अपने पिता की मृत्यु के बाद, सनी देओल ने धर्मेंद्र का आख़िरी ख़ज़ाना हेमा मालिनी को दे दिया!

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24 नवंबर, 2023 वह सुबह थी जब देओल परिवार की नींव हिल गई। भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का निधन हो गया, जिससे उनके परिवार और प्रशंसकों में गहरा शोक फैल गया। लेकिन इस दुखद घटना के पीछे एक ऐसी कहानी थी जिसे किसी ने पहले नहीं सुना था। यह कहानी एक पिता और बेटे के रिश्ते की गहराइयों को उजागर करती है, जो न केवल भावनात्मक बल्कि पारिवारिक बंधनों की भी परतें खोलती है।

धर्मेंद्र का जीवन और परिवार

धर्मेंद्र का जीवन भारतीय सिनेमा में एक अद्वितीय स्थान रखता है। उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं और अपनी दमदार अदाकारी से लाखों दिलों को जीता है। लेकिन उनके जीवन में एक और महत्वपूर्ण पहलू था, जो उनके परिवार से जुड़ा था। धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर थीं, और उनके दो बेटे, सनी और बॉबी देओल हैं। बाद में, उन्होंने हेमा मालिनी से शादी की और उनके साथ दो बेटियाँ, ईशा और आहना हैं।

धर्मेंद्र का जीवन हमेशा से विवादों से भरा रहा। उनकी शादी के बाद, प्रकाश कौर और हेमा मालिनी के बीच रिश्तों में तनाव उत्पन्न हुआ। सनी देओल, जो अपने पिता के साथ बहुत करीब थे, ने हमेशा अपने परिवार की रक्षा की। लेकिन जब धर्मेंद्र की जिंदगी में हेमा मालिनी आईं, तो सनी ने अपनी माँ के दर्द को भी महसूस किया।

After His Father’s Death, Sunny Deol Gives Dharmendra’s Last Treasure to  Hema Malini!

सनी का संघर्ष

सनी देओल ने अपने बचपन से ही अपनी माँ के दर्द को देखा था। जब धर्मेंद्र अपने काम में व्यस्त रहते थे और हेमा के साथ समय बिताते थे, तब सनी ने तय कर लिया था कि वह हेमा से दूर रहेंगे। उनके दिल में एक दीवार थी, जो उन्हें हेमा और उनके परिवार से अलग रखती थी। लेकिन जब धर्मेंद्र का निधन हुआ, तो सनी का दिल टूट गया।

धर्मेंद्र की मौत के बाद, सनी ने अपने पिता की अधूरी इच्छा को पूरा करने का फैसला किया। उन्होंने अपने पिता की पुरानी लकड़ी की पेटी को उठाया, जिसमें धर्मेंद्र की पगड़ी, डायरी, शादी की अंगूठी और अन्य यादगार चीजें थीं। यह वही चीजें थीं, जो धर्मेंद्र हमेशा कहते थे कि उन्हें उस घर को दे देना, जिसने उनके कारण कभी दर्द महसूस किया हो।

अंतिम इच्छा का सम्मान

सनी ने यह फैसला किया कि यह निशानी उनकी माँ प्रकाश कौर को नहीं, बल्कि हेमा मालिनी को दी जाएगी। धर्मेंद्र की अंतिम इच्छा थी कि उनके जाने के बाद परिवार एकजुट रहे। सनी ने हेमा को यह चीजें देते हुए कहा, “यह पापा की आखिरी निशानी है। उन्होंने कहा था इसे उस घर को देना जो मेरे कारण टूटा। अब यह आपका हक है।”

हेमा मालिनी ने यह सुनकर आंसू बहाए और कहा, “सनी, तुमने आज वो कर दिया जो धर्मेंद्र जी जिंदगी भर चाहते थे।” इस पल ने 40 साल पुराना दर्द पूरी तरह से पिघला दिया।

परिवारों का मिलन

जब हेमा मालिनी ने पहली बार सनी के हाथों वह निशानी ली, तो दोनों परिवारों के बीच एक नई शुरुआत हुई। ईशा देओल और आहना ने भी सनी को नमस्ते किया। सनी ने सिर हिलाया, और एक मौन स्वीकार्यता प्रकट की। धर्मेंद्र की इच्छा पूरी हो गई, और परिवार एक हो गया।

धर्मेंद्र, जो अपने जीवन में दोनों परिवारों को एक नहीं कर पाए, वह मरने के बाद यह कर गए। सनी देओल ने पिता का सम्मान, पिता की आखिरी निशानी और पिता की आखिरी इच्छा को पूरी किया।

प्रकाश कौर का समर्थन

धर्मेंद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर, जिन्होंने हमेशा अपने पति का समर्थन किया, जब पूरी फिल्म इंडस्ट्री धर्मेंद्र पर आरोप लगा रही थी, तब उन्होंने अपने पति का साथ दिया। प्रकाश ने कभी भी धर्मेंद्र के प्रति अपने प्यार में कमी नहीं आने दी, चाहे हालात कितने भी कठिन क्यों न हों।

हेमा मालिनी ने भी कभी रोड़ा नहीं बनीं। उन्होंने कभी भी धर्मेंद्र के पहले परिवार के खिलाफ कोई बात नहीं की। यह दोनों महिलाओं के लिए एक बड़ी परीक्षा थी, लेकिन उन्होंने इसे अच्छे से निभाया।

निष्कर्ष

धर्मेंद्र की अंतिम यात्रा ने न केवल दो परिवारों को एकजुट किया, बल्कि यह भी दिखाया कि प्यार और सम्मान का बंधन कैसे हर कठिनाई को पार कर सकता है। सनी देओल ने अपने पिता की अंतिम इच्छा को पूरा करके यह साबित किया कि परिवार का महत्व हमेशा सर्वोपरि होता है।

इस घटना ने यह भी दर्शाया कि सच्चा प्यार और परिवार के प्रति वचनबद्धता किसी भी रिश्ते को मजबूत बना सकती है। धर्मेंद्र की यादें और उनकी शिक्षा हमेशा उनके परिवार के साथ रहेंगी, और उनका नाम हमेशा भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमर रहेगा।

सनी देओल ने न केवल अपने पिता का सम्मान किया, बल्कि एक नई शुरुआत की, जो उनके परिवार के लिए एक नई दिशा प्रदान करेगी। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में कठिनाइयाँ आएंगी, लेकिन परिवार और प्यार के बंधन को सदा मजबूत बनाए रखना चाहिए।