यतीम बच्चे ने करोड़पति से कहा मेरे भाई को खरीद लो वो बहुत भूखा है ,सुनकर उसने जो किया उसने हैरान कर
अमन और रोहन: भूख से लड़ते दो यतीम भाइयों की प्रेरणादायक कहानी
क्या होता है जब एक भाई की मोहब्बत दुनिया की हर कीमत से ऊपर हो जाती है? जब भूख और लाचारी इंसान को उस कगार पर ला खड़ा करती है, जहां उसे अपनी जान से भी ज्यादा अपने छोटे भाई की जिंदगी की कीमत लगानी पड़ती है?
.
.
.
यह कहानी है अमन और रोहन की। दो यतीम बेसहारा भाई, जिनकी दुनिया सड़कों की धूल और भूख की आग तक सीमित थी। 15 साल के अमन और 8 साल के रोहन के सिर से मां-बाप का साया तब उठ गया था, जब वे खुद भी नहीं समझ पाए कि अनाथ होना क्या होता है। उनके माता-पिता एक भयानक बाढ़ में खो गए थे, और वे दोनों अकेले पड़ गए।
गांव वालों ने कुछ दिन सहारा दिया, लेकिन गरीबी में कोई कितनी देर तक साथ निभा सकता है? अंततः दोनों भाई एक ट्रक में बैठकर बड़े शहर अमृतसर आ गए, उम्मीद लेकर कि उन्हें यहां कोई मदद मिलेगी। लेकिन शहर की भीड़ में उनकी भूख और मजबूरी किसी को दिखी नहीं। अमन दिनभर छोटे-मोटे काम करता, बर्तन मांझता, गाड़ी साफ करता, और जो भी कमाई होती, उससे रोहन के लिए रोटी का इंतजाम करता। रोहन कमजोर और बीमार रहता, पर अमन अपने भाई के लिए सब कुछ करता।
तीन दिन से भूखे रहने के बाद रोहन की हालत बेहद नाजुक हो गई थी। वह लगभग बेहोशी की हालत में था। अमन ने हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। हताश और लाचार अमन ने अपने छोटे भाई को अपनी पीठ पर लादकर शहर के सबसे बड़े कपड़ा बाजार हॉल बाजार के बाहर खड़े एक अमीर सरदार जोगिंदर सिंह के पास जाकर गुहार लगाई।
अमन ने सरदार जी से कहा, “सरदार जी, मेरे इस भाई को खरीद लो। यह बहुत भूखा है, चार दिन से कुछ नहीं खाया। मैं इसका पेट नहीं भर सकता।” यह सुनकर वहां मौजूद हर कोई स्तब्ध रह गया। लेकिन सरदार जोगिंदर सिंह, जो खुद एक पिता के खोए हुए बेटे की याद लिए थे, ने अमन को गले लगाया और कहा, “मैं तुम्हारे भाई को खरीदूंगा नहीं, मैं तुम्हें और तुम्हारे भाई को अपना बेटा बनाऊंगा।”
उस दिन से अमन और रोहन की जिंदगी पूरी तरह बदल गई। सरदार जोगिंदर सिंह और उनकी पत्नी सतंत कौर ने दोनों भाइयों को कानूनी तौर पर गोद लिया। उन्हें अच्छे कपड़े, शिक्षा, और प्यार दिया। अमन ने लंदन से एमबीए की डिग्री हासिल की और अब वह सरदार जी के कारोबार को संभाल रहा है। रोहन भी एक सफल आर्किटेक्ट बन चुका है।
आज अमृतसर में सरदार जोगिंदर सिंह चैरिटेबल अस्पताल और लंगर हॉल है, जहां गरीबों का मुफ्त इलाज होता है और हजारों भूखों को खाना मिलता है। यह सब उस दिन की एक छोटी सी पेशकश का नतीजा है, जब एक भूखा भाई अपने छोटे भाई को बचाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी दांव पर लगा बैठा था।
यह कहानी हमें सिखाती है कि सबसे बड़ा धर्म इंसानियत है, और असली दौलत दूसरों की मदद करने की क्षमता है। सरदार जोगिंदर सिंह ने साबित किया कि पिता होने के लिए सिर्फ जन्म देना जरूरी नहीं, बल्कि अपनाना और प्यार देना भी पिता होने की निशानी है।
अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो तो इसे लाइक करें, कमेंट करें कि आपको सबसे ज्यादा कौन सा पल भावुक किया, और इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि इंसानियत का यह संदेश हर दिल तक पहुंचे। ऐसे प्रेरणादायक वीडियो के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें।
अगर आप चाहें तो मैं इसे और संक्षिप्त या विस्तार से भी लिख सकती हूँ!
News
IPS अफसर की बेटी के बैग से निकली ऐसी चीज, देख सब रह गए दंग – आगे जो हुआ जानकर हैरान रह जाएंगे!
IPS अफसर की बेटी के बैग से निकली ऐसी चीज, देख सब रह गए दंग – आगे जो हुआ जानकर…
IPS अफसर की बेटी के बैग से निकली.. वो चीज आंखें फटी की फटी रह गई – फिर जो हुआ
IPS अफसर की बेटी के बैग से निकली.. वो चीज आंखें फटी की फटी रह गई – फिर जो हुआ…
एक फोन कॉल ने बदल दी एक मां की किस्मत – जानिए उस रात क्या हुआ!
एक फोन कॉल ने बदल दी एक मां की किस्मत – जानिए उस रात क्या हुआ! एक रात की कॉल…
मां किचन में खाना बना रही थी.. तभी एक कॉल ने उसकी रातों की नींद उड़ा दी – फिर जो हुआ
मां किचन में खाना बना रही थी.. तभी एक कॉल ने उसकी रातों की नींद उड़ा दी – फिर जो…
बच्चे की सीट के नीचे मिला रहस्यमयी लिफाफा, ड्राइवर ने खोला तो हैरान रह गया – आगे जो हुआ जानकर आप भी चौंक जाएंगे!
बच्चे की सीट के नीचे मिला रहस्यमयी लिफाफा, ड्राइवर ने खोला तो हैरान रह गया – आगे जो हुआ जानकर…
बच्चे की सीट के नीचे मिला लिफाफा… ड्राइवर ने खोला तो आंखें फटी की फटी रह गई – फिर जो हुआ
बच्चे की सीट के नीचे मिला लिफाफा… ड्राइवर ने खोला तो आंखें फटी की फटी रह गई – फिर जो…
End of content
No more pages to load