अधूरी मोहब्बत का मुकम्मल सफर

दिल्ली का सरकारी अस्पताल, जहाँ हर रोज़ सैकड़ों लोग अपनी तकलीफों के साथ कतार में खड़े रहते हैं। उन्हीं में आज कोमल भी थी, अपनी छोटी सी बेटी को गोद में लिए। उसके चेहरे पर इंतजार की शांति थी, जैसे ज़िंदगी ने उसे इंतजार करना ही सिखा दिया हो।

अचानक लाइन के पीछे से तेज़ खांसी की आवाज़ आई। कोमल के कान चौकन्ने हो गए। यह आवाज़ उसे जानी-पहचानी लगी। भीड़ के बीच उसने देखा—एक दुबला पतला, बिखरे बालों वाला आदमी, पुराने कपड़े, कांपता शरीर और टूटे हावभाव। कोमल के होंठ बुदबुदाए, “प्रकाश?” हाँ, वही प्रकाश, उसका पति, जिसे देखे बरसों बीत चुके थे।

कोमल ने धीरे से पुकारा। प्रकाश ने सिर उठाया, आँखें भर आईं, और अगले ही पल वह सीधे कोमल के पैरों में गिर पड़ा। भीड़ हैरान थी। प्रकाश रोते हुए बोला, “कोमल, मुझसे बहुत गलती हो गई। मैंने तुम्हें छोड़ा, तुम्हें दुख दिया। मैं माफी के लायक नहीं हूँ, फिर भी अगर हो सके तो मुझे माफ कर दो।”

इतने साल बाद अचानक उसका पति इस हालत में देखकर कोमल का दिल सिहर उठा। उसकी आँखों के सामने शादी के दिन की खुशियाँ और 2021 का वह काला दिन घूम गया जब प्रकाश ने उसे छोड़ दिया था। कोमल की बेटी उसकी चुन्नी खींचने लगी। प्रकाश ने पहली बार बच्ची को देखा—उसकी आँखें और भी भर आईं। कांपते स्वर में पूछा, “यह तुम्हारी बेटी है?” कोमल ने ठहरकर कहा, “हाँ प्रकाश, यह हमारी ही बेटी है।”

प्रकाश के हाथ आगे बढ़े, मगर तुरंत पीछे खींच लिए। “नहीं, इसे मुझसे दूर रखो। मुझे खतरनाक बीमारी है, अगर इसे कुछ हो गया तो मैं मर जाऊंगा।” कोमल का दिल द्रवित हो उठा। उसने प्रकाश को उठाया और पास की बेंच पर बैठाया। अब भीड़ चुपचाप देख रही थी। एक अधूरी प्रेम कहानी का पहला पन्ना सबके सामने खुल चुका था, जिसमें प्यार, धोखा और पछतावा एक साथ खड़े थे।

बीते दिनों की परछाई

प्रकाश और कोमल की शादी 2019 में प्यार से हुई थी। शुरू के साल बहुत अच्छे गुज़रे। कोमल ने सास की सेवा की, घर संभाला, और प्रकाश नौकरी से अच्छी कमाई करता था। सब कुछ सामान्य और सुखी लग रहा था। लेकिन 2021 में अचानक सब बदल गया। एक दिन प्रकाश घर लौटा और बोला, “या तो तुम मुझे तलाक दे दो, वरना मैं अपनी जान ले लूंगा।”

कोमल हैरान रह गई। वजह पूछी तो प्रकाश ने सिर झुकाकर कहा, “मैं कंपनी में काम करने वाली रूपाली से प्यार करने लगा हूँ और उसी से शादी करना चाहता हूँ।” यह सुनते ही कोमल का कलेजा फट गया। उसने रोते हुए कहा, “क्या कमी है मुझमें?” लेकिन प्रकाश ने साफ कह दिया कि वह अब कोमल के साथ नहीं रह सकता। उसने धमकी दी कि अगर तलाक नहीं मिला तो वह खुदकुशी कर लेगा।

प्रकाश की माँ बेटे को डांटने लगीं, मगर कोमल ने ही उन्हें रोक लिया। बोली, “अगर यह मुझसे खुश नहीं है तो मैं खुद ही इनकी जिंदगी से चली जाऊंगी। लेकिन तलाक मैं कभी नहीं दूंगी।” कोमल ने अपना सामान बाँधा और मायके चली गई। जाते-जाते उसकी आँखों में आँसू थे, मगर दिल अब भी उसी पति के लिए धड़क रहा था।

मायके पहुँचकर उसने अपने माता-पिता को सारी बात बताई। घरवाले बोले, “बेटी, कोर्ट में केस कर ताकि उसे सबक मिले।” लेकिन कोमल ने साफ मना कर दिया। “मैंने उससे सच्चा प्यार किया है, चाहे उसने मुझे छोड़ दिया हो मगर मैं उसके खिलाफ कुछ नहीं करूंगी।”

प्रकाश का नया जीवन

प्रकाश ने रूपाली को घर ले आया। शुरुआत में सब ठीक लगा, लेकिन धीरे-धीरे रूपाली की असलियत सामने आ गई। वह न घर संभालती, न माँ की देखभाल करती। देर रात पार्टियों में जाना, दोस्तों-रिश्तेदारों की महफिलें, शराब, गाने—घर का माहौल बदल गया। माँ का दिल टूट गया, और बेटे की उपेक्षा व बहू की बेरुखी से उनकी तबीयत बिगड़ गई। कुछ समय बाद उनका निधन हो गया। अब घर में केवल प्रकाश और रूपाली थे।

प्रकाश को कोमल की याद सताने लगी। कहीं न कहीं उसके दिल में खालीपन था, जिसे रूपाली कभी भर नहीं पाई। धीरे-धीरे झगड़े बढ़ने लगे। तनाव से तंग आकर प्रकाश ने नौकरी छोड़ दी। रूपाली आग बबूला हो गई। “अब आलसी बनकर बैठ गए हो?”

