📰 इंडिगो का ‘बैग त्रासदी’: दिल्ली एयरपोर्ट पर सामान का पहाड़, सातवें दिन भी हज़ारों यात्री परेशान!

हवाई क्षेत्र के इतिहास का सबसे बड़ा संकट, एयरपोर्ट पर बिखरे हज़ारों बैग ने खोली एयरलाइन की पोल; ‘Tragedy’ से जूझ रहे यात्री

नई दिल्ली: भारतीय हवाई क्षेत्र (Indian Aviation Sector) इतिहास के सबसे बड़े संकटों में से एक से जूझ रहा है। इंडिगो (IndiGo) एयरलाइन में जारी अराजकता का आज सातवाँ दिन है, लेकिन स्थिति सुधरने के बजाय और भी भयावह होती जा रही है। फ्लाइटों के रद्द (Cancellation) होने और देरी (Delay) के अलावा, एक और दर्दनाक सच्चाई सामने आई है—दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पर यात्रियों के हज़ारों बैग फंसे हुए हैं, जिसने इंडिगो की अव्यवस्था और लापरवाही की पोल खोल दी है।

दिल्ली एयरपोर्ट पर हज़ारों बैग का अंबार

जो दृश्य दिल्ली एयरपोर्ट से सामने आ रहे हैं, वे इस संकट की भयावहता को दर्शाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के टर्मिनल वन (Terminal One) पर आगमन (Arrival) क्षेत्र में हज़ारों बैग बिखरे पड़े हैं। यह संख्या दो-तीन हज़ार से कहीं अधिक हो सकती है। ये बैग पिछले कई दिनों से वहाँ पड़े हैं, जो उन यात्रियों के हैं जिनकी उड़ानें रद्द कर दी गईं या प्रभावित हुईं।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, ये विज़ुअल यह स्पष्ट करते हैं कि अराजकता किस स्तर पर पहुँच चुकी है। एक पत्रकार ने स्थिति को सरल शब्दों में “त्रासदी” (Tragedy) करार दिया, और कहा कि भारतीय विमानन क्षेत्र में पिछले एक दशक में इतने बड़े पैमाने का संकट नहीं देखा गया है।

आज सोमवार को भी, यानी संकट के सातवें दिन भी, क़रीब 100 से 150 उड़ानें रद्द या प्रभावित हैं, जिसका असर देश भर के एयरपोर्ट्स पर देखा जा रहा है। यात्रियों के लिए इंतज़ार की घड़ियाँ ख़त्म नहीं हो रही हैं।

बैग वापस पाने की जद्दोजहद: ‘Assembly Line’ बना एयरपोर्ट

हज़ारों यात्रियों के लिए अब उड़ान रद्द होने से बड़ा संकट अपना चेक-इन सामान (Check-in Baggage) वापस पाना बन गया है।

इंडिगो के कर्मचारी अब इन बिखरे हुए हज़ारों बैग को वापस यात्रियों तक पहुँचाने की मुश्किल प्रक्रिया से जूझ रहे हैं। यह काम बेहद कठिन और समय लेने वाला है क्योंकि:

    टैगिंग और सत्यापन (Verification): प्रत्येक बैग को पहले टैग से जाँचना होगा।

    बोर्डिंग पास से मिलान: यात्रियों को अपने बोर्डिंग पास और टैग के साथ आना होगा।

    सेक्टर की पहचान: बैग अलग-अलग सेक्टरों में लगे हुए हैं, यह पहचानना होगा कि कौन सा बैग किस रद्द हुई उड़ान का है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि एयरपोर्ट का यह हिस्सा सचमुच एक “असेंबली लाइन” (Assembly Line) जैसा लग रहा है, जहाँ कर्मचारी और यात्री अपने सामान को ढूँढने की भारी जद्दोजहद कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में भारी देरी हो रही है, जिससे कई यात्रियों को अपना सामान वापस मिलने की उम्मीद भी छूटती जा रही है। सोशल मीडिया पर भी यात्री लगातार अपने बैग वापस करने की गुहार लगा रहे हैं।

यात्रियों का आक्रोश और एयरलाइन की सफ़ाई

इस पूरे संकट ने यात्रियों के बीच भारी आक्रोश पैदा कर दिया है। यात्रियों ने हज़ारों रुपये खर्च करके यात्रा की, लेकिन अब उन्हें इस पैमाने की त्रासदी का सामना करना पड़ रहा है। कई यात्री अपने सामान को वापस लेने के लिए एयरपोर्ट अधिकारियों और इंडिगो के स्टाफ से बहस (Arguments) करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

यह स्थिति इंडिगो के लिए एक परिभाषित क्षण (Defining Moment) बन गई है, जिसने यह दिखा दिया है कि एक बड़ी एयरलाइन आपात स्थिति को संभालने में कितनी बुरी तरह विफल हो सकती है। यह दिखाता है कि इंडिगो ने हज़ारों यात्रियों को सचमुच अराजकता (Mayhem) में छोड़ दिया है।

एयरलाइन, हालांकि, यह दावा कर रही है कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट के ये भयावह दृश्य इंडिगो के इन दावों की पोल खोलते हैं। जिस तरह से हज़ारों बैग एक साथ फर्श पर बिखरे हुए हैं, वह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि संकट अभी भी बना हुआ है और स्थिति सामान्य होने में अभी काफी समय लगेगा।

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

यह संकट केवल उड़ानों और सामान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर भारतीय विमानन क्षेत्र के भरोसे (Trust) और प्रबंधन (Management) पर भी पड़ रहा है।

यात्रियों का विश्वास टूटा: इंडिगो, जो भारत की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन है, उस पर यात्रियों का विश्वास बुरी तरह से टूटा है।

सरकारी हस्तक्षेप की ज़रूरत: इस बड़े पैमाने के संकट को देखते हुए, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) के हस्तक्षेप की सख्त ज़रूरत है ताकि न केवल उड़ानों को सामान्य किया जा सके, बल्कि यात्रियों को उनका सामान सुरक्षित और जल्द से जल्द वापस मिल सके।

यह घटना यह सवाल भी उठाती है कि क्या भारत के एयरपोर्ट और एयरलाइंस इस तरह के अप्रत्याशित संकटों को संभालने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार हैं।

फिलहाल, दिल्ली एयरपोर्ट से आ रहे ये भयानक (Terrifying) और चौंकाने वाले (Shocking) दृश्य एक बड़ी त्रासदी की कहानी बयाँ कर रहे हैं, जिसका खामियाजा हज़ारों मासूम यात्रियों को उठाना पड़ रहा है। इंडिगो स्टाफ को अभी भी अपने ग्राहकों का सामान वापस करने के लिए एक लंबी और कठिन लड़ाई लड़नी होगी।


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