जिस टैक्सी में बैठी || करोड़पति महिला उसका ड्राइवर निकला उसी का गरीब पति |

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करोड़पति पत्नी और टैक्सी ड्राइवर पति: एक पुरानी मोहब्बत की अनकही कहानी

 

उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर में अमित और नेहा नाम के पति-पत्नी रहा करते थे। उनकी शादी को लगभग दो साल हुए थे, और सब कुछ अच्छा चल रहा था। अमित अच्छा-ख़ासा पैसा कमाता था, जीवन में कोई बड़ी कमी नहीं थी। लेकिन जैसे ही शादी को दो साल बीते, अमित की ज़िंदगी थोड़ी व्यस्त होने लगी। काम के बढ़ते बोझ के कारण, अमित अपनी पत्नी नेहा पर अक्सर चिल्लाने लगा।

नेहा कई बार अपने पति को समझाने की कोशिश करती। वह कहती, “अमित, ऐसा मत करो, यह ठीक नहीं है। हम दोनों आराम से अपना जीवन जी लेंगे।” लेकिन अमित बार-बार इन बातों को कुछ ज़्यादा ही बढ़ा देता।

एक शाम, जब अमित काम से लौटा, तो उसने नेहा पर बेमतलब चिल्लाना शुरू कर दिया और कहा कि अब वह उसके साथ नहीं रह सकता और उसे तलाक चाहिए।

नेहा यह सुनकर स्तब्ध रह गई। उसने ऐसा कुछ नहीं किया था जिसकी वजह से अमित उसे ऐसा कह सके। नेहा ने पूछा, “क्या हुआ अमित? तुम किस वजह से ऐसा कह रहे हो?”

अमित ने कहा, “कुछ भी नहीं हुआ। बस मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना और तुम्हें मुझे तलाक देना होगा।”

नेहा ने बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन अमित और भी ज़्यादा गर्म होने लगा। अंत में, उसने नेहा पर हाथ भी उठा दिया। पिछले छह महीनों से न जाने क्या हो रहा था कि यह सब हो रहा था, जबकि पहले वे बड़े प्यार से रहते थे।

जब अमित ने नेहा पर हाथ उठाया, तो यह बात नेहा से सहन नहीं हुई। उसने अमित से कहा, “ठीक है, अगर ऐसी बात है तो मैं तुम्हारा घर छोड़कर जा रही हूँ।”

अमित ने कहा, “कोई बात नहीं, तुम बेशक से जा सकती हो।”

नेहा वहाँ से उसी अनाथ आश्रम में चली गई जहाँ वह पली-बढ़ी थी। अमित ने उसे तलाक़ का नोटिस भी उसी अनाथ आश्रम में भिजवा दिया।

नेहा यह नोटिस देखकर हैरान और परेशान हो गई। अब तक वह सोच रही थी कि उसका पति उसे मनाने आएगा, लेकिन पति ने तो तलाक का नोटिस ही भेज दिया था। इस बात से नेहा को भी गुस्सा आ गया और उसने अपने पति को तलाक देने का फ़ैसला कर लिया। कुछ ही दिनों में उन दोनों का तलाक फ़ाइनल हो गया।

तलाक के बाद, नेहा को एलुमिनी (निर्वाह भत्ता) के तौर पर कुछ पैसे भी मिले। नेहा ने उन पैसों को लेकर अनाथ आश्रम में ही रहना शुरू कर दिया, जबकि अमित अपने घर में रहने लगा।

शुरुआत में नेहा बहुत परेशान थी, यह सोचकर कि उनकी खुशियों को किसकी नज़र लग गई। लेकिन कुछ दिन बीतने के बाद, नेहा ने सोचा कि ऐसे समय नहीं बीतेगा। अगर जीवन जीना है, तो अपने कदमों पर खड़ा होना होगा। नेहा की दूसरी शादी करने की बिल्कुल इच्छा नहीं थी।

उसने अपने उन पैसों से एक छोटी सी वर्कशॉप खोली, जिसमें कॉस्मेटिक का सामान बनाया जाता था। धीरे-धीरे नेहा इस बिज़नेस में पारंगत हो गई और उसके पास अच्छा-खासा रुपया-पैसा आने लगा। सात साल के अंदर, उसका कॉस्मेटिक ब्रांड आसमान छूने लगा और वह एक करोड़पति महिला बन गई।

नेहा ने लखनऊ शहर में अपना एक बंगला ले लिया था। वह अपनी गाड़ी से ही अपनी छोटी-छोटी वर्कशॉप पर घूमने जाया करती थी। उसने कोई ड्राइवर नहीं रखा था, लेकिन घर पर एक नौकरानी ज़रूर रखी थी।

