$500M का Deal बस साइन होने ही वाला था, तभी नौकरानी की बेटी ने सबको हैरान कर दिया…

कभी-कभी जिन लोगों को हम बिल्कुल बेकार समझते हैं, वही इंसान हमारी पूरी दुनिया बचा सकते हैं। यह कहानी है रिया वर्मा की, जो सिर्फ 12 साल की एक छोटी लड़की है, लेकिन उसके दिमाग में बहुत ज्ञान था। रिया अपने मां, सुनीता जी के साथ एक छोटे से किराए के घर में रहती थी। सुनीता जी एक सफाईकर्मी थीं और रिया उनकी मदद करती थी।

एक दिन, रिया अपने स्कूल से लौटकर अपने मां के साथ कुरैशी साहब के ऑफिस में सफाई करने गई। मिस्टर कुरैशी एक बड़े बिजनेसमैन थे, और उनके ऑफिस में हमेशा चहल-पहल रहती थी। रिया ने देखा कि मिस्टर कुरैशी गुस्से में थे और अपने असिस्टेंट से कुछ बातें कर रहे थे। उन्होंने कहा, “हम इन बेवकूफ भारतीयों को आसानी से धोखा दे सकते हैं।” रिया ने ध्यान से सुना और समझा कि वह किसी बड़े धोखे की योजना बना रहे हैं।

भाग 2: रिया की समझदारी

जब रिया घर आई, तो उसने अपनी मां से कहा, “मां, आज मिस्टर कुरैशी बहुत बुरी बातें कर रहे थे। वह कह रहे थे कि वह 500 करोड़ रुपये चुराने वाले हैं।” सुनीता जी ने चौंककर पूछा, “तुमने यह कैसे सुना?” रिया ने बताया कि उसने अरबी भाषा में बातें सुनीं और समझी। सुनीता जी को यकीन नहीं हुआ, लेकिन रिया के चेहरे पर दृढ़ता देखकर उन्होंने उसकी बात मान ली।

रिया ने कहा, “मां, अगर वह ऐसा करते हैं, तो कई गरीब परिवारों को नुकसान होगा। हमें कुछ करना चाहिए।” सुनीता जी ने सोचा कि उनकी बेटी कितनी समझदार है। उन्होंने रिया को प्रोत्साहित किया और कहा, “अगर तुम सच में ऐसा कर सकती हो, तो हमें इसे रोकना चाहिए।”

भाग 3: योजना बनाना

अगली सुबह, रिया ने अपने स्कूल जाने से पहले ठान लिया कि वह इस मामले को सुलझाएगी। उसने अपने फोन पर कुछ वीडियो देखे और अरबी भाषा के कुछ शब्द सीखे। वह जानती थी कि उसे मिस्टर कुरैशी की योजना को रोकने के लिए सही जानकारी की जरूरत है।

उसने अपने स्कूल में एक प्रोजेक्ट तैयार किया, जिसमें उसने बताया कि कैसे वह अरबी भाषा में बातचीत कर सकती है। उसने अपने दोस्तों से मदद मांगी और उन्हें बताया कि कैसे वे मिलकर इस धोखे को रोक सकते हैं। सभी दोस्तों ने उसका साथ दिया और वे एक टीम बन गए।

भाग 4: ऑफिस में घुसपैठ

रिया और उसके दोस्त ने योजना बनाई कि वे मिस्टर कुरैशी के ऑफिस में जाएंगे। रिया ने अपने दोस्तों से कहा, “हमें वहां जाकर सब कुछ सुनना होगा। हम उन्हें रोकने का एक मौका नहीं छोड़ेंगे।”

एक दिन, रिया ने अपनी मां से कहा कि उसे स्कूल के प्रोजेक्ट के लिए कुछ रिसर्च करनी है। सुनीता जी ने उसे ऑफिस जाने की अनुमति दी। रिया ने अपने दोस्तों को बुलाया और वे सभी मिस्टर कुरैशी के ऑफिस में पहुंच गए।

भाग 5: सुनने का मौका

जब वे ऑफिस पहुंचे, तो रिया ने ध्यान से सुना कि मिस्टर कुरैशी और उनके असिस्टेंट क्या बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर हम इस डील को जल्दी से पूरा कर लें, तो हम 500 करोड़ रुपये कमा सकते हैं।” रिया ने तुरंत समझ लिया कि यह कितना बड़ा धोखा है।

