धर्मेंद्र जी का अंतिम सफर: एक युग का अंत, परिवार और फैंस की आंखों में आंसू

प्रस्तावना

हिंदी सिनेमा के महानायक, करोड़ों दिलों पर राज करने वाले धर्मेंद्र जी अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके निधन की खबर ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश को गहरे शोक में डुबो दिया है। उनकी अंतिम यात्रा, परिवार के सदस्यों की भावनाएं, और उनके जीवन के अनगिनत पहलुओं को याद करते हुए यह लेख उनके प्रति श्रद्धांजलि है। धर्मेंद्र जी का जाना एक युग के अंत जैसा है, जिसकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।

अंतिम संस्कार का दृश्य

धर्मेंद्र जी के निधन के बाद, उनके पार्थिव शरीर को विले पार्ले श्मशान घाट ले जाया गया। वहां सुबह से ही फिल्म इंडस्ट्री के बड़े-बड़े सितारे, राजनेता, दोस्त, और हजारों फैंस जुट गए थे। हर किसी की आंखें नम थीं, और माहौल पूरी तरह गमगीन था। अंतिम संस्कार के समय अमिताभ बच्चन, आमिर खान, सलमान खान, शाहरुख खान, जावेद अख्तर, हेमा मालिनी, और कई अन्य दिग्गज मौजूद थे। सभी ने नम आंखों से धर्मेंद्र जी को अंतिम विदाई दी।

परिवार के सदस्य भी भारी मन से वहां मौजूद थे। करण देओल, जो धर्मेंद्र जी के पोते हैं, वे अस्थियों का कलश लेकर घर लौटे। जब अस्थियां घर पहुंचीं, तो पूरा माहौल एक बार फिर शोक और आंसुओं से भर गया। परिवार के हर सदस्य के लिए यह क्षण बहुत कठिन था। धर्मेंद्र जी के जाने के बाद घर का हर कोना सूना-सूना लग रहा था।

सनी देओल: बेटे से बढ़कर दोस्त

अंतिम संस्कार के बाद, जब सभी लोग लौट गए, तो एक दृश्य ने सभी को भावुक कर दिया। सनी देओल, धर्मेंद्र जी के बड़े बेटे, अकेले चिता के पास घंटों बैठे रहे। उनकी आंखों से आंसू लगातार बह रहे थे। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि सनी उस समय किसी से एक शब्द भी नहीं बोले। वे बस अपने पिता के पास बैठे रहे, जैसे उनसे अलग होने का मन ही नहीं कर रहा हो।

धर्मेंद्र जी और सनी देओल का रिश्ता हमेशा एक साधारण पिता-पुत्र जैसा नहीं, बल्कि दोस्ती जैसा रहा। धर्मेंद्र अक्सर कहते थे कि सनी उनके लिए सिर्फ बेटा नहीं, बल्कि उनका सहारा है। जब धर्मेंद्र जी की तबीयत बिगड़ी, तब से सनी ने उनकी पूरी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली थी। अस्पताल में दिन-रात रहना, डॉक्टरों से बात करना, दवाइयां देना, खाना खिलाना—हर छोटी-बड़ी चीज सनी खुद करते थे। कई बार तो वे रात भर धर्मेंद्र जी के कमरे के बाहर ही बैठे रहते थे, और नींद उनके पास तक नहीं आती थी।

डॉक्टरों ने कई बार कहा कि आप घर जाइए, थोड़ा आराम कर लीजिए, लेकिन सनी ने कभी घर जाने का मन नहीं बनाया। उनका कहना था, “जब तक मेरे पापा ठीक नहीं हो जाते, मैं कहीं नहीं जाऊंगा।” परिवार के लोग भी हैरान थे कि सनी ने खुद की परवाह किए बिना अपने पिता की सेवा में खुद को समर्पित कर दिया था।

बॉबी देओल: मासूमियत और भावनाओं का रिश्ता

बॉबी देओल का अपने पिता धर्मेंद्र जी से रिश्ता थोड़ा अलग था। बॉबी हमेशा अपने पिता के सामने एक भावुक बच्चे जैसे रहते थे। धर्मेंद्र भी बॉबी के लिए हमेशा नरम दिल वाले पिता की तरह थे। जब भी बॉबी किसी परेशानी में होते, सबसे पहले धर्मेंद्र ही उन्हें समझाते और संभालते थे।

अंतिम संस्कार के दिन बॉबी देओल का रोना रुक नहीं रहा था। वे पूरी तरह टूट चुके थे। परिवार के लोग बताते हैं कि बॉबी अपने पिता के सामने बिल्कुल बच्चों जैसे हो जाते थे, और धर्मेंद्र भी उन्हें उसी प्यार से संभालते थे। बॉबी अक्सर कहते थे कि उनके पिता उनके जीवन का सबसे बड़ा सहारा हैं।

