“गाड़ी मत चलाओ! आपकी पत्नी ने ब्रेक काट दिए हैं!” – बेघर लड़के ने अरबपति से कहा… और जो हुआ…

शहर की सड़कें देर रात लगभग सुनसान हो चुकी थीं। सिर्फ स्ट्रीट लाइट्स की पीली रोशनी और दूर-दूर से आती गाड़ियों की हल्की आवाजें माहौल को जिंदा रखे हुए थीं। एक बड़ी और आलीशान बंगले के सामने एक काली चमचमाती गाड़ी खड़ी थी जिसका शीशा रोशनी में ऐसे चमक रहा था जैसे किसी ने अभी-अभी पॉलिश की हो। उस बंगले का मालिक अरबपति विनय था, जो अपने हाथों में महंगी घड़ी को देख रहा था और तेजी से बाहर निकल रहा था।

उनका चेहरा गंभीर था और नजरें बार-बार मोबाइल स्क्रीन पर टिकती जा रही थीं। विनय की जिंदगी सफलता की मिसाल थी। बड़े बिजनेस टाइकून, करोड़ों की संपत्ति, मीडिया की सुर्खियां और हर जगह सम्मान। लेकिन उस रात उनकी चाल में एक बेचैनी थी। वह जल्दी में थे। शायद किसी मीटिंग के लिए या शायद किसी से मिलने के लिए जो उनके दिल में भारीपन पैदा कर रहा था।

उन्होंने गाड़ी का दरवाजा खोला और जैसे ही सीट पर बैठने वाले थे, तभी एक पतली सी आवाज ने चुप्पी को चीर दिया। “साहब, साहब, गाड़ी मत चलाओ।” विनय ठिठक गए। आवाज तेज थी लेकिन कांपती हुई, जैसे किसी को डर हो कि अगर उसने सच ना कहा तो कोई अनहोनी हो जाएगी। उन्होंने मुड़कर देखा तो गेट के पास एक छोटा सा लड़का खड़ा था, जिसकी उम्र ज्यादा से ज्यादा 10 या 12 साल होगी। कपड़े फटे पुराने, चेहरा धूल और मैल से भरा, पांव नंगे और आंखें बड़ी-बड़ी जिनमें घबराहट साफ झलक रही थी।

विनय ने भौंहें सिकोड़ लीं। “कौन हो तुम? यहां क्या कर रहे हो?” लड़का हाफता हुआ भागकर उनके पास आ गया। उसके हाथ कांप रहे थे और आंखों में आंसू तैर रहे थे। उसने दोनों हाथ जोड़ दिए और लगभग चीखते हुए बोला, “साहब, गाड़ी मत चलाइए। आपकी पत्नी ने ब्रेक काट दिए हैं।”

विनय का दिल धक से रह गया। उन्होंने महसूस किया कि उनकी सांसे अचानक भारी हो गई हैं। कुछ सेकंड के लिए उनके कानों में सिर्फ हवा की सनसनाहट गूंजने लगी। फिर उन्होंने झुंझलाकर कहा, “बकवास कर रहे हो। तुम्हें पता भी है तुम किससे बात कर रहे हो?” लड़का एक कदम पीछे हट गया पर हिम्मत नहीं हारी। उसकी आवाज कांप रही थी लेकिन सच्चाई की ताकत उसमें थी। “मैं झूठ नहीं बोल रहा साहब। मैं झुग्गी में रहता हूं। गाड़ियों के नीचे सो जाता हूं। आपकी गाड़ी के नीचे भी कई बार सोया हूं। थोड़ी देर पहले मैं वहीं था। तभी किसी के कदमों की आवाज आई। मैंने सोचा कोई मुझे भगा देगा तो मैं चुपके से देखने लगा। मैंने साफ देखा, एक औरत आई आपकी गाड़ी के नीचे झुकी और तार काटने लगी। जब वह उठी तो मैंने उनका चेहरा देखा। वह आपकी बीवी थी।”

विनय का दिमाग सुन्न पड़ गया। गुस्से और अविश्वास की लपटें उनके भीतर एक साथ उठी। उन्होंने तीखे स्वर में कहा, “चुप! तुम्हें पता भी है अगर झूठ बोल रहे हो तो जेल हो जाएगी।” लड़का कांप गया लेकिन उसकी आवाज और तेज हो गई। “जेल जाना मंजूर है साहब लेकिन आपको मरते नहीं देख सकता। मैंने खुद देखा है। आपकी बीवी थी वो। मैं झूठ नहीं बोल रहा। खुदा कसम, झूठ नहीं बोल रहा।”

