💔 50 साल बाद टूटा सन्नाटा: हेमा मालिनी ने खोला ‘अकेलेपन’ और ‘अधूरे रिश्ते’ का वो राज जो दुनिया से छिपा था!

(शीर्षक: Hema Malini Exposed: प्रकाश कौर और धर्मेंद्र की जटिल जिंदगी के वो अनकहे सच जो अब ‘ड्रीम गर्ल’ ने बयान किए)

मुंबई: बॉलीवुड की ‘ड्रीम गर्ल’ हेमा मालिनी का जीवन दशकों से एक खुली किताब रहा है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह चर्चा जोरों पर है कि अभिनेत्री ने अपनी जिंदगी के 50 साल पुराने राज़ पर से पर्दा उठा दिया है। यह रहस्य धर्मेंद्र के साथ उनके जटिल रिश्ते, उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर और दो परिवारों के बीच खिंची अदृश्य दीवार से जुड़ा है। सूत्रों और हेमा मालिनी के करीबी अनुभवों पर आधारित यह कहानी बताती है कि शोहरत और ग्लैमर के पीछे उनकी जिंदगी कितनी अधूरी और अकेलेपन से भरी थी।

1. प्यार के लिए लिया वो ‘कठोर’ फैसला जिसने देश को चौंकाया

हेमा मालिनी के करियर की शुरुआत तमिल फिल्मों में रिजेक्शन के बाद हुई, लेकिन राज कपूर की ‘सपनों का सौदागर’ से उन्हें बॉलीवुड में पहचान मिली। जल्द ही, उनकी खूबसूरती ने कई सुपरस्टार्स—राजकुमार, संजीव कुमार और जितेंद्र—का दिल जीत लिया। लेकिन हेमा का दिल सिर्फ धर्मेंद्र पर आया, जो पहले से ही शादीशुदा और चार बच्चों के पिता थे।

जब प्यार परवान चढ़ा, तो परिवार और समाज की दीवारें खड़ी हो गईं। पिता की इच्छा के विरुद्ध, और जितेंद्र जैसे सुरक्षित विकल्प को ठुकराकर, हेमा ने धर्मेंद्र को चुना। जब धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर ने उन्हें तलाक देने से साफ इनकार कर दिया, तो इस जोड़े ने एक चौंकाने वाला कदम उठाया।

यह 50 साल पहले का वह सबसे बड़ा ‘राज’ था, जो उनकी जिंदगी का निर्णायक मोड़ बना: हिंदू विवाह अधिनियम के तहत शादी संभव न होने पर, दोनों ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। धर्मेंद्र ‘दिलावर खान’ और हेमा मालिनी ‘आयशा’ बन गईं, और दोनों ने निकाह किया। यह कदम उस समय समाज में एक बड़ा विवाद बन गया था, जिसने उनके रिश्ते की नींव में ही जटिलता और अधूरापन भर दिया।

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2. अधूरा सम्मान: पत्नी होकर भी ‘पत्नी’ न कहलाने का दर्द

इस्लाम कबूल कर शादी करने के बावजूद, हेमा मालिनी को वह पूरा सम्मान और स्वीकार्यता नहीं मिली जिसकी वह हकदार थीं। यह उनके जीवन का दूसरा बड़ा ‘राज’ था:

अकेलेपन का राज़: “धर्मेंद्र कभी उनके साथ खुलेआम नजर नहीं आते थे। ना किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में उनके साथ खड़े होते और ना ही दुनिया के सामने यह स्वीकार कर पाते कि हेमा मालिनी उनकी पत्नी हैं।”

धर्मेंद्र का जीवन दो समानांतर पटरियों पर चलने वाली गाड़ी जैसा बन गया। वह कभी भी प्रकाश कौर और उनके बच्चों को नहीं छोड़ पाए, और हेमा मालिनी को भी वह मुकम्मल स्थान नहीं दे पाए जो एक पत्नी को मिलना चाहिए। हेमा मालिनी को अपनी दोनों बेटियों ईशा देओल और अहाना देओल की परवरिश ज्यादातर अकेले ही करनी पड़ी।

