फुटपाथ से शाही बंगले तक: 10 साल की पूजा की दिल छू लेने वाली कहानी

शहर के एक कोने पर, फुटपाथ पर नंगे पैर खड़ी 10 साल की पूजा की कहानी आज लाखों दिलों को छू रही है। उलझे बाल, फटे कपड़े और हाथ में टूटी थाली लिए, पूजा रोज़ होटल के गेट पर बचा हुआ खाना मांगती थी। उसकी आँखों में भूख थी, लेकिन हौसला भी था। “भैया, थोड़ा बचा हुआ खाना दे दीजिए। मेरे भाई-बहन बहुत भूखे हैं,” वह रोज़ कर्मचारियों से गिड़गिड़ाती।

शुरुआत में होटल के कर्मचारी उसे खाना दे देते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी बेरुखी बढ़ गई। एक दिन एक कर्मचारी ने गुस्से में उसकी थाली छीन ली और कहा, “झूठे बर्तन धो तभी खाना मिलेगा।” पूजा की आँखों में आंसू थे, लेकिन अपने परिवार की भूख ने उसे मजबूर कर दिया। उसने सिर झुका लिया और गंदे बर्तन धोने लगी। उसकी छोटी-छोटी हथेलियाँ चिकन की हड्डियों और पिज्जा के टुकड़ों में डूब जातीं। यही उसका रोज़ का जीवन बन गया—पेट भरने के लिए बचपन खोना।

.

.

.

एक शाम, होटल के मालिक आमिर मलिक वहाँ पहुँचे। उन्होंने देखा कि पूजा गंदे पानी से बर्तन धो रही थी और आधी जली रोटी खा रही थी। आमिर के मन को यह दृश्य झकझोर गया। उन्होंने कर्मचारियों को डाँटा और पूजा से पूछा, “बेटी, अब तुम्हें कोई काम नहीं करना पड़ेगा। तुम मेरे साथ चलो।” पूजा की आँखों में आश्चर्य और डर था, लेकिन आमिर ने उसे अपने बंगले में ले जाकर उसकी पूरी ज़िंदगी बदल दी।

आमिर खुद कभी गरीब थे, फुटपाथ पर सोते थे। किसी नेक इंसान ने उनकी मदद की थी, स्कूल भेजा था। आज वही आमिर करोड़पति थे और उन्होंने पूजा को अपनी बेटी बना लिया। आमिर की पत्नी झारा ने पूजा को गले लगाया और कहा, “बेटी, अब यह तुम्हारा घर है।”

पूजा अब हर सुबह नहा-धोकर साफ कपड़े पहनती, स्कूल जाती और मेहनत से पढ़ाई करती। आमिर और झारा हर शाम उससे पूछते, “बेटी, आज स्कूल कैसा रहा?” यह सवाल सुनकर उसकी आँखें चमक उठतीं, क्योंकि असली घर में किसी ने कभी उससे यह नहीं पूछा था।

एक दिन पूजा ने आमिर से अपनी बीमार माँ की मदद की गुहार लगाई। आमिर ने तुरंत डॉक्टर बुलवाए, इलाज शुरू करवाया और छोटे भाई-बहनों को भी स्कूल में दाखिला दिलवा दिया। आमिर के इस कदम की चर्चा पूरे शहर में फैल गई। अखबारों की हेडलाइन बनी—”शहर का बड़ा होटल, अब कोई भूखा नहीं जाएगा।”

होटल में गरीबों को मुफ्त खाना मिलने लगा। कुछ अमीर ग्राहक नाक-भौं सिकोड़ते, लेकिन धीरे-धीरे सबकी सोच बदल गई। पूजा की मेहनत रंग लाई, वह स्कूल में टॉपर बनी और डॉक्टर बनने के सपने के साथ आगे बढ़ती रही।

एक दिन होटल में आग लग गई। कई कर्मचारी घायल हो गए। पूजा ने आगे बढ़कर सबकी देखभाल की, अस्पताल में इलाज करवाया। मीडिया ने फिर उसकी कहानी दिखाई—”गरीबी से उठकर समाज की प्रेरणा बनी पूजा।”

कुछ साल बाद पूजा डॉक्टर बन गई। एक समारोह में जब उसकी सफलता का कारण पूछा गया, उसने कहा, “इंसानियत। अगर आमिर साहब और झारा मैम ने मेरी मदद नहीं की होती, तो आज मैं जिंदा भी नहीं होती।”

पूजा की कहानी आज पूरे समाज को इंसानियत और मदद का संदेश देती है। भूख, गरीबी और अपमान से लड़कर वह साबित करती है कि एक नेक इंसान की मदद किसी की पूरी दुनिया बदल सकती है।

आपको यह कहानी कैसी लगी? कमेंट में जरूर बताएं और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें।