पाँच वक़्त का नमाज़ी और रहस्यमय साँप की सच्ची कहानी
.
.
सांपों की सरसराहट और हाफिज साहब की सच्चाई
मेरठ के एक छोटे से मोहल्ले में हाफिज साहब रहते थे। वे अपने पांच वक्त की नमाज के पक्के नमाजी थे, जिनका नाम पूरे इलाके में इज्जत से लिया जाता था। उनके पास एक बड़ी कार थी, जिसे वह किराए पर चलाते थे और इससे उनकी रोजी-रोटी चलती थी। वे गरीबों की मदद करते, बिना किसी स्वार्थ के उधार देते और हर किसी की मुश्किल में हाथ बटाते।
पर कुछ दिन पहले से उनके घर में अजीबोगरीब घटनाएँ होने लगीं। हर सुबह उनकी कार से सांप निकलते थे। यह बात पूरे मोहल्ले में फैल गई और लोग डर के मारे उनके घर के बाहर जमा हो गए। बच्चे माता-पिता की गोद में छिप जाते, औरतें चीखतीं, पुरुष कलमा पढ़ते। सांप आंगन, छत, दीवारों, दरवाजों, खिड़कियों तक हर जगह थे।
हाफिज साहब खुद भी इस रहस्य से परेशान थे। वे कई बार अपनी कार की जांच करते, मगर सांप अचानक गायब हो जाते। लोगों ने सोचा कि शायद कोई दुश्मन जानबूझकर उन्हें डराने की कोशिश कर रहा है। पर कोई सबूत नहीं मिला।
एक रात, जब तेज बारिश और तूफान हो रहा था, पूरे मोहल्ले में तबाही मची हुई थी, केवल हाफिज साहब का मकान सुरक्षित था। वे अल्लाह का शुक्र अदा कर रहे थे कि उनका घर और कार बच गए। मगर जब उन्होंने अपनी कार का दरवाजा खोला, तो अंदर एक बहुत बड़ा सांप उन्हें घूर रहा था। वह डर के मारे चीख पड़े।
उनकी बीवी और बच्चे भी डर गए। उनकी बीवी ने उन्हें सांत्वना दी, लेकिन डर उनके दिलों में घर कर चुका था। हाफिज साहब ने कुरानी आयात पढ़कर खुद को तसल्ली दी, मगर सांपों की आवाजें और उनकी सरसराहट उन्हें चैन नहीं लेने देती थी।
इमाम साहब, जो मोहल्ले के सबसे ज्ञानी और रूहानी व्यक्ति थे, ने हाफिज साहब की परेशानी देखी और उनसे मिलने आए। उन्होंने कहा, “यह मामला सीधा नहीं है। क्या आपने कभी सोचा है कि यह सांप कहां से आते हैं? कहीं यह कोई शरारती नहीं जो आपको डराने की कोशिश कर रहा?”
हाफिज साहब ने कहा कि उन्होंने कभी इस बात पर ध्यान नहीं दिया। इमाम साहब ने कहा कि वे कैमरे लगवाएंगे ताकि पता चले कि यह सांप कैसे आ रहे हैं।
कैमरे लगाने के बाद भी कोई सांप नहीं दिखा। मगर एक सुबह जब हाफिज साहब ने कार का दरवाजा खोला, तो सांपों की संख्या और बढ़ गई थी। यह सब देखकर हाफिज साहब का दिमाग घुम गया। वे सोचने लगे कि यह सब क्यों हो रहा है? क्या यह कोई सजा है? क्या यह कोई चेतावनी है?
