आदमी को गरीब समझकर तलाकशुदा पत्नी ने शोरूम से भगाया, पति ने खरीदा शोरूम …

दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित एक शानदार ऑटो शोरूम, प्रीमियम ऑटो पैलेस, जहां हर दिन अमीर व्यापारी, फिल्म स्टार्स और बड़े अधिकारी आते थे। चमकीले शीशे, रंग-बिरंगी लाइटें और अंदर खड़ी चमचमाती कारें इस शोरूम की पहचान थीं। लेकिन इस शोरूम की मैनेजर, रिया सिंह, की एक बड़ी कमजोरी थी – उसका अहंकार। वह लोगों को उनकी दिखावट से जज करती थी और गरीबों को तिरस्कृत करती थी।

पहली मुलाकात

एक दिन, आदित्य सिंह नाम का एक आदमी शोरूम में आया। उसके कपड़े साधारण थे, लेकिन उसकी आंखों में एक अजीब सी शांति थी। आदित्य, रिया का तलाकशुदा पति था। दो साल पहले उनका रिश्ता बुरे मोड़ पर खत्म हुआ था, और रिया को लगता था कि आदित्य उसकी जिंदगी का बोझ है। उसने आदित्य को छोड़ा था क्योंकि वह एक छोटे वर्कशॉप में काम करता था और रिया को उसकी स्थिति से शर्मिंदगी होती थी।

तलाक का कारण

तलाक के बाद, आदित्य ने पहले से भी ज्यादा मेहनत करने का निर्णय लिया। उसने अपने छोटे बिजनेस की शुरुआत की और धीरे-धीरे अपने काम को बढ़ाया। आदित्य ने अपनी मेहनत से एक ऑटो पार्ट्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, एएस मोटर्स, बनाई। उसकी मेहनत रंग लाई और अब वह दिल्ली के कई बड़े शोरूम्स को सप्लाई देने लगा।

शोरूम में वापसी

एक दिन आदित्य ने अपने बिजनेस पार्टनर मोहित के साथ प्रीमियम ऑटो पैलेस में जाने का निर्णय लिया। जब वह वहां पहुंचे, तो रिया ने आदित्य को पहचान लिया। उसकी आंखों में वही पुराना तिरस्कार लौट आया। उसने आदित्य का मजाक उड़ाते हुए कहा, “कौन सी कार देखने आए हो? साइकिल एक्सचेंज करनी है क्या?” आदित्य ने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं कार खरीदने आया हूं।”

रिया ने हंसते हुए कहा, “तुम कार खरीदने आए हो? यह तो बहुत बड़ा जोक है।” आदित्य ने शांत भाव से एक BMW की तरफ इशारा किया और कहा, “मैं उस कार के बारे में जानना चाहता हूं।” रिया ने फिर से ताना मारा, “यह BMW X5 है, इसकी कीमत ₹85 लाख है। तुम्हारी पूरी जिंदगी की कमाई भी इतनी नहीं होगी।”

अपमान का सामना

रिया ने आदित्य को अपमानित किया और सिक्योरिटी गार्ड को बुलाकर कहा, “इसे बाहर निकालिए।” आदित्य ने कुछ नहीं कहा, बस गहरी सांस ली और बाहर चला गया। लेकिन उसकी चुप्पी के पीछे एक मजबूत इरादा था। वह जानता था कि एक दिन वह साबित करेगा कि वह किसी से कम नहीं है।

आदित्य की मेहनत

तलाक के बाद, आदित्य ने अपने बिजनेस में दिन-रात मेहनत की। उसने ऑटो पार्ट्स बनाने की शुरुआत की और धीरे-धीरे उसका काम बढ़ता गया। एक साल में उसका बिजनेस इतना बढ़ा कि वह दिल्ली के कई शोरूम्स को सप्लाई देने लगा। उसकी कंपनी की क्वालिटी इतनी अच्छी थी कि बड़ी-बड़ी कंपनियां भी उससे ऑर्डर देने लगीं।

नई शुरुआत

दो दिन बाद, रिया अपनी पूरी टीम को हिदायतें दे रही थी। आज उनके बॉस के पार्टनर आने वाले थे। रिया ने अपने बाल करवाए थे, नई ड्रेस पहनी थी और परफ्यूम भी लगाया था। सब कुछ परफेक्ट होना चाहिए था। ठीक 11:00 बजे, शोरूम के मुख्य दरवाजे से दो लोग अंदर आए। एक था मोहित और दूसरा आदित्य।

जब रिया ने आदित्य को देखा, तो उसका चेहरा एकदम सफेद हो गया। आदित्य आज फॉर्मल ड्रेस में था। मोहित ने रिया से हाथ मिलाते हुए कहा, “मैं हूं मोहित गुप्ता, एएस मोटर्स के बिजनेस डेवलपमेंट हेड।” फिर मोहित ने आदित्य की तरफ इशारा किया और कहा, “मिलिए मिस्टर आदित्य सिंह से, हमारी कंपनी के फाउंडर और सीईओ।”