एयरलाइन ने बुजुर्ग को ग़रीब समझकर बिज़नेस क्लास से निकाला, लेकिन कहानी ने लिया चौंकाने वाला मोड़!
एक बुजुर्ग यात्री की बेइज्जती और एयरलाइन का सबक
जब वह चेक-इन काउंटर पर पहुंचा तो वहां खड़ी कर्मचारी अर्पिता ने उसकी टिकट देखकर मजाक करते हुए कहा, “बाबा जी, यह बिजनेस क्लास का टिकट है। आपने खुद खरीदा या किसी ने दे दिया?” पीछे खड़े लोग भी हंसने लगे। बुजुर्ग ने शांत स्वर में कहा, “बेटी, मैंने यह टिकट अपने पैसे से खरीदा है।”
लेकिन एयरलाइन के स्टाफ ने उसकी बात को अनसुना कर दिया। उन्होंने उसे बार-बार कहा कि वह बिजनेस क्लास के योग्य नहीं है और उसे इकोनॉमी क्लास में जाना होगा। यह सुनकर बुजुर्ग की आंखों में आंसू आ गए। उसने कहा, “बेटा, मैंने अपनी मेहनत के पैसे से यह टिकट खरीदा है। बिजनेस क्लास में सफर करना मेरा हक है।”
इसी बीच, एक अमीर आदमी काउंटर पर आया और बिजनेस क्लास की टिकट मांगी। जब स्टाफ ने बताया कि बिजनेस क्लास फुल है, उसने दोगुनी कीमत देने की पेशकश की। स्टाफ ने तुरंत बुजुर्ग की सीट छीनकर उसे देने की कोशिश की।
बुजुर्ग ने विरोध करते हुए कहा, “यह सीट मेरी है। मैंने इसके पैसे दिए हैं। आप इसे कैसे छीन सकते हैं?” लेकिन स्टाफ ने उसकी बात को नजरअंदाज कर दिया।
तभी फ्लाइट मैनेजर विकास गुप्ता वहां पहुंचे। उन्होंने बुजुर्ग की टिकट देखी और कहा, “बाबा जी, यह टिकट आपकी है और बिजनेस क्लास की सबसे अच्छी सीट भी आपकी है। किसी की हिम्मत नहीं कि आपका हक छीने।”
बुजुर्ग ने विकास से पूछा, “बेटा, इस एयरलाइन का मालिक कौन है?” विकास ने जवाब दिया, “आदित्य मल्होत्रा।” बुजुर्ग मुस्कुराते हुए बोले, “बेटा, शायद आपने टिकट पर नाम नहीं पढ़ा। मैं ही आदित्य मल्होत्रा हूं, इस एयरलाइन का मालिक।”
पूरा स्टाफ सन्न रह गया। उन्होंने जिस बुजुर्ग को आम आदमी समझकर बेइज्जती की थी, वह उनके एयरलाइन का मालिक निकला। आदित्य मल्होत्रा ने कहा, “तुम लोगों ने सिर्फ मुझे नहीं, बल्कि अपने फर्ज को बेइज्जत किया है। हर यात्री, चाहे वह अमीर हो या गरीब, इज्जत का हकदार है।”
उन्होंने स्टाफ के खिलाफ जांच के आदेश दिए और मैनेजर विकास को प्रमोशन देकर रीजनल मैनेजर बना दिया। इस घटना ने एयरलाइन के स्टाफ को इंसानियत का असली मतलब सिखा दिया।
यह कहानी हमें सिखाती है कि किसी को उसके कपड़ों या उम्र से जज नहीं करना चाहिए। हर इंसान इज्जत का हकदार है।
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