छात्रा अपनी शिक्षिका मिस सीमा की दीवानी हो गई। उसने उनसे वह बात कह दी, जो केवल पति से कही जाती है।
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प्यार का अनोखा सफर
भूमिका
जब से मैंने तुम्हें देखा है, मुझसे रहा नहीं जा रहा। यह वाक्य एक 19 साल के युवा तरुण के दिल की गहराइयों से निकलकर उसके होंठों पर आ गया था। यह कहानी जयपुर की गर्मी की छुट्टियों की है, जब शहर के सबसे मशहूर स्कूल के बच्चे पिकनिक पर जा रहे थे। बस में हंसी-मजाक, गानों की धुन और बेफिक्र बचपन की गूंज थी। लेकिन इसी बस में एक ऐसी कहानी भी जन्म ले रही थी, जो दिल की धड़कनें बढ़ा रही थी।
पहली नजर का प्यार
यह कहानी थी तरुण और उनकी टीचर मिस सीमा की। मिस सीमा, जिनकी उम्र 40 पार कर चुकी थी, लेकिन उनकी चाल, मुस्कान और आंखों में वह चमक आज भी बरकरार थी, जो किसी को भी दीवाना बना दे। वह जितनी मॉडर्न थीं, उतनी ही खूबसूरत भी। उनकी सादगी में एक आग छिपी थी जिसे हर कोई महसूस कर सकता था। इसी बस में, बिल्कुल पीछे की सीट पर बैठा था तरुण। उसकी आंखें बस एक ही जगह पर टिकी थीं – मिस सीमा पर। वह उन्हें छिपकर देखता रहता था। उसकी आंखों में एक अजीब सी प्यास थी, एक ऐसी चाहत जो शायद उसे खुद भी नहीं पता थी।
हर बार जब मिस सीमा बस में एक जगह से दूसरी जगह जातीं, तरुण की निगाहें उनकी कमर के घुमाव पर थम जातीं। वह उनकी हर अदा को, हर हलचल को अपनी आंखों में कैद कर लेना चाहता था। उसे लगा कि वह किसी की नजर में नहीं है, लेकिन प्यार और आकर्षण की नजर को भला कौन रोक पाया है।
मिस सीमा की जिज्ञासा
मिस सीमा ने भी महसूस किया। वह जानती थीं कि तरुण अक्सर उन्हें देखता है। पहले तो उन्होंने इसे बस एक शरारती लड़के की आदत समझा, लेकिन जब यह सिलसिला रोज का हो गया, तो वह इस उत्सुकता को रोक नहीं पाईं। आखिर वह देखना चाहती थीं कि इस मासूम से लड़के की आंखों में क्या है।
बस की धीमी रफ्तार
पहाड़ों के मोड़ पर बस थोड़ी धीमी हुई। तभी मिस सीमा ने एक गहरी सांस ली और धीरे से चलते हुए तरुण की सीट के पास आ गईं। उनके आने से बस में एक अजीब सी खामोशी छा गई। उनकी मौजूदगी में एक ऐसी कशिश थी कि तरुण का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा। उन्होंने तरुण के बगल में उसकी खाली सीट पर बड़े ही आराम से बैठ गईं। तरुण का चेहरा पीला पड़ गया। उसे लगा शायद उसकी चोरी पकड़ी गई है। उसे डर लगा, शर्म महसूस हुई और एक पल के लिए तो उसे लगा कि वह बस में बैठा ही नहीं है बल्कि किसी और ही दुनिया में पहुंच गया है।
हाथों का स्पर्श
मिस सीमा ने उसकी बेचैनी को महसूस किया। उन्होंने तरुण का हाथ धीरे से अपने हाथ में लिया। तरुण का दिल कांप उठा। मिस सीमा ने बिना एक भी शब्द बोले उसे महसूस कराया कि वह उसके साथ हैं। और फिर उनके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आई। उन्होंने तरुण के कान में बहुत ही धीरे से कांपती हुई आवाज में फुसफुसाया, “क्या मैं तुम्हें पसंद हूं?”
