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खेत में हादसा: लालच, धोखा और मौत की कहानी

भूमिका

यह कहानी राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के कुंडा गांव की है, जहां हर दिन की तरह जिंदगी चल रही थी। लेकिन एक दिन खेत में हुआ एक हादसा, जिसने न सिर्फ एक परिवार को बल्कि पूरे गांव को हिला दिया। यह कहानी है लालच, वासना, धोखे, और अंत में कानून के शिकंजे में फंसती दो महिलाओं की। यह कहानी है ज्योति देवी, उसके पति राजमल, नौकर किशोर, पड़ोसन रीटा और एक मासूम मजदूर की, जिसकी मौत ने सबको झकझोर दिया।

1. गांव की सुबह और परिवार

कुंडा गांव की सुबह बड़ी सादगी भरी थी। गांव के पश्चिमी छोर पर एक पक्के मकान में रहती थी ज्योति देवी—तीस की उम्र, गोरा रंग, तीखे नयन-नक्श और चालाक दिमाग। उसका पति राजमल मेहनती किसान था। घर के पास ही किराने की दुकान थी, जो ज्योति चलाती थी। दुकान खूब चलती थी, क्योंकि वह ग्राहक को थोड़ा सस्ता सामान देती थी। गांव के लोग उसे इज्जत देते थे, लेकिन उसके चाल-चलन पर कभी-कभी फुसफुसाहट भी होती थी।

राजमल के पास छह एकड़ की खेती थी, कई पशु भी थे। दोनों पति-पत्नी सुबह खेत में काम करते, पशुओं के लिए चारा काटते, दूध निकालते और शाम को ज्योति दुकान संभालती। उनका इकलौता बेटा रोहन पढ़ाई में तेज़ और सीधा-सादा लड़का था। बाहर से सब कुछ बिल्कुल सही था, लेकिन भीतर एक जहर पल रहा था।

2. हादसा और बदलती जिम्मेदारियां

16 सितंबर 2025 की सुबह, खेत में काम करते वक्त राजमल बिजली की तार जोड़ रहा था। अचानक उसे तेज़ झटका लगा और वह बेहोश होकर गिर पड़ा। ज्योति भागकर आई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। हॉस्पिटल में डॉक्टर ने कहा—“पैरालाइज हो चुका है, अब जीवन भर चल नहीं पाएगा।” घर की सारी जिम्मेदारी अब ज्योति के कंधों पर थी।

कुछ दिन बीते। ज्योति अब दुकान, खेत, पशुओं, घर—हर चीज़ खुद संभाल रही थी। लेकिन कम उम्र, अकेलापन और पति की लाचारी ने उसके भीतर की वासना को जगा दिया। उसका मन भटकने लगा।

3. दिनेश का आना और प्रेम प्रसंग

एक शाम, 15 अक्टूबर 2025 को, दुकान लगभग खाली थी। तभी आया दिनेश—एक हैंडसम, नौजवान ट्रक ड्राइवर। वह अक्सर सिगरेट लेने आता था। उस दिन बातों-बातों में ज्योति ने अपने अकेलेपन का जिक्र किया। दिनेश ने मौके का फायदा उठाया—“भाभी, जब भी जरूरत हो, मुझे बुला लेना।”

धीरे-धीरे दोनों में बातचीत बढ़ी, फिर प्रेम प्रसंग शुरू हो गया। 22 अक्टूबर की रात, ज्योति ने पति और बेटे को नींद की गोलियां खिला दीं और दिनेश को घर बुलाया। दोनों ने अपनी इच्छाओं की पूर्ति की। यह सिलसिला कुछ दिनों तक चला, लेकिन जल्द ही ज्योति का मन दिनेश से भर गया।

4. गांव की नजर और झूठ

एक रात, दिनेश के जाते वक्त पड़ोसी सोहन सिंह ने देख लिया। सुबह उसने राजमल को सब बता दिया। ज्योति ने झूठ बोलकर पति को मना लिया—“वह तुम्हारा हालचाल पूछने आया था।” राजमल शरीफ था, पत्नी की बातों पर यकीन कर लिया।

अब ज्योति ने पति से कहा—“इतना काम मैं अकेले नहीं कर सकती, एक नौकर रख लो।” राजमल मान गया। गांव में किशोर नाम का एक मेहनती, ईमानदार लड़का मिला, जिसे 12,000 रुपये महीने पर रख लिया गया।