 

एक अप्रत्याशित मुलाक़ात

 

एक दिन नेहा को एक मीटिंग के लिए दिल्ली जाना था। वह अपनी गाड़ी लेकर निकलने वाली थी, तभी उसे ख़्याल आया कि अगर वह अपनी गाड़ी से जाएगी, तो उसे एयरपोर्ट पर ही छोड़नी पड़ेगी। इसलिए, उसने एक लड़के को फ़ोन किया जो कभी-कभी उसकी ड्राइवरी कर दिया करता था। लड़के का नाम राहुल था।

नेहा ने राहुल को फ़ोन करके घर बुलाया और कहा कि उसे दिल्ली जाना है। राहुल भागा-दौड़ा आया और उसे गाड़ी में बिठाकर एयरपोर्ट के लिए ले जाने लगा।

रास्ते में एक चौराहा आया। नेहा ने सोचा कि वह दिल्ली में दो-तीन दिन घूमेगी, इसलिए उसने राहुल से कहा कि वह उसे यहीं से किसी टैक्सी में बिठा दे और गाड़ी को अपने घर ले जाए। जब वह लौटेगी, तो राहुल उसे लेने आ जाए।

राहुल ने चौराहे पर गाड़ी रोकी और टैक्सियों को हाथ मारने लगा। तभी वहाँ एक टैक्सी आकर रुकी। राहुल ने टैक्सी वाले से बात की और नेहा को सही-सलामत उस टैक्सी में बिठाकर चला गया।

टैक्सी जैसे ही थोड़ी आगे निकली, ड्राइवर बार-बार नेहा को शीशे में से देख रहा था। जब नेहा ने भी उसे शीशे में से देखता हुआ देखा, तो दोनों की नज़रें एक-दूसरे से मिलीं। दोनों पुरानी बातों में खो गए

नेहा और ड्राइवर, दोनों ही बहुत कुछ सोच रहे थे। थोड़ी ही देर में एयरपोर्ट आ गया। नेहा गाड़ी से उतरी और ड्राइवर की खिड़की पर आकर कहा, “कल मुझे शाम के समय इसी जगह पर मिलना। मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात करनी है।”

ड्राइवर ने थोड़ी देर सोचा और कहा, “ठीक है।”

नेहा प्लेन में बैठकर दिल्ली के लिए चली गई।

ड्राइवर वापस लौटने लगा। रास्ते में वह नेहा को देखकर ढेर सारी बातें सोच रहा था। यह ड्राइवर और कोई नहीं, नेहा का तलाकशुदा पति अमित था, जिसने आज से सात साल पहले नेहा को तलाक दे दिया था।

नेहा ने एयरपोर्ट पर उतरकर प्लेन में बैठी हुई भी ढेर सारी बातें सोची थीं। उसे लग रहा था कि अमित की आँखों में आँसू थे, वह अपनी गलती पर शर्मिंदा था। लेकिन नेहा के दिमाग में एक सवाल चल रहा था: अमित के पास इतना अच्छा-खासा बिज़नेस था, फिर वह टैक्सी क्यों चला रहा है?

नेहा ने अपनी मीटिंग तो अटेंड की, लेकिन उसका पूरा ध्यान अमित की हालत पर ही टिका रहा।

 

सात साल बाद का सच

 

अगले दिन, नेहा अपनी मीटिंग ख़त्म होते ही शाम की फ़्लाइट पकड़कर लखनऊ आ गई। एयरपोर्ट के बाहर निकलते ही उसने अमित की टैक्सी को ढूँढा।

अमित वहीं खड़ा था, टैक्सी के पास। वह दूसरी तरफ़ मुँह करके सिगरेट पी रहा था। जब अमित पीछे मुड़ा, तो नेहा उसकी तरफ़ बढ़ती हुई दिखाई दी। अमित ने तुरंत सिगरेट नीचे डाली और पैर से बुझा दिया, मानो उसने सिगरेट पी ही नहीं। नेहा ने उसकी यह हरकत देख ली, उसे पुरानी बातें याद आ गईं।

नेहा धीरे-धीरे अमित के पास पहुँची। दोनों एक-दूसरे की तरफ़ चुपचाप देखते रहे, दोनों के मन में विचारों का सागर उमड़ रहा था।

नेहा ने टैक्सी पर हाथ रखते हुए हिम्मत की और पूछा, “यह सब कुछ कितने दिनों से चल रहा है?