तरुण की घबराहट
यह सवाल सुनकर तरुण बिल्कुल घबरा गया। उसकी सांसे अटक गईं। उसने डरते हुए कहा, “नहीं मैम, ऐसा कुछ नहीं है।” मिस सीमा मुस्कुराईं। उनकी आंखों में शरारत आ गई थी। उन्होंने कहा, “तो फिर मुझे बार-बार क्यों देख रहे थे?” तरुण कुछ देर चुप रहा। उसकी हिम्मत जवाब दे गई थी। उसने फिर से हिम्मत जुटाई और धीरे से बहुत ही धीरे से कहा, “मैम, मैं… मैं आपके साथ।” और वह फिर से चुप हो गया। शब्दों ने उसका साथ छोड़ दिया।
सीमा का समझाना
मिस सीमा ने उसकी अधूरी बात को पूरा किया, “तुम मेरे साथ रहना चाहते हो, है ना?” तरुण ने बिना कुछ बोले बस अपनी गर्दन झुका दी। मिस सीमा ने उसकी चुप्पी को समझा। वह जानती थीं कि इस उम्र में यह सब कितना मुश्किल होता है। उन्होंने तरुण के सिर पर हाथ रखा और कहा, “बस थोड़ी देर और, फिर यह सफर खत्म हो जाएगा।”
होटल में ठहराव
कुछ देर बाद बस एक हाईवे साइड होटल पर रुकी। सभी बच्चे खाना खाने के लिए नीचे उतर गए। बस खाली हो गई। लेकिन तरुण और मिस सीमा दोनों वहीं थे। जब तरुण बस से नीचे उतरने लगा तो मिस सीमा ने उसे आवाज दी, “तरुण, तुम यहीं रुकोगे। मेरी तबीयत थोड़ी ठीक नहीं लग रही है।” तरुण उनकी बात सुनकर थोड़ा हैरान हुआ। पर वह जानता था कि यह एक इशारा है। यह एक ऐसी बात है जिसे कोई और नहीं समझ सकता। उसने हां में गर्दन हिलाई और वापस अपनी सीट पर बैठ गया।
खामोशी का एहसास
अब बस में कोई नहीं था। केवल वह दोनों थे। बाहर गर्मी थी, अंदर एक अजीब सी ठंडक। खिड़की से आती हवा उनके बीच की खामोशी को और गहरा कर रही थी। मिस सीमा ने तरुण का हाथ पकड़ा और उसे अपनी ओर खींचा। तरुण सीधा बस की सीट पर जा गिरा। मिस सीमा उसके ऊपर झुक गईं। उनकी सांसों की गर्म हवा तरुण के चेहरे पर लग रही थी। उन्होंने तरुण की आंखों में देखा और बहुत ही धीमी आवाज में कहा, “लगता है तुम्हें बहुत भूख लगी है, है ना? अपनी भूख बुझा लो।”
तरुण का नया एहसास
तरुण ने आंखों में आंसू लिए बस उनकी ओर देखा। उसकी आंखों में डर नहीं था, बल्कि एक अजीब सी प्यास थी। एक ऐसा एहसास जो वह शायद पहली बार महसूस कर रहा था। मिस सीमा ने भी उसकी आंखों में वही प्यास देखी और फिर वे एक-दूसरे में खो गए। एक पल में उनकी सारी दूरियां मिट गईं। बस में एक अजीब सी खामोशी छा गई। बस की खिड़कियों से बाहर की दुनिया दिख रही थी, लेकिन अंदर की दुनिया कहीं और ही थी।
बच्चों की वापसी
जब सारे बच्चे वापस आए तो तरुण और मिस सीमा दोनों ही शांत थे। उनकी आंखों में एक अलग सी चमक थी। बस फिर से चल पड़ी, पहाड़ों से गुजरती हुई, खेतों से निकलती हुई। यह सफर शायद अब खत्म हो चुका था, लेकिन इस सफर की यादें हमेशा के लिए उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गईं।
पार्क में नई शुरुआत
