शिक्षिका को अपने छात्र से प्यार हो गया… उसने अपने छात्र से कुछ ऐसा कहा जो केवल उसके पति को ही बताया जा सकता था।
.
.
शिक्षिका और छात्र की अनकही दास्ताँ
कॉलेज की एक प्रोफेसर राधिका, जो सबके सामने संजीदा और गंभीर नजर आती थी, असल में अपने एक छात्र राजू के लिए कुछ खास महसूस करने लगी थी। क्लास में वह बच्चों को पढ़ाती रहती, लेकिन उसकी नजरें बस राजू पर टिकी रहतीं। राजू, जो एक गरीब परिवार से था, पढ़ाई में बहुत होनहार था और अपने माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहता था।
एक दिन जब क्लास खत्म हो गई और बाकी छात्र चले गए, राजू ने प्रोफेसर से पूछा, “मैडम, आप यहां पढ़ाने आती हैं या कुछ और करने?” राधिका मुस्कुराई और बोली, “यह बात मैं तुम्हें छुट्टी के बाद अकेले में बताऊंगी।” घंटी बजते ही क्लासरूम खाली हो गया और बस राजू और राधिका रह गए। राजू ने फिर पूछा, “मैडम अब तो बताइए, कहना क्या चाहती हैं?” राधिका ने उस वक्त ऐसी बात कही जो आमतौर पर सिर्फ एक पत्नी अपने पति से कहती है।
राजू उस वक्त हक्का-बक्का रह गया। क्या उसने इंकार कर दिया? या राधिका ने अपनी बात मनवा ली? या फिर जवानी के जज्बातों ने दोनों को एक साथ ला दिया? यह कहानी इसी सवाल का जवाब है।
राजू की मेहनत और संघर्ष
राजू एक बेहद गरीब परिवार से था। घर की हालत ऐसी थी कि वे अक्सर दो वक्त की बजाय एक वक्त खाना खाते थे, ताकि बचा हुआ पैसा उसकी पढ़ाई पर खर्च कर सकें। राजू बचपन से ही शांत और मेहनती था। वह फालतू बातों में समय बर्बाद नहीं करता था। उसकी किताबें उसके सबसे अच्छे दोस्त थीं। वह दिन-रात पढ़ता, सवाल हल करता और हर साल परीक्षा में टॉप करता।
उसके माता-पिता की उम्मीदें भी उसी पर टिकी थीं। वे चाहते थे कि राजू पढ़-लिखकर बड़ा आदमी बने और परिवार की जिंदगी बदल दे। राजू ने भी दिल में ठाना था कि वह बेहतरीन नंबर लाएगा ताकि किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला मिल सके।
परीक्षा और सफलता
आखिरकार परीक्षा का दिन आ गया। राजू ने पूरी तैयारी के साथ स्कूल पहुंचकर हर पेपर दिल लगाकर दिया। नतीजे आने पर उसने 500 में से 450 अंक हासिल किए। यह सुनकर उसके माता-पिता की खुशी का ठिकाना न रहा। स्कूल के प्रधानाचार्य ने भी उसे बधाई दी और कहा कि वह स्कूल का पहला छात्र है जिसने इतने अंक हासिल किए हैं।
राजू को एक मशहूर कॉलेज से मेरिट पर दाखिला मिला, लेकिन फीस बहुत ज्यादा थी। भाग्य ने साथ दिया और उसे सरकारी स्कॉलरशिप मिल गई। अब वह कॉलेज जाने के लिए पूरी तरह तैयार था।
कॉलेज में पहली मुलाकात
कॉलेज के पहले दिन राजू ने प्रोफेसर राधिका को देखा। उनकी नजरें पहली ही मुलाकात में राजू पर टिक गईं। राधिका ने क्लास के बाद राजू को प्राइवेट ट्यूशन देने की पेशकश की, बिना फीस लिए। राजू ने थोड़ी झिझक के बाद हां कर दी।
राधिका ने राजू को अपने घर बुलाया, जहां राजू ने पहली बार इतना बड़ा और आलीशान घर देखा। राधिका ने बताया कि वह अकेली रहती हैं क्योंकि उनके माता-पिता गुजर चुके हैं और उन्होंने शादी नहीं की। राजू को यह सुनकर थोड़ा अजीब लगा, लेकिन वह धीरे-धीरे उस माहौल में घुलने लगा।
दोस्ती से बढ़ता रिश्ता
दिन बीतते गए और राजू और राधिका के बीच दोस्ती गहरी होती गई। वे साथ में पढ़ाई करते, बातें करते, हंसते-खेलते। लेकिन दोनों जवान थे और अकेले रहते थे, इसलिए उनके दिलों में अनजाने जज्बात पनपने लगे।