5. किशोर की नौकरी और ज्योति का जाल

किशोर ने खेत, पशुओं का काम संभाल लिया। कुछ दिन बीते। 2 नवंबर 2025 की सुबह, ज्योति ने किशोर से कहा—“आज मैं भी खेत में चलूंगी।” किशोर चारा काटने लगा, लेकिन ज्योति की नीयत अब किशोर पर खराब हो चुकी थी। उसने किशोर को फुसलाने की कोशिश की, लेकिन किशोर ने साफ मना कर दिया—“मैंने आपके घर का नमक खाया है, मैं ऐसा नहीं कर सकता।”

ज्योति ने धमकी दी—“अगर मेरी इच्छाएं पूरी नहीं कीं तो मैं शोर मचाकर तुम्हें फंसा दूंगी।” किशोर डर गया। ज्योति उसे खेत के कमरे में ले गई, जबरदस्ती गलत संबंध बनाए और उसकी आपत्तिजनक वीडियो बना ली।

6. ब्लैकमेल और शोषण

अब किशोर फंस चुका था। जब भी ज्योति का मन होता, वह किशोर को खेत बुलाती, धमकाती—“अगर नहीं आया तो वीडियो वायरल कर दूंगी।” किशोर मजबूरी में हर बार जाता। यह सिलसिला कई दिनों तक चला।

7. रीटा की एंट्री और बड़ा हादसा

12 नवंबर 2025, ज्योति की पड़ोसन रीटा आई—“तुम इतनी खुश कैसे रहती हो?” ज्योति ने सारी पोल खोल दी—“घर में नौकर रखा है, सारी इच्छाएं पूरी करता है।” रीटा ने कहा—“मेरा भी काम बनवा दो।”

अगले दिन दोनों ने प्लान बनाया। सुबह ज्योति ने किशोर को खेत बुलाया, रीटा भी पहुंच गई। दोनों ने किशोर से जबरन संबंध बनाए। लेकिन इस बार ज्योति ने किशोर को दूध में शक्तिवर्धक दवाइयां मिला कर पिला दीं। किशोर की तबीयत बिगड़ने लगी, सांस फूलने लगी, और कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई।

8. लाश को ठिकाने लगाने की कोशिश

दोनों महिलाएं डर गईं। जल्दी से खेत में गड्ढा खोदने लगीं। तभी पास के किसान विपिन ने देख लिया। दोनों महिलाएं भाग गईं, लेकिन विपिन ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस आई, किशोर की लाश बरामद की, और पूछताछ शुरू की।

9. पुलिस जांच और गिरफ्तारी

गांव में हड़कंप मच गया। पुलिस ने ज्योति और रीटा को गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल लिया—“हमने किशोर का शोषण किया, वीडियो बनाई, और हादसे के बाद लाश छुपाने की कोशिश की।”

10. अदालत की दहलीज और समाज की नजर

पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। अदालत ने दोनों महिलाओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। गांव में चर्चा थी—“क्या औरतें भी इतनी क्रूर हो सकती हैं?” कुछ लोग बोले—“किशोर गरीब था, मजबूर था, उसके साथ अन्याय हुआ।” कुछ बोले—“ज्योति और रीटा को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।”

11. राजमल की बेबसी और बेटे का दर्द

राजमल को जैसे ही सच्चाई पता चली, वह टूट गया। “जिस औरत पर भरोसा किया, उसने घर, इज्जत, सब कुछ मिट्टी में मिला दिया।” बेटा रोहन सदमे में था—“मां ने हमारे परिवार को बर्बाद कर दिया।”

12. गांव की पंचायत और सीख

गांव में पंचायत बैठी—“अब से किसी महिला या पुरुष को इतनी छूट नहीं मिलेगी कि वह किसी मजबूर का शोषण करे।” किशोर की मां को मुआवजा मिला, लेकिन बेटे की मौत का ग़म कभी नहीं मिटा।

13. अदालत का फैसला

महीनों बाद अदालत ने दोनों महिलाओं को दोषी पाया। किशोर के शोषण, ब्लैकमेल, और हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने कहा—“कानून की नजर में अपराधी का लिंग नहीं, अपराध मायने रखता है।”

14. समापन: समाज की आवाज

यह कहानी बताती है कि लालच, वासना और धोखा चाहे किसी के भी मन में हो, उसका अंजाम हमेशा बुरा ही होता है। मजबूर, गरीब, या ईमानदार व्यक्ति का शोषण किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जा सकता। कानून और समाज दोनों को ऐसे मामलों में सख्ती से पेश आना चाहिए।

आपकी राय क्या है?

क्या किशोर के साथ हुआ अन्याय था? क्या ज्योति और रीटा को आजीवन कारावास मिलना चाहिए था? समाज को ऐसे मामलों से क्या सीखना चाहिए?
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