उसने अपने दोस्तों को इशारा किया कि वे चुप रहें और सब कुछ सुनें। उन्होंने देखा कि मिस्टर कुरैशी ने एक नकली एग्रीमेंट पर दस्तखत करने की योजना बनाई थी। रिया ने अपने दोस्तों से कहा, “हमें इसे रोकना होगा। हमें सबूत इकट्ठा करने होंगे।”

भाग 6: सबूत इकट्ठा करना

रिया ने अपने फोन पर रिकॉर्डिंग शुरू की और उन सभी बातों को रिकॉर्ड किया जो मिस्टर कुरैशी और उनके असिस्टेंट कह रहे थे। उसने सोचा कि अगर वह सबूत इकट्ठा कर लेगी, तो वह इसे अधिकारियों के पास ले जा सकती है।

जब वे ऑफिस से बाहर निकले, तो रिया ने अपने दोस्तों से कहा, “हमें इसे तुरंत रिपोर्ट करना होगा। हमें यह सबूत किसी को दिखाना होगा।” सभी ने सहमति जताई और रिया ने तय किया कि वह अपने मां को बताएगी।

भाग 7: मां का समर्थन

रिया ने घर आकर अपनी मां को सब कुछ बताया। सुनीता जी ने कहा, “बेटा, यह बहुत गंभीर मामला है। अगर तुम सच में ऐसा कर सकती हो, तो हमें इसे रोकना चाहिए।” रिया ने अपने मां को दिखाया कि उसने क्या रिकॉर्ड किया है।

सुनीता जी ने कहा, “हमें इसे अधिकारियों के पास ले जाना होगा।” रिया ने हिम्मत जुटाई और वे दोनों अगले दिन पुलिस स्टेशन गईं।

भाग 8: पुलिस में रिपोर्ट करना

पुलिस स्टेशन में, रिया ने अपनी कहानी बताई और सबूत पेश किए। पुलिस ने उनकी बात सुनी और कहा, “यह बहुत गंभीर मामला है। हम तुरंत जांच करेंगे।” रिया और उसकी मां ने राहत की सांस ली।

कुछ ही दिनों बाद, पुलिस ने मिस्टर कुरैशी के खिलाफ कार्रवाई की। उन्होंने उनकी कंपनी पर छापा मारा और सभी दस्तावेज़ों की जांच की। रिया ने देखा कि कैसे उसकी छोटी सी कोशिश ने बड़े बदलाव लाए।

भाग 9: न्याय की जीत

कुछ हफ्तों बाद, पुलिस ने मिस्टर कुरैशी को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया और रिया की बहादुरी की तारीफ की। रिया को सम्मानित किया गया और उसे एक पुरस्कार भी मिला।

उसकी मां सुनीता जी ने गर्व से कहा, “मेरी बेटी ने हमें गर्व महसूस कराया है। उसने साबित कर दिया कि छोटी उम्र में भी बड़ी समझदारी हो सकती है।”

भाग 10: नई शुरुआत

रिया ने इस अनुभव से सीखा कि कभी-कभी जिन लोगों को हम बेकार समझते हैं, वही हमारी दुनिया बचा सकते हैं। उसने ठान लिया कि वह आगे चलकर एक वकील बनेगी और गरीबों के अधिकारों की रक्षा करेगी।

उसने अपने स्कूल में एक प्रोजेक्ट शुरू किया, जिसमें उसने बच्चों को बताया कि कैसे वे अपनी आवाज उठा सकते हैं और अन्याय के खिलाफ खड़े हो सकते हैं। रिया अब सिर्फ एक छोटी लड़की नहीं थी, बल्कि एक प्रेरणा बन चुकी थी।

अंत

दोस्तों, यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें कभी भी किसी को कम आंकना नहीं चाहिए। हर किसी के अंदर एक छिपी हुई ताकत होती है। हमें बस उसे पहचानने की जरूरत है। अगर आपको यह कहानी पसंद आई, तो इसे लाइक करें, कमेंट करें और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें। धन्यवाद!

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