IPS Officer पूजा शर्मा की हिम्मत | Inspector मल्होत्रा का खुलासा
.
.
दिन के करीब दस बज रहे थे। शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। धूप की तेज़ किरणें धीरे-धीरे सड़क के किनारे पेड़ों की छाया में घुस रही थीं। इसी सन्नाटे में एक जवान और खूबसूरत लड़की अपने कदमों को धीरे-धीरे बढ़ाते हुए उस सड़क किनारे से गुजर रही थी। वह कोई आम लड़की नहीं थी, बल्कि जिले की आई.पी.एस ऑफिसर पूजा शर्मा थी। उस दिन पूजा अपनी मां की दवा लेने के लिए एक डॉक्टर के घर जा रही थी। उसके चेहरे पर मां की तबीयत की चिंता साफ झलक रही थी, लेकिन उसकी चाल में आत्मविश्वास भी था।
सड़क के एक मोड़ पर पहुंचते ही उसकी नजर सड़क किनारे बैठे कुछ पुलिस वालों पर पड़ी। वहां तीन-चार हवलदार और थाने का इंस्पेक्टर मल्होत्रा शराब के नशे में धुत्त बैठे थे। वे गंदे गाने बजा रहे थे और बेहूदा हँसी उड़ा रहे थे। जैसे ही इंस्पेक्टर मल्होत्रा की नजर पूजा पर पड़ी, उसकी आंखें चमक उठीं। उसने बगल में बैठे एक हवलदार को ठोकर मारी और बोला, “ओए, देखो तो, इतने दिन को कौन सी हसीन परी चली आ रही है। चलो, थोड़ा मज़ा लेते हैं।” बाकी हवलदार भी कुटिल हंसी के साथ हंसने लगे। उन्हें पता भी नहीं था कि सामने खड़ी यह लड़की कोई आम राहगीर नहीं बल्कि उनके जिले की आई.पी.एस ऑफिसर है।
पूजा ने यह सब देखा तो वह कुछ पल के लिए ठिठक गई। उसने गहरी सांस ली और सीधे उनकी तरफ कदम बढ़ाए। उसकी आवाज़ में कठोरता और दृढ़ता थी, “तुम लोग पुलिस होकर यह सब कर रहे हो? खुलेआम सड़क पर बैठकर शराब पी रहे हो, गंदे गाने बजा रहे हो। सरकार ने शराबबंदी लागू की है और तुम खुद ही कानून तोड़ रहे हो। अगर तुम लोग ही ऐसी हरकत करोगे तो जनता से क्या उम्मीद की जा सकती है?”
पूजा की बात सुनकर हवालदार कुछ पल के लिए खामोश हो गए, लेकिन मल्होत्रा पर इसका कोई असर नहीं हुआ। वह लड़खड़ाते हुए उठा और पूजा के सामने आकर खड़ा हो गया। उसकी आंखों में नशा और हवस दोनों साफ झलक रहे थे। उसने कहा, “अरे मैडम, आप कहां जा रही हो इतने दिन को? बड़ी खूबसूरत लग रही हो। जरा हम पर भी अपनी नजरें डालो ना। हम भी तो तुम्हारे दीवाने हो सकते हैं।”

मल्होत्रा की यह हरकत सुनकर पूजा का गुस्सा उबल पड़ा। उसने अपना हाथ झटकते हुए कहा, “देखिए इंस्पेक्टर, मैं आपको इज्जत देती हूं इसलिए चुप हूं, लेकिन आप लोग बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं। मैं इस पूरे मामले की रिपोर्ट दर्ज कराऊंगी।” मल्होत्रा ठठाका मारकर हंस पड़ा, “रिपोर्ट? पूरा थाना मेरा है। मैं ही इसका मालिक हूं। अगर मैं चाहूं तो तुम्हें अभी गिरफ्तार करवा सकता हूं। तुम क्या कर लोगी? समझी ना?” इतना कहकर उसने जोर से पूजा का हाथ पकड़ लिया और पास खींचने लगा। “ज्यादा जुबान चलाएगी तो जुबान खींच लूंगा।”
पूजा के पैरों तले जमीन खिसक गई। उसने सोचा भी नहीं था कि एक थाने का इंस्पेक्टर इतना गिर सकता है। लेकिन अगले ही पल उसने खुद को संभाला और दर्द भरे सुर में कहा, “आप हद पार कर रहे हैं। सुधर जाइए, वरना मैं आप सबको निलंबित करवा दूंगी। मुझे कमजोर मत समझिए। आप लोगों को पता नहीं कि मैं कौन हूं। इसलिए मुझे टक्कर मत दीजिए।”
