रेगिस्तान में दो अनजान लड़कियों से फ़कीर की हैरतअंगेज़ मुलाकात – असल हकीकत जानकर रह जाएंगे हैरान!

रेगिस्तान की रहस्यमयी रात – फकीर की झोपड़ी में दो अनजान लड़कियों की हैरतअंगेज़ मुलाकात

शमसाबाद के नूरानपुर इलाके में रेगिस्तान के बीचों-बीच एक पुरानी कच्ची झोपड़ी थी। वहां एक 80 साल का बुजुर्ग फकीर तन्हा रहता था। उस रात, जब सन्नाटा चीख बन चुका था, अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई। फकीर चौंक गया—इस वीराने में कौन आ सकता है?

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दरवाजा खोला तो सामने दो जवान और बेहद खूबसूरत लड़कियां खड़ी थीं। वे रास्ता भटक गई थीं, रोशनगढ़ जा रही थीं लेकिन दिशा खो बैठीं। उन्होंने फकीर से एक रात रुकने की इजाजत मांगी। फकीर ने उन्हें अंदर बुलाया, घर का एक कोना दिया और कहा, “यहां सो जाओ बेटियों।”

रात के आखिरी पहर नायला को महसूस हुआ कि कोई उसके करीब है। फकीर उसके पास झुका हुआ था, अजीब नजरों से देख रहा था। वह घबराई, लेकिन फकीर ने बहाना बनाया—”तुम्हें ठंड लग रही थी, चादर देने आया था।” नायला ने चादर ली, मगर मन में बेचैनी थी। फकीर देर तक उन्हें देखता रहा।

सुबह होते ही लड़कियां जाने लगीं, लेकिन फकीर ने रोक लिया। “रोशनगढ़ बहुत दूर है, आज की रात और रुक जाओ, कल इंतजाम कर दूंगा।” लड़कियां मान गईं, लेकिन सारा दिन फकीर की नजरें और बातें उन्हें असहज करती रहीं। रात फिर आई, दोनों सतर्क थीं, मगर फकीर का दिल बेचैन था। वह फिर उनके पास गया, नायला के बालों को सहलाने लगा, मरियम का हाथ पकड़ने की कोशिश की। दोनों डर गईं, मगर फकीर फिर अपने बिस्तर पर लौट गया।

अगली सुबह, लड़कियों ने फिर जाने की जिद की। फकीर ने बहाना बनाया—”काफिला शाम तक आएगा, आज की रात और रुक जाओ।” अब लड़कियां समझ चुकी थीं कि कुछ तो गड़बड़ है। उन्होंने फैसला किया, चाहे जो हो, आज की रात के बाद यहां नहीं रुकेंगी।

रात को दोनों जागती रहीं, फकीर फिर उनके पास आया, मगर वे सतर्क थीं। सुबह होते ही वे झोपड़ी से निकलने लगीं, तो उनकी नजर एक कोने में बैठे एक नौजवान पर पड़ी। जैसे ही उसने चेहरा घुमाया, लड़कियां हैरान रह गईं—वह उनका लापता शौहर था! वे दौड़कर उससे लिपट गईं, आंसुओं में खुशी छलक उठी।

नौजवान ने उनकी आंखों में देखा, फिर कहानी सुनाई—एक दिन उसने एक हसीन लड़की से मजाक किया, जो एक बूढ़े फकीर के साथ थी। लड़की ने जादू किया, और वह उसी फकीर की शक्ल में बदल गया। सजा थी कि जब तक उसके अपने लोग, बिना असलियत जाने, उसके साथ वक्त बिताएंगे, तभी वह अपनी असल शक्ल में लौट सकेगा।

लड़कियों ने सुना और समझ गईं—वही फकीर उनका शौहर था! उनकी मोहब्बत, सच्चाई और वफा ने सजा को तोड़ दिया। अब उनके बीच कोई राज नहीं था, सिर्फ भरोसा और प्यार था।

यह कहानी यही सिखाती है—इंसान की असली पहचान उसकी सूरत नहीं, दिल की सच्चाई और नियत की पाकीजगी से होती है।

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