उज्जैन का ‘हनीट्रैप’ कांड: चार लड़कियों की दिलेरी या खौफनाक साजिश? अय्याश प्रॉपर्टी डीलर की वो रात जिसने शहर को दहला दिया!

उज्जैन, मध्य प्रदेश। महाकाल की नगरी उज्जैन से एक ऐसी सनसनीखेज वारदात सामने आई है, जिसने न केवल पुलिस प्रशासन को हिलाकर रख दिया, बल्कि आधुनिक दौर में सोशल मीडिया के जरिए बिछाए जा रहे ‘हनीट्रैप’ के जाल की पोल खोल दी है। यह कहानी किसी फिल्मी पटकथा जैसी लग सकती है, लेकिन इसकी हकीकत बहुत कड़वी और डरावनी है। यह मामला एक ऐसे शख्स का है जो अपनी पत्नी को धोखा देकर पराई लड़कियों के पीछे भाग रहा था, लेकिन उसे क्या पता था कि जिन ‘हसीन चेहरों’ पर वह फिदा हो रहा है, वे दरअसल उसकी मौत का सामान तैयार कर रही हैं।

लापता प्रॉपर्टी डीलर और ₹15 लाख की फिरौती

घटना की शुरुआत 15 सितंबर 2025 को होती है, जब चिमनगंज इलाके का रहने वाला राहुल राठौर अचानक लापता हो जाता है। राहुल पेशे से प्रॉपर्टी डीलर है और आर्थिक रूप से संपन्न है। घरवाले परेशान थे, लेकिन असली धमाका तब हुआ जब अगले दिन राहुल के फोन से उसके जीजा के पास एक कॉल आया।

राहुल की आवाज कांप रही थी। उसने कहा, “जीजाजी, अलमारी से ₹15 लाख निकालो और जो लोकेशन मैं भेज रहा हूं, वहां अकेले लेकर आओ। पुलिस को मत बताना वरना ये मुझे मार देंगे।”

जैसे ही राहुल का फोन कटा, वह फिर से बंद हो गया। परिवार तुरंत चिमनगंज थाने पहुंचा। पुलिस ने बिना देर किए एक मास्टर प्लान तैयार किया। किडनैपर्स को लगा कि वे बाजी जीत चुके हैं, लेकिन पुलिस सादे कपड़ों में राहुल के परिवार के पीछे पांच गाड़ियों का काफिला लेकर निकल चुकी थी।

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फिल्मी स्टाइल में पीछा और ‘खेतों में पलट गई कार’

लोकेशन उज्जैन के बाहरी इलाके के एक सुनसान ओवरब्रिज की थी। जैसे ही राहुल के घरवाले वहां पहुंचे, एक संदिग्ध कार तेजी से निकली। पुलिस ने तुरंत पीछा शुरू किया। तंग गलियां, गांव के उबड़-खाबड़ रास्ते और तेज रफ्तार—माहौल किसी एक्शन फिल्म जैसा बन गया था।

पीछा करते समय पुलिस की गाड़ी ने किडनैपर्स की कार को टक्कर मारी। ड्राइवर का संतुलन बिगड़ा और उनकी कार सड़क से फिसलकर सीधे खेतों में जा गिरी। गाड़ी पलट गई, लेकिन जो मंजर सामने आया उसने सबके होश उड़ा दिए। कार से चार खूबसूरत लड़कियां और दो युवक निकले और अंधेरे का फायदा उठाकर भागने लगे। पुलिस ने राहुल को तो सुरक्षित बचा लिया, लेकिन आरोपियों की तलाश के लिए पूरे इलाके में घेराबंदी कर दी।

Instagram की दोस्ती और ‘ओवरब्रिज’ पर हनीट्रैप

जब राहुल को थाने ले जाकर पूछताछ की गई, तो उसने जो सच बताया वह किसी की भी रूह कंपा देने वाला था। राहुल ने स्वीकार किया कि उसे नई-नई लड़कियों से दोस्ती करने का ‘शौक’ था। कुछ महीने पहले ‘आयुषी’ नाम की एक लड़की की उसे Instagram पर फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। हफ्तों की चैटिंग और वीडियो कॉलिंग के बाद आयुषी ने उसे एक प्रॉपर्टी सौदे के बहाने मिलने बुलाया।