मल्होत्रा ने उसकी बातों पर जरा भी गौर नहीं किया। उल्टा उसने पूजा को और कसकर अपनी बाहों में खींच लिया। “तुम हमें सस्पेंड करवा सकती हो? तुम अपने आप को क्या समझ रही हो?” उसने झर उगलते हुए कहा। पूजा का धैर्य जवाब दे गया। उसने पूरे जोर से मल्होत्रा के गाल पर एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। थप्पड़ इतना भारी था कि मल्होत्रा लड़खड़ा गया। गुस्से में तिलमिलाते हुए उसने पास पड़ी शराब की बोतल उठाई और पूरी ताकत से पूजा के हाथ पर मारी। बोतल के टुकड़े पूजा के हाथ में धंस गए। खून बहने लगा। दर्द के मारे उसकी सांसें तेज हो गईं।
मल्होत्रा यहीं नहीं रुका। उसने पूजा को धक्का देकर पास खड़ी मोटरसाइकिल के किनारे पटक दिया। पूजा दर्द से कराह उठी। उसके दिमाग में एक ही बात घूम रही थी—अगर उसने अभी कदम पीछे खींचे तो ये दरिंदे और आगे बढ़ेंगे। वह जमीन पर गिरते हुए भी संभली। आंखों में गुस्सा और इरादों की आग लिए उसने अपने फोन की तरफ हाथ बढ़ाया, लेकिन मल्होत्रा ने उसका फोन झटक कर फेंक दिया। अब माहौल और खतरनाक हो चुका था। हवलदार भी खड़े हो गए। पूजा समझ गई कि अब मामला सिर्फ बहस का नहीं, बल्कि जान की बाजी लग सकती है।
पूजा का पूरा शरीर दर्द से कराह रहा था। हाथ से खून रुक-रुक कर बह रहा था, लेकिन उसके मन में गुस्सा और आक्रोश किसी भी दर्द से ज्यादा तेज था। वह मुश्किल से खुद को संभालते हुए तेजी से वहां से भागी और सीधे अपने घर पहुंची। दरवाजा बंद करते ही वह बिस्तर पर बैठ गई। उसके कानों में मल्होत्रा की गंदी बातें गूंज रही थीं। उसकी आंखों में गुस्से के साथ-साथ बेबसी भी थी। सोच रही थी कि हमारे जिले के थाने में ऐसी हरकतें हो रही हैं और कोई आवाज तक नहीं उठाता। जनता अगर शराब पी ले तो उसे पीट-पीट कर लॉकअप में डाल दिया जाता है, लेकिन जब पुलिस वाले खुद नशे में सड़क पर दरिंदों की तरह घूम रहे हों तो उन्हें कौन रोकेगा?
पूजा ने मन ही मन कसम खाई कि अब वह चुप नहीं रहेगी। इन लोगों को सबक सिखाएगी। हर उस लड़की को इंसाफ दिलाएगी जो इनकी दरिंदगी का शिकार हुई होगी। पूरा दिन वह नींद की एक भी झलक नहीं ले सकी। सुबह होते ही उसने अपनी बचपन की सहेली रेशमा को फोन लगाया। रेशमा उसकी गहरी दोस्त थी और वह पूजा की बात मानने में कभी पीछे नहीं रहती थी। पूजा ने पूरी घटना और अपनी योजना के बारे में रेशमा को विस्तार से बताया। रेशमा ने बिना एक पल घबराए उसकी मदद के लिए हां कर दी।
अगले दिन योजना के मुताबिक रेशमा को बिल्कुल आम लड़की की तरह तैयार किया गया। साधा सा सलवार सूट पहने, वह धीरे-धीरे उसी रास्ते पर चलने लगी जहां मल्होत्रा और उसके हवलदार शराब पी रहे थे। पूजा वहां दूर एक पेड़ के पीछे छुपकर खड़ी थी। उसके हाथ में मोबाइल था जो रिकॉर्डिंग मोड में चल रहा था। जैसा अंदाजा था वैसा ही हुआ। इंस्पेक्टर मल्होत्रा और उसके हवलदार सड़क किनारे शराब की बोतलें खोलकर बैठे थे, गंदे गाने बजा रहे थे और बेहूदा हंसी उड़ा रहे थे।
एक हवलदार ने रेशमा को देखा और मल्होत्रा से कहा, “सर, देखिए आज फिर एक लड़की सड़क से जा रही है।” मल्होत्रा ने आंखें दरेरी और मुस्कुराया, “लगता है आज किस्मत हमारे साथ है। चलो, आज इसे नहीं छोड़ेंगे, मजा लेंगे।” वे सब उठकर रेशमा के पास पहुंचे। रेशमा घबराई सी खड़ी हो गई। मल्होत्रा नशे में लड़खड़ाता हुआ उसके करीब आया और गंदी मुस्कान के साथ बोला, “क्या बात है मैडम? नाम क्या है तुम्हारा? इतने दिन को कहां निकल पड़ी हो? चलो, थोड़ा हमारे ऊपर भी ध्यान दो। तुम्हारे चेहरे ने तो हमें दीवाना कर दिया।” इतना कहते हुए मल्होत्रा बेसुरी आवाज में गाना गाने लगा।