फिर बस हाईवे पर चलने लगी और बस एक पार्क के सामने रुकी। फिर सभी बच्चे और तरुण और मिस सीमा भी इस बार बस से नीचे उतरे। इस बार उन्होंने पार्क में एक-दूसरे के हाथ में हाथ रखकर घूमना शुरू किया। उन्होंने पार्क में वाटर पार्क में स्लाइडर में घूमने और कई जानवरों को देखने का आनंद लिया। उन्होंने कई फोटो और सेल्फी भी खींचीं। दोनों के बीच एक गहरा रिश्ता बन गया जो सदियों तक बना रहेगा। उन्होंने वहां बहुत मजे किए।
स्कूल की नई दिनचर्या
अब तरुण रोजाना स्कूल आता। वह होमवर्क नहीं करता तो भी सीमा मैडम से कुछ नहीं करतीं। अब क्लासरूम में भी उन दोनों की आंखों का टकराव होने लगा। वह एक-दूसरे के बिना रह नहीं सकते थे। कुछ दिनों बाद, मिस सीमा ने अपने बूढ़े पति को तलाक दे दिया और तरुण के साथ कोर्ट में जाकर लव मैरिज कर ली। यह मैरिज एक ऐतिहासिक बन गई जिसने उम्र का लिहाज नहीं देखा। उन्होंने सिर्फ प्यार देखा जो उम्र भर उन दोनों का साथ निभाएगा।
पारिवारिक जीवन
वह दोनों अपनी जिंदगी खुशी से जीने लगे। कुछ दिनों बाद उनका एक प्यारा सा बेटा हुआ, जिसका नाम रोहन रखा गया। रोहन दिखने में बहुत ही आकर्षक और सुंदर था। रोहन भी उसी स्कूल में पढ़ने जाता था। मिस सीमा अब काफी बूढ़ी हो चुकी थीं। उन्होंने स्कूल से इस्तीफा ले लिया था और वह घर पर ही रहती थीं। वह ट्यूशन क्लास चलाती थीं जहां काफी बच्चे आया करते थे।
तरुण का व्यवसाय
तरुण ने भी अपना एक छोटा सा बिजनेस खोल रखा था कर बाजार का, जहां वह पुराने सामान बेचा करता था और अपनी जिंदगी निकाल रहा था। उनका जीवन एक नई दिशा में बढ़ रहा था। तरुण और मिस सीमा के बीच का प्यार अब एक परिवार में तब्दील हो चुका था।
समाज की प्रतिक्रिया
हालांकि, समाज में उनके रिश्ते को लेकर कई तरह की बातें चलती रहीं। लोगों ने उन्हें अजीब नजरों से देखा, लेकिन तरुण और मिस सीमा ने कभी भी परवाह नहीं की। उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण था उनका प्यार और उनका बेटा। उन्होंने साबित कर दिया कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती, और यह किसी भी बंधन से परे होता है।
प्यार की जीत
कुछ सालों बाद, रोहन बड़ा हो गया और उसे अपने माता-पिता की प्रेम कहानी के बारे में पता चला। उसने अपने माता-पिता से कहा, “आपकी प्रेम कहानी बहुत खूबसूरत है। मुझे यह जानकर बहुत अच्छा लगता है कि आप दोनों ने समाज की परवाह किए बिना अपने प्यार का साथ दिया।”
सीख और समझ
मिस सीमा और तरुण ने अपने बेटे को यह सिखाया कि प्यार केवल एक भावना नहीं है, बल्कि यह एक समझ और सम्मान का नाम है। उन्होंने उसे बताया कि प्यार में कभी भी उम्र का बंधन नहीं होता। उन्होंने उसे यह भी सिखाया कि समाज की सोच को बदलने के लिए हमें पहले खुद को बदलना होगा।
अंतिम विचार
यह कहानी सिर्फ एक टीचर और स्टूडेंट की नहीं थी, बल्कि एक ऐसी यात्रा थी जो दिल से शुरू हुई और दिल पर ही खत्म हो गई। यह कहानी थी दो आत्माओं की जो कुछ समय के लिए एक-दूसरे से मिलीं और फिर हमेशा के लिए अलग हो गईं। लेकिन इस मुलाकात ने उन्हें एक ऐसा सबक दिया जिसे वे कभी नहीं भूलेंगे।
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