धर्मेंद्र: एक पिता, एक गुरु, एक प्रेरणा

धर्मेंद्र जी ने न केवल अपने बेटों को जीवन के हर मोड़ पर मार्गदर्शन दिया, बल्कि उन्हें सिनेमा की दुनिया में भी सही दिशा दिखाई। सनी और बॉबी दोनों को धर्मेंद्र ने ही फिल्म इंडस्ट्री में लॉन्च किया। सनी देओल को 1983 में ‘बेताब’ फिल्म से लॉन्च किया गया, जो सुपरहिट साबित हुई। धर्मेंद्र खुद शूटिंग के दौरान सेट पर मौजूद रहते थे और हर सीन के बाद सनी को समझाते थे कि कैसे बेहतर करना है।

बॉबी देओल को भी उन्होंने बड़े प्यार से ‘बरसात’ फिल्म में लॉन्च किया। धर्मेंद्र हमेशा कहते थे कि उनके बेटों की मुस्कान और मासूमियत ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। वे चाहते थे कि दोनों बेटे अपने दम पर आगे बढ़ें और जीवन में सफल हों।

देओल परिवार: एकता और प्यार की मिसाल

देओल परिवार हमेशा से एकजुट और प्यार से भरा परिवार रहा है। धर्मेंद्र सिर्फ अपने बेटों तक सीमित नहीं थे, बल्कि पूरा विस्तृत परिवार उनके प्यार से भरा हुआ था। वे हर रिश्ते को दिल से निभाने वाले इंसान थे। यही वजह थी कि उनके जाने के बाद घर के बाहर और अंदर दोनों जगह लोग लगातार श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं।

सनी और बॉबी दोनों कई बार इंटरव्यू में कह चुके हैं कि उनके पिता ने उन्हें सिर्फ अभिनय नहीं, बल्कि जीवन जीना भी सिखाया। धर्मेंद्र हमेशा अपने बच्चों के साथ दोस्त, गुरु और साथी जैसे रहते थे। वे कहते थे, “अगर मेरे पिता ने मुझे रास्ता न दिखाया होता, तो मैं आज यहां नहीं होता।”

फैंस और इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया

धर्मेंद्र जी के निधन के बाद सोशल मीडिया पर शोक संदेशों की बाढ़ आ गई। फैंस, सेलेब्रिटी, और आम लोग उनके पुराने वीडियो, गाने, और संवाद शेयर कर रहे हैं। कई लोग घर के बाहर मोमबत्तियां जलाकर, फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। हर कोई यही कह रहा है कि धर्म पाजी जैसा इंसान दोबारा नहीं मिलेगा। उनकी फिल्मों ने कई पीढ़ियों को जोड़ा है, और उनके संवाद, उनकी मुस्कान हमेशा लोगों की यादों में जिंदा रहेंगे।

चौथे की तैयारी

अब परिवार चौथे की रस्म की तैयारी कर रहा है। खबर है कि चौथे के दिन देश भर से लोग, फिल्म इंडस्ट्री के बड़े सितारे, और धर्मेंद्र के करीबी दोस्त वहां मौजूद रहेंगे। परिवार पूरी तरह शोक में है, लेकिन फिर भी रस्मों को निभाने के लिए खुद को संभाल रहा है। सनी देओल लगातार घर के अंदर ही हैं, किसी से ज्यादा बातचीत नहीं कर रहे हैं, और अपने पिता की पुरानी तस्वीरें देखकर भावुक हो रहे हैं। बॉबी भी बार-बार अपने पिता की चीजें देख रहे हैं, और परिवार के लोग कह रहे हैं कि आज घर का हर कोना उनके बिना खाली-खाली लग रहा है।

एक युग का अंत

धर्मेंद्र जी का जाना सिर्फ एक अभिनेता का जाना नहीं है, बल्कि एक युग का अंत है। उन्होंने न सिर्फ पर्दे पर, बल्कि असल जिंदगी में भी लोगों के दिलों पर राज किया। उनके जाने के बाद हर तरफ सिर्फ एक ही बात हो रही है कि एक पूरा युग खत्म हो गया। धर्मेंद्र की फिल्मों, उनके गानों, उनकी मुस्कान, और उनके संवादों ने लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी है।

निष्कर्ष

धर्मेंद्र जी का जीवन प्रेरणा से भरा रहा है। उन्होंने अपने परिवार, दोस्तों, और फैंस को हमेशा प्यार और अपनापन दिया। उनके बेटे सनी और बॉबी ने जिस तरह अपने पिता की सेवा की, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल है। आज पूरा देश उनके परिवार के साथ खड़ा है, और भगवान से प्रार्थना कर रहा है कि उनकी आत्मा को शांति मिले।

धर्मेंद्र जी की यादें, उनके संवाद, और उनकी मुस्कान हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी। उनके जाने के बाद यह घर, यह इंडस्ट्री, और यह देश कभी पहले जैसा नहीं रहेगा। लेकिन उनकी विरासत हमेशा हमारे साथ रहेगी।

धर्मेंद्र जी को भावभीनी श्रद्धांजलि।