रेशमा ने डरने का नाटक किया। तभी एक हवलदार ने उसका हाथ पकड़ लिया और जबरदस्ती खींचने लगा। रेशमा जोर से चीखी और हाथ छुड़ाने लगी। दूर खड़ी पूजा सब कुछ अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर रही थी। उसकी उंगलियां मोबाइल को कसकर पकड़ी थीं ताकि कोई सबूत छूट न जाए। जब हद पार होने लगी तो रेशमा ने योजना के मुताबिक इंस्पेक्टर का हाथ जोर से काट लिया और झटके से छुड़ाकर भाग निकली। मल्होत्रा गुस्से में चीखा, “अरे पकड़ो इसे!” लेकिन नशे में धुत होने के कारण कोई भी उसके पीछे तेजी से भाग नहीं पाया। रेशमा भागते हुए सीधे पूजा के पास पहुंची। दोनों तेजी से वहां से निकल गईं और अपने-अपने घर चली गईं।
अब पूजा के पास मल्होत्रा और उसके हवलदारों के खिलाफ ठोस सबूत थे। लेकिन वह जानती थी कि सिर्फ एक सबूत से इतना बड़ा इंस्पेक्टर नहीं झुकेगा। उसे और सबूत चाहिए थे ताकि यह साबित हो सके कि ये लोग सिर्फ नशे में हरकतें नहीं करते बल्कि बार-बार ऐसी घिनौनी हरकतों को अंजाम देते हैं। पूजा ने सोचा कि अगर उसे इन्हें गिराना है तो हर अपराध का पूरा सबूत चाहिए। वह पीछे नहीं हटेगी।
इंस्पेक्टर मल्होत्रा और उसके हवलदार बेखबर थे। उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनके खिलाफ एक बड़ा जाल बिछ चुका है। आने वाले दिनों में उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा तूफान उन पर टूटने वाला था और यह तूफान उनकी ही करतूतों से पैदा हुआ था।
दिन का सन्नाटा फिर से लौट आया था। वहीं जगह, वही सड़क, वही हवाएं। लेकिन इस बार पूजा शर्मा का इरादा और भी मजबूत था। वह जान चुकी थी कि सिर्फ एक-दो सबूत से इंस्पेक्टर मल्होत्रा जैसे दरिंदे को गिराना आसान नहीं होगा। उसे ऐसा सबूत चाहिए था जो न सिर्फ अदालत में काम आए बल्कि पूरी जनता को हिला कर रख दे।
तीसरे दिन लाल रंग की हल्की साड़ी पहने, बालों को दुपट्टे से ढके हुए और हाथ में मोबाइल कसकर पकड़े पूजा शर्मा दूर से ही देख रही थी। वहीं मंजर था। इंस्पेक्टर मल्होत्रा और उसके हवलदार सड़क किनारे बनी टूटी-फूटी झोपड़ी के पास शराब की बोतलें खोलकर बैठे थे। मोबाइल पर गाने बज रहे थे और उनके बीच बेहूदा हंसी झांक रही थी। पूजा ने गहरी सांस ली और झाड़ियों के पीछे छुपते हुए मोबाइल का कैमरा ऑन किया।

वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू हो गई। करीब दो मिनट तक उसने हर चीज कैद की—बोतलें, हंसी, गालियां और इंस्पेक्टर मल्होत्रा का शराब में चूर गिरा हुआ चेहरा। जब उसे लगा कि सबूत काफी है तो वह तुरंत घर लौट आई। पहुंचकर उसने वीडियो कई बार देखा। हर बार उसका गुस्सा और बढ़ता गया। यह लोग पुलिस की वर्दी पर दाग हैं। इन्हें बचाने वाला कोई नहीं होगा। अब यह सबूत इन्हें बर्बाद कर देगा।
लेकिन पूजा को पता था कि सिर्फ वीडियो रिकॉर्डिंग से काम नहीं बनेगा। मल्होत्रा के रसूख बड़े थे। थाने के कई लोग उसके इशारों पर चलते थे। उसे सस्पेंड कराने के लिए सिर्फ सबूत ही नहीं बल्कि जनता का समर्थन और अफसरों का सहयोग भी जरूरी था।
