं बताया कि वह उसकी पूर्व पत्नी है।

धीरे-धीरे रितिक की जिंदगी पटरी पर आने लगी। उसने शराब छोड़ दी, मां का ख्याल रखने लगा और अपना काम ईमानदारी से करने लगा। एक दिन, रितिक ने हाथ जोड़कर रविता से कहा – “क्या अब हम फिर से एक साथ रह सकते हैं?” रविता ने मुस्कुराकर कहा – “अभी नहीं, पहले खुद को पूरी तरह बदलो, फिर सोचेंगे।”

कुछ महीनों बाद, दोनों ने एक मंदिर में दोबारा शादी की। जब रविता 12 साल बाद अपने ससुराल लौटी, तो उसकी सास की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। घर में फिर से खुशियाँ लौट आईं, रितिक पूरी तरह बदल चुका था और दोनों ने मिलकर एक नई जिंदगी शुरू की।

दोस्तों, यह कहानी हमें सिखाती है कि औरत अगर ठान ले तो अपनी और दूसरों की किस्मत बदल सकती है। रविता जैसी बेटियाँ सच में देवी का रूप होती हैं – जो न सिर्फ खुद को, बल्कि दूसरों को भी उजाले में ले आती हैं।

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