Inspector क्यों झुक गया एक गांव की लड़की के सामने….

.
.

प्रस्तावना

कनिका मेहरा, एक सादगी से जीवन बिताने वाली लड़की, जो अपने गांव से निकलकर जिले की सबसे बड़ी अधिकारी यानी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) बनी थी। वह अपने बूढ़े माँ-बाप का पूरा ख्याल रखती थी। एक दिन कनिका अपनी बूढ़ी माँ के लिए चिकन खरीदने बाजार गई। गुलाबी सलवार सूट पहने, वह बिलकुल साधारण लड़की जैसी लग रही थी, लेकिन उसके अंदर एक आग जल रही थी, जो अन्याय के खिलाफ लड़ने को तैयार थी।

पहला सामना

चिकन की दुकान पर कनिका ने चिकन मांगा। तभी इंस्पेक्टर आदित्य रंजन मोटरसाइकिल लेकर आया और उसी दुकान से दो किलो चिकन माँगा। दुकानदार ने पहले कनिका को चिकन देने की बात कही, तो इंस्पेक्टर ने गुस्से में धमकी देनी शुरू कर दी। उसने दुकानदार को धमकाया कि वह उसे जेल में डाल देगा और दुकान उठवा देगा। कनिका ने इंस्पेक्टर को टोका, लेकिन इंस्पेक्टर ने उसे भी अपमानित किया और धमकी दी।

इंस्पेक्टर की गुंडागर्दी

इंस्पेक्टर आदित्य रंजन ने दुकानदार से चिकन फ्री में लेने की कोशिश की और पैसे देने से मना कर दिया। जब दुकानदार ने पैसे मांगने की हिम्मत की, तो इंस्पेक्टर ने उसे थप्पड़ जड़ दिया। कनिका ने इंस्पेक्टर को कानून का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि यह अन्याय है और वह इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। इंस्पेक्टर ने कनिका को भी थप्पड़ मारा, लेकिन कनिका ने हार नहीं मानी।

सबूत जुटाना

कनिका ने दुकान के सामने सीसीटीवी कैमरा लगवाया और इंस्पेक्टर की सारी करतूत रिकॉर्ड कर ली। उसने दुकानदार को भरोसा दिलाया कि वह उसकी मदद करेगी और इंस्पेक्टर को सस्पेंड करवाएगी। अगले दिन कनिका फिर से दुकान पर गई और इंस्पेक्टर की हर हरकत कैमरे में कैद की।

कार्रवाई की शुरुआत

कनिका ने इस वीडियो को अपने ऑफिस में दिखाया और एएसपी नेहा शर्मा को बुलाया। नेहा शर्मा ने तुरंत इंस्पेक्टर आदित्य रंजन के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई शुरू कर दी। कनिका ने केस को कोर्ट तक ले जाने का फैसला किया, ताकि इंस्पेक्टर को सजा मिले।

कोर्ट में लड़ाई

कोर्ट में कनिका ने गवाह के रूप में अपनी बात रखी। दुकानदार ने भी अपनी बात कही कि कैसे इंस्पेक्टर ने उसे धमकाया और मारपीट की। अभियोजन पक्ष ने सीसीटीवी वीडियो और मेडिकल रिपोर्ट पेश की, जिसमें दुकानदार की चोटों का जिक्र था। बचाव पक्ष ने इंस्पेक्टर की गलती को तनाव में हुई भूल बताया, लेकिन जज ने इसे स्वीकार नहीं किया।

Inspector क्यों झुक गया एक गांव की लड़की के सामने....

न्याय की जीत

अदालत ने इंस्पेक्टर आदित्य रंजन को दोषी ठहराया और उसे तीन साल की सजा और जुर्माना सुनाया। साथ ही उसे तुरंत सस्पेंड कर जेल भेजने का आदेश दिया। अदालत का फैसला पूरे शहर के लिए मिसाल बन गया।

समाज में बदलाव

इस घटना के बाद शहर में पुलिस की छवि सुधरी। लोग अब भ्रष्टाचार और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने लगे। कनिका मेहरा ने साबित कर दिया कि अगर हिम्मत हो तो अन्याय के खिलाफ लड़ाई जीती जा सकती है।

.

.

 

सीख:
न्याय की राह कठिन होती है, लेकिन सही साहस और हिम्मत से हर अन्याय को परास्त किया जा सकता है।

.

.

.