अगले दिन सुबह पूजा ने अपने पड़ोस की कुछ भरोसेमंद औरतों और बुजुर्गों को घर बुलाया। उसने उन्हें वीडियो दिखाया। वीडियो देखकर सबका खून खौल उठा। एक बुजुर्ग बोले, “मैडम, अगर हमारे जिले के पुलिस वाले ऐसे काम करेंगे तो जनता कहां जाएगी? आप बिल्कुल सही कर रही हैं। हम गवाही देने को तैयार हैं।” वहीं एक औरत ने कहा, “मैडम, आप जैसे लोग ही हमारी उम्मीद हैं। आप जो कहेंगी हम करेंगे।” पूजा के चेहरे पर हल्की मुस्कान आई। उसे समझ आ गया कि आवामी सहारा मिल चुका है।
अब बारी थी अगला कदम बढ़ाने की—बड़े अफसरों तक पहुंचने की। पूजा जानती थी कि मल्होत्रा को सीधे पकड़वाना आसान नहीं होगा। अगर वह सीधे थाने जाती और शिकायत करती तो मामला दबा दिया जाता। इसलिए उसने तय किया कि वह सीधे जिले के डीएसपी, फिर एसपी और जरूरत पड़ी तो डीएम तक जाएगी।
सबूत तैयार करके वह सबसे पहले डीएसपी विकास सिंह के ऑफिस पहुंची। विकास सिंह एक सख्त और ईमानदार अफसर माने जाते थे। पूजा ने उन्हें पूरा वीडियो दिखाया और पूरी घटना विस्तार से सुनाई। वीडियो देखकर डीएसपी हैरान रह गए। उन्होंने कहा, “मैडम, यह मामला बहुत बड़ा है। मल्होत्रा का नाम कई बार सामने आया है लेकिन आज तक कोई ठोस सबूत नहीं था। आपने कमाल कर दिया।”
पूजा ने दृढ़ लहजे में कहा, “सर, मैं चाहती हूं कि इस मामले को दबाया न जाए। मैं खुद गवाही दूंगी।” डीएसपी ने हामी भरी, “आपको मेरी पूरी मदद मिलेगी। लेकिन हमें और सबूत चाहिए ताकि कोई लूप होल न बचे।”
पूजा ने अपने अगले कदम के बारे में बताया, “सर, मैं एक और रिकॉर्डिंग करूंगी। इस बार ऑडियो भी साथ लेकर कुछ स्थानीय लोगों को साथ लेकर स्टिंग ऑपरेशन करूंगी ताकि अदालत में मामला मजबूती से टिक सके।”
डीएसपी ने पूजा की योजना पर सहमति जताई और कहा, “आपको सुरक्षा भी दी जाएगी। और हां, इस मामले को मैं खुद एसपी साहब तक पहुंचाऊंगा।”
उस दिन पूजा ने एक और योजना बनाई। इस बार उसने पड़ोस के दो भरोसेमंद लड़कों और एक औरत को अपने साथ लिया। तय हुआ कि औरत आम राहगीर बनकर वहां से गुजरेगी और बाकी दो लड़के थोड़ी दूरी पर खड़े रहेंगे। पूजा खुद कैमरे के साथ तैयार रही।
जैसा अंदाजा था, मल्होत्रा और उसके हवलदार फिर वहीं हरकतें करते दिखे। उन्होंने उस औरत को रोकने की कोशिश की, गंदी बातें कीं और हाथ पकड़ने की कोशिश भी की। यह सब कुछ कैमरे में रिकॉर्ड हो गया। इस बार पूजा के पास वीडियो के साथ-साथ ऑडियो के सबूत भी थे।
अगली सुबह पूजा सीधे एएसपी संदीप चौहान के पास पहुंची। उसने सारे सबूत और आवामी गवाहों की फहरिस्त दिखाई। वीडियो देखते ही एएसपी ने गुस्से में मेज पर हाथ मारा, “यह लोग पुलिस कहलाने के लायक नहीं हैं। मैडम, आपने बहुत हिम्मत दिखाई है। मैं इसे फौरन डीएम मैडम तक पहुंचाता हूं।”
इसके बाद पूजा और एसएपी खुद डीएम श्रुति वर्मा के दफ्तर पहुंचे। श्रुति वर्मा अपने खड़े फैसलों के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने वीडियो देखा और कड़क आवाज में कहा, “यह शर्मनाक है। ऐसे लोग पुलिस की वर्दी पर कलंक हैं। मैडम, मैं आपके साथ हूं।”