सड़क पर बहती हवा अब और भारी लगने लगी थी। विनय की नजर बार-बार अपनी गाड़ी पर जा रही थी। वह सोच रहे थे, क्या वाकई? क्या यह संभव है? उनकी पत्नी, जिसके साथ उन्होंने इतने साल बिताए, उनके बच्चों की मां। क्या वह उनकी जान लेने की कोशिश कर सकती है? अंदर से एक आवाज कह रही थी कि यह बच्चा झूठ बोल रहा है। लेकिन दूसरी आवाज और ज्यादा तेज उन्हें याद दिला रही थी कि इंसान झूठ बोल सकता है। पर डर और मासूमियत की झलक इतनी सच्चाई से आंखों में नहीं उतर सकती।

विनय ने गहरी सांस ली और धीरे-धीरे लड़के के पास आए। “तुम्हारा नाम क्या है?” लड़का हिचकिचाया। फिर धीरे से बोला, “रवि।” “रवि, तुमने जो कहा अगर वह सच है तो…” विनय रुके, उनकी आंखों में बेचैनी फैल चुकी थी। “तो तुम्हें डर नहीं लगता कि मेरी बीवी तुम्हें देख लेगी? तुम्हें नुकसान पहुंचा सकती है।”

रवि ने हल्की मुस्कान दी जिसमें दर्द छिपा था। “साहब, हम जैसे लोगों की जिंदगी तो वैसे ही खतरे में रहती है। कोई गाड़ी चढ़ा दे, कोई पुलिस पकड़ ले, कोई भूख मार डाले। अगर आपकी जान बचाने से मुझे कुछ हो भी गया तो कम से कम मुझे लगेगा कि मैंने सही किया।”

विनय ने पहली बार महसूस किया कि उनके सामने खड़ा यह छोटा सा लड़का उनके अरबों की संपत्ति से भी बड़ा दिल रखता है। उनकी आंखें अचानक नम हो गईं। लेकिन उन्होंने तुरंत खुद को संभाल लिया। “ठीक है,” उन्होंने कहा। “अगर सच बता रहे हो तो गाड़ी का ब्रेक अभी यहीं चेक करते हैं।” वह झुके और गाड़ी का बोनट खोलने लगे। रवि भी साथ ही बैठ गया और उसने वही जगह दिखाई जहां उसने औरत को तार काटते देखा था।

कुछ ही सेकंड में विनय की आंखें चौड़ी हो गईं। वहां सचमुच कनेक्शन टूटा हुआ था। ब्रेक का तार लटक रहा था। उनका शरीर कांप गया। लड़के की बातें सच थीं। अब गुस्सा, शक और डर सब मिलकर एक तूफान बन गए थे। दिमाग में एक ही सवाल गूंज रहा था, क्यों? उनकी पत्नी ऐसा क्यों करेंगी? रवि धीरे से बोला, “साहब, अब तो मान लिया ना। मैंने जो देखा वही बताया। अगर आप गाड़ी चलाते तो शायद जिंदा ना बचते।”

विनय की आंखें अब भी गाड़ी के टूटे हिस्से पर टिकी थीं। लेकिन उनके दिल में तूफान था। उन्हें अचानक एहसास हुआ कि उनकी पूरी जिंदगी, उनका परिवार, उनका रिश्ता सब एक झूठ की परत में दबे हुए हैं। रात और भी गहरी हो गई थी। लेकिन उनके लिए यह अंधेरा किसी अंधकूप जैसा लग रहा था। उनके पैरों के नीचे की जमीन जैसे खिसक रही थी और उनके सामने खड़ा एक बेघर बच्चा, जिसकी अपनी दुनिया अंधकार में डूबी हुई थी, उस समय उनका एकमात्र सहारा बन गया।

विनय ने एक पल के लिए सोचा, क्या यह सच में हो सकता है? क्या उनकी पत्नी, जो हमेशा उनके साथ खड़ी रहती थी, उनके लिए ऐसा कुछ कर सकती थी? क्या वह किसी भी कीमत पर उनकी जान लेना चाहती थी? विनय के मन में सवालों का एक तूफान चल रहा था। उन्होंने गहरी सांस ली और रवि की ओर देखा। “तुम्हें क्या लगता है? क्या मैं अपनी पत्नी से इस बारे में बात करूं?” रवि ने सिर झुकाया और कहा, “साहब, अगर वह सच में ऐसा कर रही हैं, तो शायद आपको उनसे बात करनी चाहिए। लेकिन सावधान रहिएगा।”

विनय ने गाड़ी का बोनट बंद किया और रवि की ओर देखा। “तुमने बहुत साहस दिखाया है, रवि। तुम्हारे जैसी हिम्मत हर किसी में नहीं होती।” रवि ने सिर झुकाया और कहा, “साहब, मैं केवल अपनी जिम्मेदारी निभा रहा था।”

