पंकज धीर के अंतिम संस्कार में सलमान खान का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। ‘महाभारत’ में कर्ण का किरदार निभाने वाले पंकज धीर का निधन हो गया।

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पंकज धीर: महाभारत के कर्ण से लेकर भारतीय मनोरंजन जगत के एक सच्चे कलाकार तक

15 अक्टूबर 2025 की शाम एक दुखद खबर ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया। भारतीय टेलीविजन और फिल्म जगत के एक प्रतिष्ठित अभिनेता, पंकज धीर का निधन हो गया। वे लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा अपनी मुस्कान बनाए रखी। पंकज धीर का जाना न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे मनोरंजन उद्योग और उनके प्रशंसकों के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

पंकज धीर का परिचय और प्रारंभिक जीवन

पंकज धीर का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था, लेकिन उनकी प्रतिभा ने उन्हें भारतीय मनोरंजन जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की, जहां उन्होंने अभिनय की बारीकियों को समझा और सीखा। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें जल्द ही टेलीविजन और फिल्मों में पहचान दिलाई।

महाभारत में कर्ण का किरदार: एक अमर भूमिका

पंकज धीर ने 1980 के दशक में बी आर चोपड़ा की महाभारत में कर्ण का किरदार निभाकर घर-घर में अपनी पहचान बनाई। उस समय टीवी पर महाभारत का प्रसारण होता था, तो पूरा देश इस महाकाव्य को देखने के लिए एकत्रित हो जाता था। पंकज धीर के कर्ण के रूप में अभिनय ने दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी। उनका गंभीर चेहरा, आंखों की चमक, और डायलॉग delivery ने कर्ण के किरदार को जीवंत कर दिया। उनके अभिनय की वजह से कर्ण का किरदार आज भी भारतीय टेलीविजन इतिहास का एक अमर अध्याय माना जाता है।

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पंकज धीर का करियर: विविध भूमिकाओं का सफर

महाभारत के बाद पंकज धीर ने टीवी और फिल्मों में कई यादगार भूमिकाएं निभाईं। उन्होंने ‘अर्जुन’, ‘पंडित’, ‘सौगंध सैनिक’ जैसे धारावाहिकों में काम किया। उनकी अभिनय शैली सरल, प्रभावशाली और स्वाभाविक थी, जो दर्शकों को उनकी ओर आकर्षित करती थी। सेट पर उनकी विनम्रता और सहयोगी स्वभाव के कारण वे सभी के प्रिय थे। जूनियर कलाकारों से लेकर वरिष्ठ कलाकारों तक, हर किसी के साथ उनका व्यवहार समान और सम्मानजनक था।

कैंसर से जंग और अंतिम समय

पंकज धीर कुछ महीनों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी इस बात को सार्वजनिक नहीं किया। वे हमेशा सकारात्मक बने रहे और अपने परिवार तथा प्रशंसकों को चिंता में नहीं डालना चाहते थे। उनके परिवार ने बताया कि वे आखिरी समय तक मजबूत बने रहे और मुस्कुराते रहे। उनके बेटे निकिटिन धीर, जो खुद भी बॉलीवुड में सक्रिय हैं, ने हमेशा अपने पिता का साथ दिया और उनकी देखभाल की।

फिल्मी दुनिया और फैंस की प्रतिक्रिया

पंकज धीर के निधन की खबर जैसे ही सामने आई, बॉलीवुड और टीवी जगत के कई कलाकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सलमान खान ने कहा कि पंकज धीर सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक थे जिन्होंने हमेशा पॉजिटिव रहने की सीख दी। सिद्धार्थ मल्होत्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पंकज अंकल की हंसी और उनका चेहरा हमेशा याद रहेगा। टीवी जगत के कई कलाकारों ने भी भावुक पोस्ट किए और कहा कि पंकज धीर ने जो योगदान दिया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल होगा।

अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि

मुंबई के विलय पार्ले स्थित पवनहंस श्मशान घाट में पंकज धीर का अंतिम संस्कार हुआ। उनके परिवार, करीबी दोस्त और कई फिल्मी हस्तियां वहां मौजूद थीं। पुनीत इस्सर, जिन्होंने महाभारत में दुर्योधन का किरदार निभाया था, ने निकिटिन धीर से कहा कि उनके पिता जैसे कलाकार कम ही होते हैं। सलमान खान, दीपिका काकर, शोएब इब्राहिम समेत कई सितारे परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।

पंकज धीर की विरासत

पंकज धीर की जिंदगी और करियर एक प्रेरणा है। उन्होंने साबित किया कि सच्चा कलाकार वही होता है जो अपने काम के प्रति समर्पित हो और इंसानियत को कभी न भूले। उनका कर्ण का किरदार भारतीय टीवी इतिहास में सदैव अमर रहेगा। वे न केवल एक महान अभिनेता थे, बल्कि एक सच्चे इंसान भी थे, जो सभी के लिए सम्मान और प्यार का स्रोत थे।

उनकी पत्नी अनीता धीर ने बताया कि पंकज हर दिन को सकारात्मक तरीके से जीते थे और अपने परिवार को खुश रखने की कोशिश करते थे। उनके बेटे निकिन ने कहा कि पिता के जाने से जैसे उनका स्कूल बंद हो गया हो, क्योंकि उन्होंने जीवन की हर सीख पंकज धीर से ही सीखी थी।

पंकज धीर के चाहने वाले

पंकज धीर के चाहने वाले सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हैं। महाभारत के प्रसारण के दौरान दुबई, लंदन और नेपाल के दर्शक भी उनके प्रशंसक बन गए थे। उन्होंने कई बार इंटरव्यू में कहा था कि कर्ण का रोल उनकी जिंदगी बदल गया। उन्होंने अपने जीवन में कई बार अपने हक से समझौता किया, लेकिन कभी किसी के खिलाफ गलत नहीं किया।

समापन

पंकज धीर का जाना भारतीय मनोरंजन जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी यादें, उनका अभिनय और उनका व्यक्तित्व सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेगा। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्ची महानता केवल प्रसिद्धि में नहीं, बल्कि अपने कर्मों और इंसानियत में होती है।

उनके निधन ने यह संदेश दिया है कि चाहे जीवन कितना भी कठिन क्यों न हो, अगर हम अपने कर्तव्य और जुनून के प्रति सच्चे रहें, तो हम भी इतिहास में अमर हो सकते हैं। पंकज धीर की विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।