दिल्ली से हरिद्वार के लिए लड़की की दुख भरी कहानी हर किसी की आँखों में आँसू आ गये A True Story
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दिल्ली की हलचल भरी जिंदगी में, एक युवा लड़का अंकित अपने दोस्तों के साथ हरिद्वार घूमने का प्लान बना रहा था। यह यात्रा सिर्फ एक पर्यटन नहीं थी, बल्कि एक नई शुरुआत की तलाश थी। अंकित और उसके दोस्तों में तीन लड़कियां और चार लड़के थे। सभी उत्सुकता से कश्मीरी गेट पर बस का इंतजार कर रहे थे, जहां से उनकी यात्रा शुरू होने वाली थी।
यात्रा की शुरुआत:
रात के 9:00 बजे, जब बस कश्मीरी गेट पर खड़ी हुई, तो सभी दोस्त बस में चढ़ते ही अपनी मौज मस्ती में लग गए। अंकित एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था और उसके दोस्त भी उसी कंपनी में थे। सभी लोग अपनी-अपनी ज़िंदगी में खुश थे और छुट्टियों का आनंद ले रहे थे। बस की खिड़की से बाहर देखते हुए, अंकित ने सोचा कि यह यात्रा कितनी रोमांचक होगी।
बस में एक अनजान लड़की:
बस में चढ़ने के बाद, अंकित ने देखा कि एक 23 साल की खूबसूरत लड़की, पूजा, बस में बैठी हुई थी। उसकी आंखों में आंसू थे और चेहरे पर एक उदासी का साया था। जबकि बाकी यात्री गंगा मैया के जयकारे लगा रहे थे, पूजा की आंखों से आंसू बह रहे थे। अंकित ने महसूस किया कि उसके चेहरे पर छाई उदासी उसके मन में छिपे गहरे दर्द को दर्शा रही थी।
अंकित की चिंता:
अंकित ने पूजा की स्थिति को देख कर सोचा कि आखिर इस लड़की को क्या परेशानी है। उसने अपने दोस्तों से मजाक करते हुए कहा, “भाई, यह लड़की तो बहुत दुखी लग रही है।” लेकिन उसके दोस्तों ने इसे मजाक में लिया। अंकित ने तय किया कि वह पूजा से बात करेगा।
पहली बातचीत:
बस चलने लगी और अंकित ने पूजा से पूछा, “क्या आप ठीक हैं? आप रो क्यों रही हैं?” पूजा ने उसे देखकर कहा, “मैं ठीक हूं, बस थोड़ी थक गई हूं।” लेकिन अंकित को उसकी बातों में सच्चाई नहीं लगी। उसने फिर से कहा, “अगर आपको किसी चीज़ की जरूरत है तो बताइए।” पूजा ने सिर हिलाया और चुप हो गई।
अंकित का संकल्प:
अंकित ने सोचा कि उसे पूजा की मदद करनी चाहिए। वह जानता था कि वह अकेली नहीं होनी चाहिए। उसने अपने दोस्तों से कहा, “चलो, हम पूजा को थोड़ा खुश करने की कोशिश करते हैं।” उसके दोस्तों ने सहमति जताई और सबने मिलकर पूजा को चिढ़ाने लगे।
खुशियों की तलाश:
जब बस एक फूड प्लाजा पर रुकी, तो अंकित ने पूजा से पूछा, “क्या आप कुछ खाना चाहेंगी?” पूजा ने कहा, “नहीं, मुझे भूख नहीं है।” अंकित ने फिर भी उसे चिप्स और कोल्ड ड्रिंक ऑफर किया। पूजा ने पहले मना किया, लेकिन अंकित के जिद करने पर उसने एक चिप्स खा ली।
समय का बीतना:
जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ी, अंकित और पूजा के बीच बातचीत बढ़ने लगी। पूजा ने धीरे-धीरे अपनी दीवारें तोड़ना शुरू किया। उसने बताया कि वह हरिद्वार अपने पति की अस्थियों का विसर्जन करने आई है। अंकित यह सुनकर चौंक गया। उसने महसूस किया कि पूजा की मुस्कान के पीछे एक गहरा दर्द छिपा है।
दुख की कहानी:
