मुस्लिम होते हुए भी ज़रीन खान का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से क्यों हुआ? जानिए इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी

बॉलीवुड इंडस्ट्री में बीते दिनों एक बड़ा और भावुक क्षण सामने आया, जब सीनियर एक्टर संजय खान की पत्नी ज़रीन खान का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की रही कि मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाली ज़रीन खान का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से क्यों किया गया। इस खबर ने सभी को हैरान कर दिया और हर कोई इसकी वजह जानना चाहता था।

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ज़रीन खान का पारिवारिक और फिल्मी सफर

ज़रीन खान बॉलीवुड वाइफ्स के सर्कल में हमेशा लोकप्रिय रही हैं। उनका परिवार फिल्म इंडस्ट्री से गहराई से जुड़ा रहा है। उनकी बेटी सुज़ैन खान ने ऋतिक रोशन से शादी की थी, जो खुद एक सुपरस्टार हैं। दूसरी बेटी फारा खान ने डीजे अकील से शादी की और तीसरी बेटी सिमोन ने हिंदू धर्म में विवाह किया। वहीं उनके बेटे जाहिद खान भी फिल्मों में काम कर चुके हैं और “मैं हूँ ना” जैसी चर्चित फिल्म का हिस्सा रहे हैं।

ज़रीन खान का परिवार बॉलीवुड की चमक-धमक और सामाजिक दायरे में हमेशा चर्चा में रहा। उनकी खूबसूरती और व्यक्तित्व के चर्चे इंडस्ट्री में आम थे। संजय खान के साथ उनकी शादी भी कम उम्र में ही हो गई थी और दोनों ने मिलकर एक खुशहाल परिवार बनाया।

अंतिम संस्कार में बॉलीवुड की मौजूदगी

ज़रीन खान के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार में फिल्म इंडस्ट्री के कई चर्चित चेहरों ने शिरकत की। ऋतिक रोशन, सुज़ैन खान, सबा, सोनल, जैस्मिन, और अन्य करीबी दोस्त और रिश्तेदार इस मौके पर मौजूद थे। माहौल बेहद भावुक था, परिवार के सदस्य और दोस्त गहरे शोक में डूबे थे।

मीडिया ने इस पूरे घटनाक्रम को कवर किया, जिसमें बार-बार “साइड में जाओ”, “पीछे हटो”, “रास्ता खाली करो” जैसी आवाजें गूंजती रहीं। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की ताकि परिवार को शांति से अंतिम संस्कार करने दिया जा सके।

अंतिम संस्कार की रस्में और हिंदू रीति-रिवाज

सबसे बड़ी चर्चा इस बात की रही कि ज़रीन खान को अर्थी पर ले जाया गया और उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार किया गया। आम तौर पर मुस्लिम धर्म के अनुसार शव को दफनाया जाता है, लेकिन यहां चिता पर अंतिम संस्कार किया गया, मंत्रोच्चार हुआ और “राम नाम सत्य है” का जाप किया गया।

पंडित जी ने वेद मंत्रों के साथ प्रार्थना करवाई और सभी ने मिलकर ज़रीन खान की आत्मा की शांति के लिए दुआ मांगी। परिवार ने उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम विदाई दी।

क्या थी ज़रीन खान की असली पहचान?

बहुत कम लोग जानते हैं कि ज़रीन खान मूल रूप से एक पारसी परिवार से आती थीं। उनका जन्म पारसी परिवार में हुआ था। मात्र 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने संजय खान से शादी की थी और उसके बाद उन्होंने अपने पति के साथ मुस्लिम धर्म निभाया, लेकिन अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलीं।

ज़रीन खान ने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे। संजय खान का नाम कई अभिनेत्रियों के साथ जुड़ा, खासकर ज़ीनत अमान के साथ उनके अफेयर की चर्चाएं आम थीं। बावजूद इसके ज़रीन ने अपने परिवार को हमेशा संभाले रखा और अपने बच्चों के साथ गहरा रिश्ता बनाए रखा।

अंतिम इच्छा का सम्मान

ज़रीन खान की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से ही हो। उन्होंने अपने परिवार वालों को पहले ही बता दिया था कि भले ही वे जीवन में किसी भी धर्म को निभाएं, लेकिन उनकी अंतिम विदाई हिंदू परंपराओं के अनुसार ही होनी चाहिए। परिवार ने उनकी इस इच्छा का सम्मान किया और अंतिम संस्कार उसी तरह किया जैसा उन्होंने चाहा था।

उनके बेटे जाहिद खान, जो इस दुख की घड़ी में बेहद भावुक थे, अर्थी के आगे कलश लेकर चले। सुज़ैन खान और बाकी परिवार के सदस्य भी मां की अंतिम इच्छा को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे।

बॉलीवुड में शोक की लहर

ज़रीन खान के निधन पर बॉलीवुड के कई सितारों ने सोशल मीडिया पर शोक जताया। ऋतिक रोशन ने लिखा, “आपका प्यार और शक्ति हमेशा हमारे दिलों में रहेगा।” सुज़ैन खान ने भी अपनी मां की याद में भावुक पोस्ट साझा की। संजय खान ने कहा, “ज़रीन ने मेरे जीवन को संवार दिया, उनकी कमी हमेशा महसूस होगी।”

समाज में संदेश

ज़रीन खान की कहानी समाज को एक बड़ा संदेश देती है — धर्म से ऊपर इंसानियत और परिवार की भावनाएं होती हैं। ज़रीन ने अपने जीवन में कई धर्मों की परंपराओं को अपनाया, लेकिन अंत में उनकी इच्छा थी कि उन्हें हिंदू रीति-रिवाज से विदा किया जाए। यह फैसला परिवार के लिए भावुक था, लेकिन उन्होंने मां की इच्छा को सर्वोपरि रखा।

निष्कर्ष

ज़रीन खान का अंतिम संस्कार बॉलीवुड के लिए एक भावुक और यादगार पल बन गया। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए सितारों और परिवार के सदस्यों ने यह साबित कर दिया कि ज़रीन खान सिर्फ एक सेलिब्रिटी नहीं थीं, बल्कि एक मजबूत, प्यार करने वाली और प्रेरणादायक महिला थीं। उनकी यादें हमेशा उनके परिवार, दोस्तों और चाहने वालों के दिलों में जीवित रहेंगी।

उनकी अंतिम इच्छा ने यह भी दिखा दिया कि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है अपने मन की शांति और परिवार के साथ अपने रिश्ते। ज़रीन खान की कहानी आज भी लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा है।

ओम शांति।

इस खबर ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि धर्म से ऊपर परिवार की भावनाएं और व्यक्ति की इच्छाएं होती हैं। ज़रीन खान की अंतिम विदाई ने बॉलीवुड और समाज को एक नई सोच दी है।