इमाम साहब ने कहा, “शायद यह आपकी कोई गलती है। कोई गुनाह जो आपने किया है और जिसकी सजा आपको मिल रही है।”
हाफिज साहब ने आखिरकार अपनी पूरी कहानी इमाम साहब को बताई। उन्होंने बताया कि वे पहले बहुत गरीब थे। एक दिन उनके मालिक की मौत हो गई, जो उन्हें बहुत प्यार करता था और उन्हें काम पर रखता था। मालिक की पत्नी ने उनसे कहा कि वे रोजाना घर का खर्चा चलाने के लिए पैसे दें।
धीरे-धीरे हाफिज साहब ने उस औरत से शादी कर ली, लेकिन उन्होंने उससे धोखा किया। उन्होंने उसकी सारी संपत्ति अपने नाम कर ली और उसे अकेला छोड़ दिया। उनका लालच बढ़ता गया और उन्होंने अपने बच्चों को भी छोड़ दिया। अब जो कार और पैसा है, वह सब उस औरत का है, लेकिन उन्होंने उसे धोखा दिया।
यह बात सुनकर इमाम साहब ने कहा कि यह बहुत बड़ा गुनाह है। आपने निकाह के पवित्र बंधन को तोड़ा और अपने परिवार को दुख दिया। आपको माफी मांगनी चाहिए।
हाफिज साहब ने माफी मांगी और कहा कि वे अपनी गलती सुधारना चाहते हैं। इमाम साहब ने कहा कि वे उस औरत से मिलेंगे और माफी मांगेंगे।
हाफिज साहब, उनकी पहली बीवी और इमाम साहब उस औरत के घर गए। वह औरत बहुत कमजोर और दुखी थी। उसने कहा कि उसने बहुत इंतजार किया, लेकिन हाफिज साहब कभी वापस नहीं आए। पहली बीवी ने उसे गले लगाया और कहा कि वे सब एक साथ रहेंगे।
इमाम साहब ने कहा कि माफी से बेहतर कोई इलाज नहीं। उस औरत ने हाफिज साहब को माफ कर दिया और वे सब एक साथ रहने लगे।
उस दिन से हाफिज साहब की कार में कोई सांप नहीं दिखा। मोहल्ले वालों ने भी उनका सम्मान फिर से किया। हाफिज साहब ने सीखा कि इंसानियत और ईमानदारी से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती।
News
यह 15 साल का लड़का गर्मी में कार में बंद रोते हुए बच्चे को देखकर तुरंत कांच तोड़ देता है और फिर…
यह 15 साल का लड़का गर्मी में कार में बंद रोते हुए बच्चे को देखकर तुरंत कांच तोड़ देता है…
अमीर लड़के ने बुज़ुर्ग का मज़ाक उड़ाया, लेकिन सच्चाई जानकर पैरों तले ज़मीन खिसक गई
अमीर लड़के ने बुज़ुर्ग का मज़ाक उड़ाया, लेकिन सच्चाई जानकर पैरों तले ज़मीन खिसक गई सुबह के ग्यारह बज चुके…
तलाक के 10 साल बाद अस्पताल में हुआ ऐसा मिलन, जिसने सबको रुला दिया
तलाक के 10 साल बाद अस्पताल में हुआ ऐसा मिलन, जिसने सबको रुला दिया टूटा हुआ रिश्ता और फिर से…
नई-नवेली बहू सास का अपमान करती थी… फिर जो हुआ, सबके लिए सबक बन गया |
नई-नवेली बहू सास का अपमान करती थी… फिर जो हुआ, सबके लिए सबक बन गया | रिश्तों की कसौटी: प्यार,…
टीचर जिसे गरीब बच्चा समझ रही थी…जब सच्चाई खुली, तो टीचर की होश उड़ गए…
टीचर जिसे गरीब बच्चा समझ रही थी…जब सच्चाई खुली, तो टीचर की होश उड़ गए… खोई हुई पहचान: नील की…
वृद्धाश्रम में ससुर को छोड़ने गई बहू… वहीं अपनी मां मिली तो पैरों तले ज़मीन खिसक गई
वृद्धाश्रम में ससुर को छोड़ने गई बहू… वहीं अपनी मां मिली तो पैरों तले ज़मीन खिसक गई वृद्धाश्रम की दीवारों…
End of content
No more pages to load