पूजा ने बताया कि उसकी शादी को सिर्फ 10 दिन हुए थे जब उसके पति की ब्रेन हेमरेज से मृत्यु हो गई। उसने कहा, “मैं अपने पति को खोने के बाद अकेली हो गई हूं। मेरे ससुराल वाले मुझे मनहूस समझते हैं।” यह सुनकर अंकित का दिल भर आया। उसने पूजा को सांत्वना देने की कोशिश की और कहा, “आप अकेली नहीं हैं। हम आपके साथ हैं।”
हरिद्वार की यात्रा:
जब बस हरिद्वार पहुंची, तो अंकित ने पूजा को अपने दोस्तों से मिलवाया। सभी ने पूजा को अपना समर्थन दिया। पूजा ने कहा, “मैं अकेली ही जाऊंगी।” लेकिन अंकित ने उसे समझाया कि इस कठिन समय में उसे अकेले नहीं जाना चाहिए। सभी ने मिलकर पूजा का हौसला बढ़ाया, और अंततः वह उनके साथ चलने के लिए राजी हो गई।
गंगा तट पर विसर्जन:
गंगा तट पर पहुंचकर पूजा ने अपने पति की अस्थियों को विसर्जित करने की तैयारी की। अंकित और उसके दोस्त पूजा के साथ थे, उसकी हर कदम पर समर्थन देने के लिए। पूजा ने गंगा में अपने पति की अस्थियों को विसर्जित करते हुए फूट-फूट कर रोना शुरू कर दिया। उसकी यह स्थिति देखकर अंकित और उसके दोस्तों की आंखों में भी आंसू आ गए।
नई शुरुआत:
अंकित ने पूजा को संभालते हुए कहा, “अब आप अकेली नहीं हैं। हम आपके साथ हैं।” पूजा ने धीरे-धीरे अपने दुख को स्वीकार किया और अंकित के साथ एक नई शुरुआत करने का फैसला किया।
खुशियों की वापसी:
पूजा ने महसूस किया कि उसके जीवन में फिर से खुशियों की वापसी हो रही है। अंकित और उसके दोस्तों के साथ बिताए गए समय ने उसे नई ऊर्जा दी। सभी ने मिलकर हरिद्वार और ऋषिकेश में घूमने का आनंद लिया।
वापसी का सफर:
जब वे वापस दिल्ली लौटे, तो पूजा ने सोचा कि वह अपने पुराने जीवन को पीछे छोड़कर एक नई शुरुआत करेगी। अंकित ने उसे अपनी कंपनी में नौकरी देने का प्रस्ताव दिया। पूजा ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया।
प्यार की शुरुआत:
समय बीतने के साथ, अंकित और पूजा के बीच प्यार पनपने लगा। दोनों ने एक-दूसरे के प्रति अपनी भावनाओं को समझा और प्यार में डूबने लगे। उन्होंने एक-दूसरे के साथ अपने जीवन के हर पल का आनंद लेना शुरू किया।
शादी का प्रस्ताव:
कुछ महीनों बाद, अंकित ने पूजा को शादी के लिए प्रपोज किया। पूजा ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया। उनके दोस्तों ने भी उन्हें बधाई दी और शादी की तैयारियों में जुट गए।
शादी का दिन:
शादी का दिन आया। पूजा ने अपनी शादी की ड्रेस पहनी और अंकित ने उसे देखकर कहा, “तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो।” पूजा ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम्हारी वजह से मैं आज खुश हूं।”
नए जीवन की शुरुआत:
शादी के बाद, पूजा और अंकित ने एक खुशहाल जीवन बिताना शुरू किया। पूजा ने अपने पति के प्रति अपनी वफादारी निभाई और अंकित ने उसे हर कदम पर समर्थन दिया।
निष्कर्ष:
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में कठिनाइयां आती हैं, लेकिन हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। प्यार और समर्थन से हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं।
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