दोस्ती का जादू
एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का था जिसका नाम था अली। अली बहुत ही चंचल और मजाकिया था। वह हमेशा अपने दोस्तों के साथ मस्ती करता रहता था। उसके सबसे अच्छे दोस्त थे फहीम और सारा। तीनों की दोस्ती ऐसी थी कि जैसे वे भाई-बहन हों।
एक दिन, अली ने सोचा कि क्यों न कुछ नया किया जाए। उसने अपने दोस्तों को बुलाया और कहा, “चलो, हम एक डांस प्रतियोगिता आयोजित करते हैं!” फहीम और सारा ने तुरंत सहमति जताई। उन्होंने तय किया कि अगले शनिवार को गाँव के चौराहे पर सब मिलकर डांस करेंगे।
सप्ताह भर, अली, फहीम और सारा ने मिलकर डांस की प्रैक्टिस की। अली ने कई मजेदार मूव्स सीखे और फहीम ने कुछ पुराने लोक नृत्य को नया रूप दिया। सारा ने भी अपने क्लासिकल डांस को जोड़कर एक अनोखा स्टाइल बनाया।
जब शनिवार आया, तो गाँव के सभी लोग उत्सुकता से चौराहे पर इकट्ठा हुए। अली, फहीम और सारा ने अपनी परफॉर्मेंस शुरू की। पहले तो अली ने अपने मजेदार मूव्स दिखाए, जिससे सब हंस पड़े। फिर फहीम ने अपने लोक नृत्य से सबका दिल जीत लिया। अंत में, सारा ने अपनी क्लासिकल डांस से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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उनकी परफॉर्मेंस इतनी शानदार थी कि लोग ताली बजाने लगे और cheering करने लगे। लेकिन तभी, अचानक अली का पैर फिसल गया और वह गिर पड़ा। सब लोग चौंक गए, लेकिन अली ने हंसते हुए कहा, “ओए, मैं तो बस एक नया मूव दिखा रहा था!”
उसकी हिम्मत देखकर सबने फिर से ताली बजाई। अली ने फिर से डांस करना शुरू किया और उसके दोस्त भी उसके साथ शामिल हो गए। इस बार उन्होंने मिलकर एक ग्रुप डांस किया।

जब डांस खत्म हुआ, तो गाँव के बुजुर्गों ने उनकी तारीफ की और कहा, “तुम तीनों ने तो गाँव का नाम रोशन कर दिया है।” अली, फहीम और सारा बहुत खुश हुए।
इसके बाद, उन्होंने तय किया कि वे हर महीने एक डांस प्रतियोगिता आयोजित करेंगे ताकि गाँव के सभी बच्चे और युवा अपनी प्रतिभा दिखा सकें। इस तरह, उनकी दोस्ती और भी मजबूत हो गई।
समय बीतता गया और अली, फहीम और सारा बड़े हो गए। लेकिन उनकी दोस्ती में कोई कमी नहीं आई। वे हमेशा एक-दूसरे का साथ देते रहे।
एक दिन, अली ने कहा, “हमें अपने गाँव में एक बड़ा मेला आयोजित करना चाहिए।” फहीम और सारा ने सहमति जताई। उन्होंने मिलकर गाँव के लोगों के साथ योजना बनाई।
मेले का दिन आया। गाँव के सभी लोग उत्साहित थे। अली, फहीम और सारा ने अपने पुराने डांस मूव्स को फिर से दिखाया। इस बार, उन्होंने गाँव के सभी बच्चों को भी शामिल किया।
मेले में खाने-पीने के स्टॉल, खेल और मनोरंजन के लिए कई गतिविधियाँ थीं। सभी ने मिलकर खूब मज़े किए।
इस मेले ने गाँव में एक नया उत्साह भर दिया। लोग एक-दूसरे के साथ समय बिताने लगे और दोस्ती का जादू फिर से छा गया। अली, फहीम और सारा ने साबित कर दिया कि सच्ची दोस्ती में कोई भी चुनौती नहीं होती।
समाप्ति पर, गाँव के लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर हंसते, खेलते और डांस करते रहे। अली, फहीम और सारा ने यह दिखाया कि दोस्ती का जादू हमेशा जिन्दा रहता है, चाहे समय कितना भी बदल जाए।
इस तरह, उनकी कहानी दोस्ती, मस्ती और एकता की मिसाल बन गई, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
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