प्रकाश ने अपना पुश्तैनी घर बेच दिया और एक नया फ्लैट खरीदा। रूपाली ने शर्त रखी, “यह फ्लैट मेरे नाम करवा दो।” प्रकाश ने इंकार कर दिया। अब रूपाली खुलकर अपने मायके वालों को फ्लैट पर बुलाने लगी। रोज़ शराब, डांस और पार्टियाँ। प्रकाश का सिर शर्म से झुक जाता मगर वह कुछ कर नहीं पाता।

बीमारी, अकेलापन और पछतावा

नशे, तनाव और भूख-प्यास की अनदेखी ने प्रकाश को बीमार कर दिया। डॉक्टर ने बताया—टीबी है, गंभीर हालत है। रूपाली ने उसे फ्लैट से निकाल दिया। एक छोटे किराए के कमरे में प्रकाश की ज़िंदगी कैद होकर रह गई थी। अब उसके पास सिर्फ बीमारी और पछतावा था।

वह हर रोज़ कोमल को याद करता। उसे लगता, “अगर वह होती तो आज मेरी यह हालत ना होती।” कभी-कभी उसकी आँखों से आँसू अपने आप निकलते। बीमारी ने उसके शरीर को खोखला कर दिया था और पछतावे ने आत्मा को।

फिर से मुलाकात

एक दिन उसने हिम्मत जुटाई और सरकारी अस्पताल जाने का फैसला किया। वहीं उसकी मुलाकात कोमल से हुई। प्रकाश ने रोते हुए कहा, “मुझसे गलती हुई कोमल, बहुत बड़ी गलती। मैंने तुम्हें छोड़ा, तुम्हें दर्द दिया। आज समझ आया कि असली सुख-दुख का साथ कैसा होता है। मुझे माफ कर दो।”

कोमल चुप थी। उसकी गोद में बच्ची थी। उसने धीरे से कहा, “यह तुम्हारी ही बेटी है प्रकाश। जब तुमने मुझे निकाला था, उसी समय मैं मां बनने वाली थी। मुझे छोड़कर जीने की हिम्मत तो नहीं थी, लेकिन इस बच्ची ने मुझे जिंदा रखा।”

प्रकाश ने बच्ची को छूने के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन तुरंत पीछे खींच लिया। “नहीं, इसे मुझसे दूर रखो। मैं बीमार हूँ।” कोमल ने उसे उठाकर पास की बेंच पर बैठाया, डॉक्टर से मिलकर इलाज शुरू कराया और वादा किया कि अब वह खुद उसका ख्याल रखेगी।

जिंदगी का नया मोड़

कई हफ्तों तक कोमल रोज़ फोन कर प्रकाश को दवाई लेने की याद दिलाती रही। धीरे-धीरे उसकी हालत सुधरने लगी। चार महीने बाद वह पहले से कहीं बेहतर हो गया। अब उसमें जीने की चाह लौट आई थी।

एक दिन प्रकाश बोला, “कोमल, मैं फिर से तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ। हमारी शादी कभी टूटी नहीं थी, सिर्फ मेरा भरोसा टूटा था। अब मैं समझ चुका हूँ कि तुम ही मेरी असली जीवन साथी हो। क्या तुम मुझे दूसरा मौका दोगी?”

कोमल ने लंबी सांस ली, “फैसला मेरे मां-बाप का होगा। जब तुमने मुझे छोड़ा था, उन्होंने ही मुझे सहारा दिया था।”

अगले दिन प्रकाश उनके घर पहुँचा। सास-ससुर के पैरों में गिरकर बोला, “मुझे माफ कर दीजिए। मैंने आपकी बेटी को बहुत दुख दिया। अब मैं सुधर चुका हूँ।” पहले तो वे गुस्से में थे, बोले, “अगर कल फिर कोई और औरत मिल गई तो हमारी बेटी को फिर चोट दोगे?” प्रकाश हाथ जोड़कर बोला, “नहीं बाबूजी, अब मैं कभी गलती नहीं करूंगा।”

कोमल ने भी कहा, “इंसान से गलती होती है। अगर यह सच में पछता रहे हैं तो इन्हें माफ कर दीजिए।” आखिरकार परिवार ने हाँ कर दी। सब प्रकाश के फ्लैट पहुँचे। रूपाली ने रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रकाश की हिम्मत के सामने वह हार गई। आखिरकार वह अपना सामान उठाकर वहां से चली गई। बाद में प्रकाश ने कानूनी प्रक्रिया द्वारा रूपाली से तलाक ले लिया।

अब घर में फिर से वही कोमल थी, वही बेटी और एक पछतावे से सुधरा हुआ पति। प्रकाश ने कसमें खाईं कि अब कभी अपनों का दिल नहीं दुखाएगा। उनकी शादी की कहानी जो 2019 में शुरू हुई, 2021 में टूटी, लेकिन 2025 में फिर से जुड़ गई। आंसुओं, दर्द और पछतावे के बीच यह परिवार आखिरकार एक हो गया।

कभी-कभी इंसान लालच और मोह में अपनों को खो देता है। लेकिन जब जिंदगी सबक सिखाती है, तब एहसास होता है कि सच्चे रिश्ते वही होते हैं जो हर हाल में साथ निभाए।

दोस्तों, क्या आपको लगता है कि कोमल ने प्रकाश को माफ करके सही किया? या उसे अपनी गलती की और बड़ी सजा मिलनी चाहिए थी? अपनी राय जरूर बताइए।

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