गलती, अपमान और बदलाव की कहानी
दिल्ली की भीड़भाड़ भरी सड़कों से घिरी सातवीं मंजिल पर स्थित “स्टार टेक्नोलॉजीस” का कार्यालय हमेशा की तरह व्यस्त था। लेकिन आज माहौल में एक अलग तनाव था। ऑफिस के कोने-कोने में फुसफुसाहट हो रही थी। कारण था – प्रिया शर्मा।
प्रिया, जो पिछले पाँच सालों से कंपनी की सबसे मेहनती और ईमानदार कर्मचारी मानी जाती थी, आज गलती कर बैठी थी। उसने क्लाइंट को कंपनी की आंतरिक रिपोर्ट गलती से भेज दी थी। यह रिपोर्ट बेहद गोपनीय थी और इसका लीक होना कंपनी के लिए एक बड़ा झटका था।
राहुल का गुस्सा और प्रिया का अपमान
राहुल गुप्ता, कंपनी के मालिक का बेटा और हाल ही में अमेरिका से एमबीए करके लौटा हुआ, प्रिया की इस गलती पर आग बबूला हो गया। ऑफिस के बीचों-बीच उसने प्रिया को बुलाया और चिल्लाते हुए कहा, “तुम्हारी इस बेवकूफी ने हमारी कंपनी की साख मिट्टी में मिला दी। तुम जैसे लापरवाह कर्मचारी को रखना हमारी सबसे बड़ी भूल थी।”
पूरा ऑफिस सन्नाटे में डूब गया। सभी कर्मचारी अपनी सीटों पर चुपचाप बैठे थे, लेकिन उनकी नजरें प्रिया पर टिकी थीं। प्रिया की आंखों में आंसू थे, लेकिन उसने अपने चेहरे पर कमजोरी नहीं आने दी। उसने शांत स्वर में कहा, “सर, यह गलती अनजाने में हुई। मैंने तुरंत सही फाइल भेज दी है।”
लेकिन राहुल ने उसकी बात को अनसुना करते हुए कहा, “तुम्हारी एक गलती ने हमें करोड़ों का नुकसान पहुंचाया है। ऐसी गैरजिम्मेदाराना हरकतें माफ नहीं की जा सकतीं।”
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इस्तीफा और आत्मसम्मान
उस दिन प्रिया का आत्मसम्मान चूर-चूर हो गया। उसने ऑफिस से निकलते हुए अपने डेस्क पर एक सफेद लिफाफा रखा – उसका इस्तीफा। वह जानती थी कि उसने गलती की थी, लेकिन जिस तरह से उसे अपमानित किया गया, वह उसे बर्दाश्त नहीं था।
रात को घर पहुंचकर वह अपने पिता के पास बैठी। उसके पिता, रामकुमार शर्मा, एक रिटायर्ड शिक्षक थे। उन्होंने कहा, “बेटी, गलती हर इंसान से होती है। लेकिन अगर कोई तुम्हारे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाए, तो उसे माफ करना आसान नहीं होता।”
प्रिया ने अपने पिता की बात सुनी और मन ही मन तय किया कि वह अब इस कंपनी का हिस्सा नहीं रहेगी।
विकास अग्रवाल का हस्तक्षेप
अगले दिन, जब कंपनी के मालिक विकास अग्रवाल को प्रिया के इस्तीफे के बारे में पता चला, तो वह हैरान रह गए। उन्होंने तुरंत अपने बेटे राहुल को बुलाया और पूछा, “क्या तुम जानते हो कि प्रिया कौन है?”
राहुल ने कहा, “डैड, वह बस एक कर्मचारी है जिसने बड़ी गलती की।”
विकास जी ने गहरी सांस लेते हुए कहा, “वह सिर्फ एक कर्मचारी नहीं है। जब यह कंपनी कोविड के समय दिवालिया होने की कगार पर थी, तब प्रिया ने अपनी सैलरी लेने से मना कर दिया था। उसने दिन-रात काम करके हमारे लिए नए क्लाइंट्स लाए। वह इस कंपनी की रीढ़ है। और तुमने उसे सबके सामने अपमानित कर दिया।”
राहुल को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने तुरंत प्रिया से माफी मांगने का फैसला किया।

माफी और बदलाव
राहुल उस शाम प्रिया के घर पहुंचा। उसने दरवाजे पर दस्तक दी। प्रिया के पिता ने दरवाजा खोला और राहुल को अंदर बुलाया।
राहुल ने प्रिया से कहा, “मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है। मैंने तुम्हारे साथ जो किया, वह गलत था। मैं माफी मांगने आया हूं।”
प्रिया ने ठंडे स्वर में कहा, “राहुल जी, माफी मांगने से सब कुछ ठीक नहीं हो जाता। आपने मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई है।”
राहुल ने सिर झुकाते हुए कहा, “मैं जानता हूं। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि मैंने अपनी गलती से सीखा है। और मैं वादा करता हूं कि आगे किसी के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करूंगा।”
प्रिया ने कुछ देर सोचा और कहा, “ठीक है, मैं आपको माफ करती हूं। लेकिन मैं इस कंपनी में वापस नहीं जाऊंगी।”
प्रिया की वापसी, लेकिन एक नई भूमिका में
राहुल ने प्रिया से कहा, “अगर तुम ऑफिस वापस नहीं आना चाहती, तो क्या तुम कंसलटेंट के रूप में हमारे साथ काम करोगी? तुम्हारे बिना हमारा नया प्रोजेक्ट अधूरा है।”
प्रिया ने कुछ देर सोचा और कहा, “ठीक है। लेकिन मेरी कुछ शर्तें हैं – मैं सिर्फ इस प्रोजेक्ट पर काम करूंगी और घर से काम करूंगी।”
राहुल ने उसकी शर्तें मान लीं।
कंपनी का बदलाव
प्रिया ने कंसलटेंट के रूप में काम शुरू किया और अपनी कड़ी मेहनत और विशेषज्ञता से प्रोजेक्ट को सफल बनाया। इस बीच, राहुल ने अपने व्यवहार में बदलाव किया। उसने अपने कर्मचारियों के साथ विनम्रता से पेश आना शुरू किया और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश की।
कंपनी का माहौल धीरे-धीरे बदलने लगा। कर्मचारियों को अब ज्यादा सम्मान मिलने लगा।
एक नई शुरुआत
प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद, राहुल ने प्रिया से कहा, “तुमने मेरी जिंदगी बदल दी है। मैं अब एक बेहतर इंसान हूं। और मैं चाहता हूं कि तुम मेरी जिंदगी का हिस्सा बनो।”
प्रिया ने मुस्कुराते हुए कहा, “पहले यह साबित करो कि यह बदलाव स्थायी है।”
कुछ महीनों बाद, जब कंपनी ने नई ऊंचाइयों को छुआ, तो राहुल ने प्रिया को शादी के लिए प्रपोज किया।
प्रिया ने कहा, “मैंने तुम्हें माफ किया था। और अब मैं तुम्हें स्वीकार करती हूं।”
सबक और प्रेरणा
यह कहानी सिर्फ प्रिया और राहुल की नहीं है। यह हर उस इंसान की कहानी है जिसे कभी उसकी गलती या सादगी के कारण कम आंका गया। यह कहानी सिखाती है कि गलती करना इंसान का स्वभाव है, लेकिन उसे सुधारना और दूसरों का सम्मान करना ही असली इंसानियत है।
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