💔 धर्मेन्द्र की अंतिम साँसें और प्रकाश कौर का बड़ा बयान: क्या सन्नी देओल ने हेमा मालिनी पर हमला किया था?

 

मुंबई: हिंदी सिनेमा के महानायक धर्मेन्द्र ने 89 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया। उनकी अंतिम साँसें वेंटिलेटर पर थीं, जहाँ परिवार के सदस्यों को भी उनसे मिलना मुश्किल हो रहा था। यह दुखद अंत केवल एक युग का समापन नहीं है, बल्कि उस जटिल पारिवारिक गाथा को भी फिर से सामने लाया है, जो दशकों से बॉलीवुड की चर्चाओं के केंद्र में रही है।

धर्मेन्द्र की विरासत में उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर और दूसरी पत्नी हेमा मालिनी का स्थान हमेशा एक संवेदनशील विषय रहा है। बिना प्रकाश कौर को तलाक़ दिए धर्मेन्द्र ने हेमा मालिनी से शादी की थी, जिसने उनके बेटों के मन में एक गहरा घाव छोड़ दिया था।

I. ग़ुस्से की आग और सन्नी पर लगे गंभीर आरोप

 

धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की शादी के वक़्त, धर्मेन्द्र के बड़े बेटे सन्नी देओल की उम्र लगभग 24 वर्ष थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिता के दूसरे विवाह से सन्नी को गहरा विश्वासघात महसूस हुआ था। उस समय की कई मीडिया रिपोर्ट्स और अफ़वाहों ने यह दावा किया था कि सन्नी देओल ने आवेश में आकर हेमा मालिनी पर हमला करने या उन्हें नुक़सान पहुँचाने की कोशिश की थी।

ये आरोप हमेशा से ही देओल परिवार के इतिहास का एक काला अध्याय रहे हैं। सन्नी की अपने पिता के इस फ़ैसले को स्वीकार न कर पाने की पीड़ा को इन अफ़वाहों से बल मिलता था। लेकिन, इस मुश्किल दौर में, जब धर्मेन्द्र अब हमारे बीच नहीं हैं, उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर का इन आरोपों पर दिया गया बयान न केवल हैरानी भरा है, बल्कि पारिवारिक एकजुटता की एक मार्मिक तस्वीर भी पेश करता है।

II. प्रकाश कौर का स्टैंड: ‘यह सच नहीं है’

सन्नी देओल के हेमा मालिनी पर हमला करने की अफ़वाहों पर, प्रकाश कौर ने खुलकर बात की है। अपने बयान में उन्होंने इन आरोपों को पूरी तरह से ख़ारिज कर दिया है।

प्रकाश कौर ने भावुक होते हुए कहा: “यह सच नहीं है। हर बच्चा चाहता है कि उसके पिता उसकी माँ से प्यार करें। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर कोई और महिला भी उनके पिता से प्यार करती है, तो वह (बच्चा) उस पर हमला करेगा।”

उनका यह बयान दो मायनों में बेहद महत्वपूर्ण है:

    बेटे का बचाव: प्रकाश कौर ने एक माँ के रूप में अपने बेटे सन्नी का ज़ोरदार बचाव किया है। उन्होंने सन्नी के व्यवहार को अस्वीकार करने की बजाय, एक बेटे की माँ के प्रति भावनात्मक लगाव के रूप में समझाया है, और सन्नी पर लगे हिंसा के आरोपों को सिरे से नकारा है।

    मानवीय दृष्टिकोण: उनका बयान केवल सन्नी के बचाव तक सीमित नहीं रहा; उन्होंने स्थिति को एक मानवीय दृष्टिकोण से भी देखा। उनका मानना है कि किसी बच्चे का अपनी माँ के लिए प्रेम स्वाभाविक है, लेकिन यह प्रेम किसी अन्य व्यक्ति पर हिंसा का कारण नहीं बन सकता।

III. ‘मेरे बच्चे मानते हैं मैं सबसे ख़ूबसूरत हूँ’

 

प्रकाश कौर का बयान उनके आत्म-सम्मान और अपने बेटों के साथ उनके गहरे रिश्ते को भी दर्शाता है। उन्होंने नम्रता से कहा कि वह “बहुत पढ़ी-लिखी या शिक्षित नहीं हैं,” लेकिन इसके बावजूद, “मेरे बच्चे मानते हैं कि मैं पूरी दुनिया में सबसे ख़ूबसूरत महिला हूँ।”

यह टिप्पणी सीधे तौर पर उस भावनात्मक सुरक्षा की ओर इशारा करती है जो उन्होंने अपने बेटों (सन्नी और बॉबी) को प्रदान की। यह दिखाता है कि भले ही धर्मेन्द्र ने दूसरी शादी कर ली, लेकिन प्रकाश कौर ने अपनी और अपने बच्चों की गरिमा को कम नहीं होने दिया। उनके बेटे आज भी उन्हें सर्वोच्च सम्मान देते हैं, और यह सन्नी के उस वक़्त के कथित ग़ुस्से की जड़ थी—न कि हेमा मालिनी से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी।

IV. ‘औरतबाज़’ (Womanizer) के टैग पर प्रकाश कौर का विरोध

 

प्रकाश कौर ने समाज के उस हिस्से पर भी आपत्ति जताई जो धर्मेन्द्र को ‘औरतबाज़’ (Womanizer) कहकर बुलाता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि लोगों को ऐसा कहने का कोई हक़ नहीं है, क्योंकि धर्मेन्द्र ने अपनी दोनों पत्नियों के प्रति अपने कर्तव्यों को हमेशा निभाया है।

यह एक असाधारण स्टैंड है। प्रकाश कौर, जो ख़ुद धर्मेन्द्र की दूसरी शादी से आहत हुई होंगी, उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि धर्मेन्द्र ने अपनी दोनों पत्नियों और परिवारों की देखभाल की। यह बयान एक परिपक्वता और क्षमा की भावना को दर्शाता है, जो शायद देओल परिवार में शांति और दूरी बनाए रखने का कारण रही है।

V. निष्कर्ष: परिवार, प्रेम और पीड़ा

 

धर्मेन्द्र की अंतिम विदाई और उनके जीवन पर लगे इन आरोपों पर प्रकाश कौर का स्टैंड एक शक्तिशाली संदेश देता है। यह संदेश उस अखंड प्रेम का है जो एक माँ अपने बच्चे के लिए रखती है, और उस निष्ठा का है जो वह अपने पति के प्रति निभाती है, भले ही उनके रिश्ते में दर्द रहा हो।

सन्नी देओल के हेमा मालिनी पर हमले की अफ़वाहें शायद उस वक़्त के अत्यधिक भावनात्मक तनाव का परिणाम थीं, जिसे मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। प्रकाश कौर के शब्दों में, सन्नी का कृत्य अगर ग़ुस्से वाला रहा भी होगा, तो वह अपनी माँ की रक्षा के लिए था, न कि हिंसा के लिए।

धर्मेन्द्र अब नहीं रहे, लेकिन उनके पीछे जो विरासत बची है, वह केवल ₹450 करोड़ की संपत्ति नहीं है। यह विरासत दो परिवारों के बीच की भावनात्मक डोर है, जिसे अब सन्नी, बॉबी, ईशा और अहाना को मिलकर संभालना होगा। प्रकाश कौर का बयान परिवार के लिए एक आधारशिला का काम कर सकता है, जो उन्हें अतीत के विवादों को छोड़कर, भविष्य में शांति और सम्मान के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दे सकता है।