डीएम ने फौरन हुक्म दिया कि पूरे मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टीम बनाई जाए। साथ ही मल्होत्रा और उसके हवलदारों को फोरन ड्यूटी से निलंबित करने का प्रस्ताव तैयार किया जाए। पूजा की मेहनत रंग ला रही थी। मल्होत्रा और उसके आदमी अब भी बेखबर थे कि उनकी गिनती की घड़ियां शुरू हो चुकी हैं।
पूजा ने आवामी गवाहों से लिखित बयान लिए और सभी सबूत एक फाइल में इकट्ठा कर दिए। डीएम ने अगले ही दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने का आदेश दिया। “पूजा मैडम, कल का दिन आपकी जीत का पहला दिन होगा। हम जनता के सामने इन दरिंदों का चेहरा बेनकाब करेंगे।” पूजा की आंखों में चमक थी। उसने सोचा अब ये लोग सिर्फ सस्पेंड नहीं होंगे। यह सबक सीखेंगे कि कानून से बड़ा कोई नहीं।
अगली सुबह शहर में हलचल मच चुकी थी। पूजा शर्मा ने डीएम के आदेश पर सारे सबूत सौंपे और मामला रफ्तार पकड़ गया। डीएम श्रुति वर्मा ने उसी दिन सुबह जिले के सबसे बड़े कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रेस मीटिंग बुलाई। मीडिया, जनता और तमाम पुलिस अफसर वहां इकट्ठे हो गए। पूजा ने उस फाइल को कसकर पकड़ा था जिसमें पिछले तीन दिनों में जुटाए गए सारे वीडियो, ऑडियो रिकॉर्डिंग्स और आवामी लिखित बयान थे।

पूजा ने सबूतों को दिखाया और डीएम ने सख्त आदेश दिया, “इन पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित किया जाए। ऐसे लोग हमारे कानून को गंदा कर रहे हैं। इन्हें अभी के अभी निलंबित किया जाता है।” डीएम के सख्त आदेश से पूरे जिले में हलचल मच गई और उन पुलिसकर्मियों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा।
पूजा के चेहरे पर राहत की सुकून झलक रही थी। उसकी मेहनत रंग लाई थी। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, अगर हिम्मत, ईमानदारी और जनता का साथ हो तो न्याय जरूर मिलता है। पूजा शर्मा ने साबित कर दिया कि भ्रष्टाचार और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है और सही कदम उठाने से समाज में बदलाव संभव है।
News
SP मैडम को आम लड़की समझकर इंस्पेक्टर ने कर दी गलत हरकत फिर उसके साथ जो हुआ…
SP मैडम को आम लड़की समझकर इंस्पेक्टर ने कर दी गलत हरकत फिर उसके साथ जो हुआ… . . शहर…
अरबपति के अंतिम संस्कार में हलचल मच गई – जब एक बच्चा दूसरे को गले लगाकर बोला एक बात!
अरबपति के अंतिम संस्कार में हलचल मच गई – जब एक बच्चा दूसरे को गले लगाकर बोला एक बात! ….
Police ने सोचा के आम लड़की है, पर वह निकली हाईकोर्ट की वकील ! फिर जो हुआ…
Police ने सोचा के आम लड़की है, पर वह निकली हाईकोर्ट की वकील ! फिर जो हुआ… . . सुबह…
जब इंस्पेक्टर ने एक गरीब मटके बेचने वाली पर हाथ उठाया, फिर इंस्पेक्टर के साथ जो हुआ….
जब इंस्पेक्टर ने एक गरीब मटके बेचने वाली पर हाथ उठाया, फिर इंस्पेक्टर के साथ जो हुआ…. . . न्याय…
SP मैडम को आम लड़की समझकर इंस्पेक्टर थाने ले जा रहा था, फिर रास्ते में इंस्पेक्टर के साथ जो हुआ…
SP मैडम को आम लड़की समझकर इंस्पेक्टर थाने ले जा रहा था, फिर रास्ते में इंस्पेक्टर के साथ जो हुआ……
पति ने पूर्व पत्नी को अपनी शादी में बेइज्जती करने के लिए बुलाया फिर जो हुआ
पति ने पूर्व पत्नी को अपनी शादी में बेइज्जती करने के लिए बुलाया फिर जो हुआ . . रात के…
End of content
No more pages to load