15 सितंबर को राहुल सज-धज कर अपनी कार से उस सुनसान ओवरब्रिज पर पहुंचा। वहां आयुषी अकेली नहीं थी, उसके साथ तीन और लड़कियां—कृतिका, पूजा और नेहा थीं।

वो 24 घंटे: टॉर्चर, वीडियो और ‘अय्याशी का अंत’

राहुल ने बताया कि चारों लड़कियां उसकी कार में बैठ गईं। आयुषी ने उसे बातों में फंसाया और पिछली सीट पर आने को कहा। राहुल अपनी अय्याशी में इतना अंधा था कि उसने अपनी सुरक्षा की परवाह नहीं की। कार के भीतर ही उसने आयुषी के साथ संबंध बनाए। लेकिन तभी पासा पलट गया। बाकी लड़कियों ने उसका अश्लील वीडियो बनाना शुरू कर दिया।

तभी दो युवक—संजय गुर्जर और फूल गुर्जर—वहां पहुंचे और कार में घुस गए। उन्होंने राहुल के हाथ-पैर रस्सी से बांध दिए और उसकी बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी। उन लड़कियों ने राहुल को टॉर्चर किया और धमकी दी कि अगर ₹50 लाख नहीं दिए, तो यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा।

राहुल ने गिड़गिड़ाते हुए कहा, “मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं, मुझे मारो मत!” 24 घंटे तक राहुल को कार में बंधक बनाकर घुमाया गया और मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। अंत में ₹15 लाख पर सौदा तय हुआ, जिसके बाद राहुल ने अपने परिवार को फोन किया।

जबलपुर से उज्जैन तक फैला ‘लेडी गैंग’ का जाल

पुलिस की जांच में सामने आया कि ये चारों लड़कियां मूल रूप से जबलपुर की रहने वाली हैं। इन्होंने मिलकर एक शातिर गैंग बनाया था, जिसका काम ही अमीर और ‘अय्याश’ किस्म के शादीशुदा पुरुषों को फंसाना था। ये लड़कियां पहले सोशल मीडिया पर दोस्ती करती थीं, फिर उन्हें एकांत में बुलाकर अश्लील वीडियो बना लेती थीं और ब्लैकमेल कर लाखों रुपए वसूलती थीं।

एक बड़ा सबक: डिजिटल दुनिया का अंधेरा

उज्जैन की इस घटना ने समाज के लिए कई सवाल खड़े किए हैं:

    नैतिकता का पतन: राहुल जैसे पुरुष, जो परिवार के प्रति वफादार नहीं होते, इस तरह के अपराधियों के लिए आसान शिकार बन जाते हैं।

    सोशल मीडिया का दुरुपयोग: Instagram और Facebook पर अनजान चेहरों से की गई दोस्ती अक्सर जानलेवा साबित होती है।

    गैंग की सक्रियता: अब अपराधी केवल पुरुष नहीं, बल्कि ‘लेडी गैंग’ भी उतनी ही सक्रिय है, जो खूबसूरती का इस्तेमाल हथियार के रूप में करती है।

पुलिस की चेतावनी: उज्जैन पुलिस ने अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति से अपनी निजी जानकारी साझा न करें और लुभावने प्रस्तावों के चक्कर में सुनसान जगहों पर मिलने न जाएं।

निष्कर्ष: राहुल राठौर की जान तो बच गई, लेकिन इस घटना ने उसकी प्रतिष्ठा और परिवार को जो घाव दिए हैं, वे कभी नहीं भरेंगे। यह घटना उन सभी के लिए एक कड़ा सबक है जो घर में बीवी होने के बावजूद बाहर ‘सुख’ तलाशते हैं। याद रखिए, आपकी एक छोटी सी लापरवाही न केवल आपकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर सकती है, बल्कि आपके परिवार को भी सड़क पर ला सकती है।

मैं आपके लिए आगे क्या कर सकता हूँ? क्या आप ‘हनीट्रैप’ से बचने के कानूनी सुरक्षा उपायों या साइबर अपराध विभाग की गाइडलाइंस पर एक विस्तृत रिपोर्ट चाहते हैं?