अमित ने थोड़ी देर नेहा की तरफ़ देखा और कहा, “पिछले दो साल से मैं अपना समय व्यतीत करने के लिए लगातार टैक्सी चला रहा हूँ।”

नेहा ने पूछा, “क्यों? ऐसा क्या हो गया? तुम्हारे पास तो ढेर सारा रुपया-पैसा था, और शायद इसी पैसे के घमंड में तुमने मुझे तलाक दे दिया था।”

अमित मुस्कुराने लगा। “हाँ, समय ही ऐसा आ गया था कि मजबूरन मुझे यह काम करना पड़ा। बताओ, तुमने मुझे यहाँ क्यों बुलाया है?”

नेहा ने कहा, “जब से तुमने मुझे तलाक दिया है, उस दिन से एक बात मेरी समझ में नहीं आई। क्या कारण हुआ ऐसा जो हम दोनों के बीच इतनी दूरियाँ बढ़ गईं? हमारे बीच तो बहुत गहरा प्यार था।”

नेहा ने अमित को बताया कि वह आज तक किसी और से शादी करने का ख़्याल भी दिमाग में नहीं लाती, क्योंकि वह मानती है कि वह केवल अमित के लिए बनी है।

अमित को जब लगा कि नेहा अब भी उसे प्यार करती है, तो वह बताने के लिए तैयार हो गया।

अमित ने कहा, “नेहा, दरअसल, उस टाइम पर जब मेरा बिज़नेस चल रहा था, तो मैंने कई ऐसे पार्टनर बनाए थे जो मेरे साथ मिलकर मेरा हाथ बटाते थे। लेकिन धीरे-धीरे मुझे पता चला कि सभी पार्टनर आपस में मीटिंग करके मेरा बिज़नेस छीनने की बात कर रहे थे।”

“मुझे गुस्सा तो आ ही रहा था, लेकिन उसी दौरान मेरे दिमाग में ख़्याल आया कि अगर ये पार्टनर बिज़नेस छीन लेंगे, तो हो सकता है कि मेरा जीवन और भी ज़्यादा गरीबी में बीते। और मैं नहीं चाहता था कि कभी भी तुम ऐसी गरीबी को देखो, जिस गरीबी से मैं पहले जूझ चुका था।”

“तो इसी वजह से मैंने उस दिन के बाद धीरे-धीरे हम दोनों में दूरियाँ बढ़ानी शुरू कीं और तुम्हें धमकाने लगा। अगर मैं तुमसे डायरेक्ट कहता कि मेरी कंपनियाँ ठप होने वाली हैं, तुम बिल्कुल भी इस बात के लिए नहीं मानतीं, और इसीलिए मैंने ऐसा करके तुम्हें तलाक दे दिया।”

नेहा यह बात सुनकर झर-झर रोने लगी। उसे नहीं पता था कि उसका पति उसे पैसों के घमंड में नहीं, बल्कि गरीबी में नहीं धकेलना चाहता था

अमित ने कहा, “अच्छा किया जो तुमने उस टाइम मुझे तलाक दे दिया, वरना तुम भी मेरी तरह इसी तरह से धक्के खातीं, क्योंकि मैं टैक्सी चलाकर अपना समय व्यतीत किया करता हूँ।”

नेहा ने अपने आँसू पोंछे और कहा, “अमित, अगर ऐसी बात थी तो तुम मुझे बता देते! क्या तुमने हमारे प्यार को इतना कमज़ोर समझ लिया?”

अमित की आँखों में आँसू आ गए।

नेहा ने कहा, “कोई बात नहीं। रुपए-पैसे मेरे पास हैं। मैं अब भी करोड़पतियों की जैसी ज़िंदगी जिया करती हूँ। तुम ऐसा करो, मेरे साथ चलो और मेरे बंगले पर ही रहो। आज से तुम्हें टैक्सी चलाने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है।”

अमित ने पूछा, “सच में, नेहा?”

नेहा ने कहा, “हाँ, अमित, सच में ही ऐसा है। चलो मेरे साथ।”

अमित वहाँ से नेहा के साथ उसके बंगले पर चला गया। उसके बंगले को देखकर उसकी आँखें फटी रह गईं, क्योंकि नेहा ने मेहनत करके इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया था, जितना कभी अमित का भी नहीं था।

अमित और नेहा ने अपने जीवन को फिर से एक साथ ही व्यतीत करना शुरू किया। उन्होंने दोबारा शादी कर ली है, और आज के समय में उनके दो बच्चे भी हैं। वे दोनों मिलकर उन्हीं कंपनियों को चलाते हैं, जिन्हें नेहा ने खड़ा किया था, और अच्छी तरह से आज तक भी जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

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