एक गरीब बच्चे की उम्मीद: सच्चाई का सफर
बरसात की रात के बाद, जब सुबह की हल्की रोशनी झोपड़ी में दाखिल हुई, तो नमी से भरी हवा ने थकी हुई जिंदगी को एक नई सांस दी। मास्टर यूनुस, जो अपाहिज थे, अपनी पुरानी व्हीलचेयर पर बैठकर जूते सी रहे थे। उनकी बेटी आमना, पुरानी सिलाई मशीन के सामने बैठी थी, धागे के हर चक्कर के साथ उसकी दुआ भी घूम रही थी। उनका बेटा बिलाल, जो केवल 12 साल का था, घर से बाहर निकलने के लिए तैयार था।
बिलाल ने कहा, “अब्बा, मैं निकलता हूं। आज शायद अच्छा कचरा मिल जाए।” यूनुस ने उसे सावधानी बरतने की सलाह दी, लेकिन बिलाल ने मुस्कुराते हुए कहा, “दुनिया बुरी नहीं, बस लोग भूखे हैं।” उसकी समझदारी ने यूनुस को गर्व से भर दिया।
बिलाल ने कचरे के ढेर में काम करना शुरू किया, जहां उसे एक चमकती हुई धातु की चीज मिली। उसने सोचा कि यह कोई पुरानी चीज हो सकती है। लेकिन उसे नहीं पता था कि वह चीज उसकी जिंदगी को बदलने वाली थी।
शाम को, आरिफ, जो एक मेहनती युवक था, आमना के घर आया। वह यूनुस का सम्मान करता था और आमना को पसंद करता था। आरिफ ने आमना के लिए चाय और बिस्किट लाए थे और शादी की बात करने का इरादा रखा था। लेकिन अचानक, बिलाल ने आरिफ को अपनी थैली में कुछ चमकदार चीजें दिखाईं। आरिफ ने देखा कि यह असली सोने के सिक्के और जेवर थे।
.
.
.
आरिफ ने तुरंत सोचा कि यह चोरी का माल हो सकता है। उसने बिलाल से कहा, “इसे अपने पास मत रखो। मैं देखता हूं यह कहां की चीज है।” लेकिन बिलाल डर गया और आरिफ को अपनी बेगुनाही साबित करने का मौका नहीं मिला।
रात को, बिलाल ने आरिफ की बेगुनाही को साबित करने के लिए एक कागजी लिफाफा निकाला, जिसमें सरकारी निशान था। वह जानता था कि आरिफ चोर नहीं है, बल्कि वह तो ईमानदार था।
बिलाल ने हिम्मत जुटाई और पुलिस स्टेशन की ओर दौड़ पड़ा। रास्ते में उसे कई खतरों का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने हार नहीं मानी। पुलिस स्टेशन पहुंचकर उसने लिफाफा दिखाया और कहा, “आरिफ भाई चोर नहीं हैं। यह सब सरकारी संपत्ति है।”
पुलिस ने आरिफ को बुलाया और मामला साफ हो गया। आरिफ ने बताया कि वह इसे पुलिस के पास लौटाने जा रहा था। सबने देखा कि बिलाल की सच्चाई ने आरिफ को बचा लिया।

इसके बाद, आरिफ ने यूनुस के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। यूनुस ने खुशी-खुशी स्वीकार किया और कहा, “तुमने मेरी बेटी का दिल जीत लिया है।”
कुछ समय बाद, आरिफ ने अपने व्यवसाय की पहचान छिपाई ताकि वह देख सके कि कौन दिल से अमीर है। जब उसने बिलाल जैसे बच्चों को देखा, तो उसका यकीन लौट आया।
आरिफ ने एक रिसाइक्लिंग सेंटर खोला, जहां मजदूरों को इज्जत के साथ काम करने का मौका मिला। बिलाल और आमना ने भी वहां काम किया।
एक दिन, कुछ लोग आरिफ के खिलाफ साजिश करने लगे। उन्होंने सेंटर में आग लगाने की कोशिश की। लेकिन बिलाल और आमना ने बहादुरी से उसका सामना किया। आरिफ ने आग में कूदकर उन्हें बचाया।
आखिरकार, आरिफ ने साबित किया कि सच्चाई और ईमानदारी हमेशा जीतती है। उन्होंने बिलाल को जनरल मैनेजर बना दिया और सेंटर को उनके नाम पर रखा।
इस तरह, एक गरीब बच्चे की उम्मीद और सच्चाई ने सब कुछ बदल दिया। यह कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत, ईमान और सच्चाई से हम किसी भी मुश्किल का सामना कर सकते हैं। जब हम दिल से सच्चे होते हैं, तो हमारी तकदीर भी हमारे साथ होती है।
News
जब कांस्टेबल ने SP मैडम को मारा डंडा! पूरे जिले में मच गई हलचल!
कहानी: एसपी रुचिका शर्मा की बहादुरी रामपुर जिले में एक नई एसपी, रुचिका शर्मा, की नियुक्ति हुई थी। तेज, निडर…
SP मैडम ने सादे कपड़ों में सरकारी अस्पताल में मचाया हंगामा, इंस्पेक्टर की पोल खोली!
कहानी: काव्या राठौर की बहादुरी शहर की सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस, काव्या राठौर, अपने ऑफिस में बैठी थीं। सुबह के 10:00…
जब SP ऑफिस में आई एक साधारण लड़की, नाम सुनते ही अफसरों के चेहरे पर छा गया डर!
कहानी: विवेक और उसकी बहनों का मिलन शाम के 6:00 बज रहे थे। सूरज ढल चुका था और सरकारी दफ्तरों…
SP मैडम को आम लड़की समझकर इंस्पेक्टर ने किया बड़ा गलती, जानिए फिर क्या हुआ!
नेहा शर्मा: एक बेटी की हिम्मत और इंसाफ की कहानी बाजार की भीड़ में दो महिलाएं धीरे-धीरे चल रही थीं।…
SP मैडम को आम लड़की समझने की गलती पड़ी इंस्पेक्टर को भारी, जानिए आगे क्या हुआ!
भारती शुक्ला: एक बेटी, एक एसपी और एक इंसानियत का प्रतीक शहर के सबसे महंगे रेस्टोरेंट “द एलिट” के बाहर…
“बेटी को लेने गया पिता, ससुराल में जो देखा उसने सबको हिला कर रख दिया!”
बेटी को लेने गया पिता: अपमान से सम्मान तक का सफर सफेद हवेली के सामने टैक्सी आकर रुकी। अविनाश शर्मा…
End of content
No more pages to load