विनय ने अपनी गाड़ी की ओर बढ़ते हुए कहा, “तुम्हें कुछ पैसे चाहिए?” रवि ने हाथ जोड़ते हुए कहा, “नहीं साहब, मुझे पैसे की जरूरत नहीं है। बस आपकी जान बच गई, यही मेरे लिए काफी है।” विनय ने उसकी मासूमियत को देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए। “तुम सच में एक बहादुर लड़के हो, रवि। मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूंगा।”

विनय ने गाड़ी स्टार्ट की और रवि को एक आखिरी बार देखा। “अगर तुम्हें कभी मदद चाहिए हो तो मुझे बताना।” रवि ने मुस्कुराते हुए कहा, “धन्यवाद साहब।” विनय ने गाड़ी चलाते हुए सोचा, अगर रवि न होता तो क्या होता? क्या वह सच में अपनी पत्नी की सच्चाई जान पाते?

जब विनय घर पहुंचे, तो उनका मन बहुत भारी था। उन्होंने दरवाजा खोला और अंदर गए। उनकी पत्नी, प्रिया, सोफे पर बैठी हुई थी। उसने विनय को देखकर मुस्कुराते हुए कहा, “आप देर से आए। क्या हुआ?” विनय ने गहरी सांस ली और कहा, “प्रिया, मुझे तुमसे बात करनी है।” प्रिया ने चिंतित होकर पूछा, “क्या हुआ? तुम इतने गंभीर क्यों हो?”

विनय ने अपनी बात शुरू की, “आज एक लड़के ने मुझे बताया कि तुमने मेरी गाड़ी के ब्रेक काट दिए हैं।” प्रिया ने चौंकते हुए कहा, “क्या? यह क्या बकवास है?” विनय ने कहा, “मैं जानता हूं कि यह अजीब है, लेकिन उस लड़के ने मुझे बताया कि उसने तुम्हें गाड़ी के नीचे तार काटते हुए देखा।”

प्रिया ने गुस्से में कहा, “तुम उस लड़के की बात पर विश्वास कर रहे हो? वह एक झूठा बच्चा है!” विनय ने कहा, “लेकिन अगर यह सच है? क्या तुम सच में ऐसा कर सकती हो?” प्रिया ने गुस्से में कहा, “मैं तुमसे प्यार करती हूं, विनय। मैं तुम्हें कभी नुकसान नहीं पहुंचा सकती।”

विनय ने कहा, “फिर क्यों? क्यों कोई ऐसा करेगा?” प्रिया ने आँसू भरी आंखों से कहा, “मैंने तुम्हें हमेशा प्यार किया है। लेकिन मैं तुम्हारी दुनिया में खो गई थी। तुम्हारी दौलत, तुम्हारा काम, सब कुछ। मुझे लगा कि तुम मुझसे दूर होते जा रहे हो।”

विनय ने सिर झुकाया। “लेकिन तुम्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं थी। हमें एक-दूसरे से बात करनी चाहिए थी।” प्रिया ने कहा, “मुझे लगा कि अगर तुम जानोगे कि मैं तुम्हारे लिए क्या कर रही हूं, तो तुम मुझे समझोगे।”

विनय ने कहा, “मैं समझता हूं, लेकिन तुम्हें यह नहीं करना चाहिए था। हमारी शादी में विश्वास होना चाहिए।” प्रिया ने कहा, “मुझे माफ कर दो, विनय। मैं तुमसे कभी झूठ नहीं बोलना चाहती थी।”

विनय ने गहरी सांस ली। “हमारी शादी में विश्वास और ईमानदारी होनी चाहिए। हमें एक-दूसरे से बात करनी चाहिए थी।” प्रिया ने कहा, “मैं वादा करती हूं कि मैं कभी ऐसा नहीं करूंगी।” विनय ने कहा, “मैं भी। हमें एक-दूसरे के साथ समय बिताना चाहिए।”

उस रात, विनय और प्रिया ने एक-दूसरे से खुलकर बात की। उन्होंने अपनी भावनाओं को साझा किया और एक-दूसरे को समझने की कोशिश की। विनय ने रवि के बारे में प्रिया को बताया और कहा, “उसने मुझे सच बताया। वह एक बहादुर लड़का है।”

प्रिया ने कहा, “हमें उसकी मदद करनी चाहिए। वह एक बेघर बच्चा है और उसे हमारी मदद की जरूरत है।” विनय ने कहा, “हाँ, हम उसे अपने घर बुला सकते हैं। हम उसकी पढ़ाई का खर्च उठाएंगे।”

इस तरह, विनय और प्रिया ने अपने रिश्ते को फिर से मजबूत किया और रवि की मदद करने का निर्णय लिया। उन्होंने समझा कि जिंदगी में सच्चाई और विश्वास सबसे महत्वपूर्ण हैं। अंधेरे में एक रोशनी की तरह, रवि ने उन्हें एक नई दिशा दिखाई।

समापन।