3. सनी देओल की ‘नाराजगी’: जब सेट पर दी गई कड़ी चेतावनी

रिश्ते की इस जटिलता का सबसे गहरा असर बच्चों पर पड़ा। खासकर धर्मेंद्र के बेटे, सनी देओल, इस रिश्ते से बेहद नाराज थे। उनका मानना था कि उनकी मां प्रकाश कौर को बेवजह इस तकलीफ से गुजरना पड़ा।

एक बड़ा ‘राज’ जो फिल्मी गलियारों में हमेशा दबी आवाज में रहा: एक बार जब हेमा और धर्मेंद्र किसी फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, तभी सनी देओल सेट पर पहुँचे और बेहद कड़वे लहजे में हेमा मालिनी को कड़ी चेतावनी दी।

पारिवारिक दूरी का राज़: इस घटना के बाद से, सनी और बॉबी देओल ने जानबूझकर हेमा मालिनी और उनकी बेटियों से दूरी बनाए रखी। ईशा देओल की शादी में भी दोनों भाई नजर नहीं आए, जो इस परिवार के भीतर की गहरी दरारों का एक स्पष्ट संकेत था। हेमा को हमेशा यह महसूस होता रहा कि वह उस परिवार का हिस्सा नहीं बन पाईं जिसका मुखिया उनका पति था।

4. मजबूरी में किया ‘बी-ग्रेड’ काम: आर्थिक संघर्ष का राज़

अपने जीवन के उत्तरार्ध में, हेमा मालिनी ने आर्थिक संघर्ष का भी सामना किया, जो उनके ग्लैमरस जीवन के पीछे एक छिपा हुआ राज़ था।

फिल्मों में उनकी उम्र बढ़ रही थी और अच्छे प्रोजेक्ट्स हाथ से निकलने लगे थे। उन्हें मजबूरन बी-ग्रेड फिल्म ‘रामकली’ में एक तवायफ का रोल करना पड़ा। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने यह फिल्म सिर्फ पैसों की कमी के कारण की, क्योंकि धर्मेंद्र से मिलने वाला खर्च कम हो चुका था, और उन्हें अपनी बेटियों की जिम्मेदारी अकेले संभालनी पड़ रही थी।

जब इस फिल्म का पोस्टर आया, तो शर्मिंदगी से उन्होंने प्रोड्यूसर से कहा कि इसे शहर से दूर लगाया जाए, ताकि लोग उन्हें इस हालत में न देखें। यह एक सुपरस्टार की मजबूरी थी, जिसने उनके अकेलेपन और संघर्ष को उजागर किया।

5. अंतिम वर्षों का ‘अकेलापन’ और अधूरा सपना

हेमा मालिनी का सबसे बड़ा और सबसे दर्दनाक ‘राज’ उनके अंतिम वर्षों का अकेलापन था। जब उन्हें सबसे ज्यादा सहारा चाहिए था, तब धर्मेंद्र अपना ज्यादातर समय प्रकाश कौर के साथ बिताने लगे थे।

हेमा की जिंदगी उनकी डांस शो, राजनीतिक बैठकों और अकेलेपन में सिमटकर रह गई। उनका एक ही सपना था जो कभी पूरा नहीं हो पाया: “धर्मेंद्र खुले तौर पर कहें कि हाँ, यह मेरी पत्नी है और यह मेरी बेटियां हैं।”

लेकिन धर्मेंद्र पहली पत्नी और बच्चों की नाराजगी के डर से हमेशा ऐसा कहने से कतराते रहे। आज जब दोनों के रिश्ते की कहानी एक लंबे इंतजार और अधूरी स्वीकार्यता में सिमट गई है, तब लोगों को यह महसूस होता है कि ‘ड्रीम गर्ल’ की जिंदगी उतनी सपनों जैसी नहीं रही।

यह कहानी उन जटिलताओं को उजागर करती है जो ग्लैमर की दुनिया के पीछे दबी रहती हैं, और बताती है कि प्यार, बलिदान और संघर्ष के बावजूद, हेमा मालिनी को वह पूरा सम्मान और परिवार का साथ नहीं मिल पाया, जिसकी उन्हें हमेशा तलाश रही।

नोट: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स, गपशप कॉलम और सार्वजनिक चर्चाओं पर आधारित है, जिसकी कोई आधिकारिक पुष्टि धर्मेंद्र, हेमा मालिनी या देओल परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा नहीं की गई है। इन्हें केवल सार्वजनिक चर्चाओं और धारणाओं के रूप में ही देखा जाना चाहिए।