एक दिन मजाक-मस्ती में अचानक राधिका ने राजू को चूम लिया। राजू थोड़ा हक्का-बक्का रह गया, लेकिन फिर वह भी अपने जज्बातों को रोक नहीं पाया। उस रात दोनों के रिश्ते की हदें बदल गई थीं।
मुश्किल वक्त और फैसला
कुछ महीनों तक सब सामान्य चला। लेकिन एक दिन राधिका ने राजू को अपने कमरे में बुलाया और कहा कि उसे लगता है कि वह गर्भवती है। यह सुनकर राजू का दिल बैठ गया। दोनों घबराए हुए थे। राधिका को डर था कि समाज क्या कहेगा और राजू को चिंता थी कि अब क्या होगा।
दोनों ने मिलकर फैसला किया कि शादी करनी होगी। राधिका ने कहा, “अगर मैं तुम्हें चाहती हूं, तो यह मेरा हक है कि मैं तुमसे शादी करूं।” राजू ने भी कहा कि वह अपनी मां-बाप से बात करेगा और उम्मीद करता है कि वे समझेंगे।
परिवार की मंजूरी और शादी
राजू ने घर जाकर अपनी मां-बाप को पूरी बात बताई। वे पहले तो चिंतित हुए, लेकिन बाद में राजू की बात सुनकर बोले, “जो गलती हो गई है, उसे सुधारना जरूरी है। शादी ही एकमात्र रास्ता है।”
यह सुनकर राजू और राधिका दोनों के चेहरे पर खुशी लौट आई। उन्होंने तमाम मुश्किलों को पार करते हुए शादी कर ली।
नया जीवन और जिम्मेदारियां
शादी के बाद राजू और राधिका ने मिलकर अपनी ज़िंदगी को संभाला। राजू ने पढ़ाई जारी रखी और राधिका ने अपने प्रोफेशन में मेहनत की। दोनों ने एक-दूसरे का सहारा बनकर हर मुश्किल का सामना किया।
राजू ने अपनी मेहनत और लगन से कॉलेज में सफलता हासिल की और राधिका ने भी अपने घर को खुशहाल बनाया। दोनों ने साबित किया कि प्यार और समझदारी से हर समस्या का हल निकल सकता है।
कहानी से सीख
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, अगर हम समझदारी, ईमानदारी और प्यार से काम लें, तो हर समस्या का समाधान संभव है। राजू और राधिका की कहानी एक मिसाल है कि गलतियां इंसान से होती हैं, लेकिन उन्हें सुधारना और आगे बढ़ना ही असली जीत है।
.
News
अजनबी से मुलाक़ात: प्यार, भरोसा और दिल छू लेने वाली अनसुनी दास्तां
अजनबी से मुलाक़ात: प्यार, भरोसा और दिल छू लेने वाली अनसुनी दास्तां कहते हैं दोस्तों, कभी-कभी जिम्मेदारी इंसान को वहां…
Sheikh Ki Biwi Ko Naukar Registan Mein Oont Ka Doodh Pilakar Lagataar 5 Din Tak Kiya
Sheikh Ki Biwi Ko Naukar Registan Mein Oont Ka Doodh Pilakar Lagataar 5 Din Tak Kiya दुबई का आसमान हमेशा…
“Hemşire Sade Bir Kadını Görmezden Geldi — Oğlunun Hastane Direktörü Olduğunu Bilmiyordu”
“Hemşire Sade Bir Kadını Görmezden Geldi — Oğlunun Hastane Direktörü Olduğunu Bilmiyordu” . . Hemşire Sade Bir Kadını Görmezden Geldi…
Milyoner Fakir Bir Kızı oğlunu korurken yakaladı, şaşırdı ve bir karar aldı…
Milyoner Fakir Bir Kızı oğlunu korurken yakaladı, şaşırdı ve bir karar aldı… . . Milyoner, Fakir Kızı Oğlunu Korurken Yakaladı,…
“PASTANIN YEME!” MİLYONER FAKİR KIZIN KÖR KIZINI KURTARDIĞINI GÖRDÜ!
“PASTANIN YEME!” MİLYONER FAKİR KIZIN KÖR KIZINI KURTARDIĞINI GÖRDÜ! . . “Pastanın Yeme!” Milyoner Fakir Kızın Kör Kızını Kurtardığını Gördü!…
MİLYONERİN ÜÇÜZLERİ HİÇ YÜRÜMEMİŞTİ. AMA YENİ TEMİZLİKÇİ GELDİĞİNDE İMKÂNSIZ GÖRÜNEN BİR ŞEY OLDU
MİLYONERİN ÜÇÜZLERİ HİÇ YÜRÜMEMİŞTİ. AMA YENİ TEMİZLİKÇİ GELDİĞİNDE İMKÂNSIZ GÖRÜNEN BİR ŞEY OLDU . . Milyonerin Üçüzleri Hiç Yürümemişti. Ama…
End of content
No more pages to load