धर्मेंद्र जी की स्मृति सभा: हेमा मालिनी की भावुक श्रद्धांजलि और एक युग का अंत

भूमिका
भारतीय सिनेमा के महानायक, धर्मेंद्र जी के निधन ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे देश को गहरे शोक में डुबो दिया। उनकी याद में दिल्ली में आयोजित प्रार्थना सभा में हेमा मालिनी ने अपने जीवन साथी के लिए जो भावनाएं साझा कीं, वह हर किसी की आंखें नम कर गईं। यह सभा केवल एक अभिनेता की यात्रा का समापन नहीं थी, बल्कि एक ऐसे इंसान की विदाई थी, जिसने अपने जीवन से लाखों लोगों को प्रेरित किया।
शोक सभा की शुरुआत
प्रार्थना सभा की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण के श्लोक से हुई—”वासुदेव सुतम देवम, कंस चानूर मर्दनम, देवकी परमानंदम, कृष्णम वंदे जगतगुरु”। इस मंत्र के साथ ही माहौल में भक्ति और शांति की भावना घुल गई। हेमा मालिनी ने मंच पर आते ही सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया और अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी जिंदगी में ऐसा एक पल आएगा जब मुझे भी एक शोक सभा रखनी होगी और वह भी मेरे धर्म जी के लिए।”
हेमा मालिनी की भावनाएं और धर्मेंद्र जी का व्यक्तित्व
हेमा मालिनी ने धर्मेंद्र जी के व्यक्तित्व का वर्णन करते हुए कहा, “धर्म जी बहुत ही विशाल व्यक्तित्व के मालिक थे, जिसकी कोई सीमा नहीं थी। वह बहुत ही सरल, सहज, हसमुख और मिलनसार थे। प्रसिद्धि की शिखर पर होते हुए भी वे हमेशा जमीन से जुड़े रहे।”
धर्मेंद्र जी का सबसे बड़ा गुण था—उनका विनम्र और सबको सम्मान देने वाला स्वभाव। चाहे कोई बड़ा हो या छोटा, अमीर हो या गरीब, अपना हो या पराया—धर्मेंद्र जी सभी के साथ प्यार और सम्मान से पेश आते थे। यही कारण था कि वे ना सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री, बल्कि आम जनता के भी दिलों में बस गए।
फिल्मी सफर और उपलब्धियां
हेमा मालिनी ने अपने और धर्मेंद्र जी के फिल्मी सफर की यादें साझा करते हुए बताया, “धर्मेंद्र जी से मेरा एसोसिएशन 57 साल का है। जब मैं फिल्म इंडस्ट्री में आई, तब से उन्हीं के साथ ज्यादातर फिल्म करने का अवसर मिला। लगभग 45 फिल्मों में हमने साथ काम किया, जिनमें से 25 से अधिक फिल्में सुपरहिट रहीं।”
धर्मेंद्र जी ने अपने करियर में 300 से भी अधिक फिल्मों में काम किया—रोमांटिक हीरो, एक्शन हीरो, गंभीर किरदार, हास्य भूमिकाएं—हर रोल में उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। “शोले” के वीरू, “जुगनू” का एक्शन हीरो, “नया जमाना” का लेखक, “राजिया सुल्तान” में याकूद, “अलीबाबा 40 चोर” में अलीबाबा—विविधता से भरे किरदारों ने उन्हें सिनेमा का वर्सटाइल स्टार बना दिया।
हेमा मालिनी ने कहा, “धर्मेंद्र जी कैमरे के सामने खड़े होने के लिए हमेशा उत्साहित रहते थे, एक्टिंग के लिए पैशनेट थे। कोई भी रोल हो, वे उसमें पूरी तरह डूब जाते थे।”
शायरी और साहित्य का प्रेम
धर्मेंद्र जी का एक और छुपा हुआ पहलू था—उनका शायरी और साहित्य के प्रति प्रेम। हेमा मालिनी ने बताया, “धर्मेंद्र जी किसी भी परिस्थिति में तुरंत एक शेर सुना देते थे। मैंने कई बार उनसे कहा कि आप इतना अच्छा लिखते हैं तो इसे किताब के रूप में प्रकाशित करना चाहिए। वे इस काम को लेकर बहुत गंभीर थे, लेकिन वह अधूरा रह गया।”
उनकी शायरी, उनके शब्द, उनकी बातें लोगों के दिल को छू जाती थीं। आज उनके चाहने वाले उनकी शायरी को याद कर भावुक हो जाते हैं।
राजनीतिक सफर
धर्मेंद्र जी का सफर केवल सिनेमा तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा और बीकानेर लोकसभा से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे। हेमा मालिनी ने भी राज्यसभा और मथुरा लोकसभा से राजनीति में सफलता पाई। धर्मेंद्र जी ने अपने पांच साल के कार्यकाल में बीकानेर के लिए कई अच्छे काम किए। हालांकि, फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का जो मजा उन्हें आता था, वह राजनीति में नहीं था। फिर भी उन्होंने पूरी ईमानदारी और मेहनत से अपना दायित्व निभाया।
परिवार और निजी जीवन
हेमा मालिनी ने धर्मेंद्र जी के साथ अपने निजी जीवन की यादें साझा करते हुए कहा, “जिस शख्स के साथ मैंने कई फिल्मों में प्यार का अभिनय किया, वही मेरे जीवन साथी बन गए। हमारा प्यार सच्चा था, हम दोनों ने शादी की और हर परिस्थिति का सामना किया।”
धर्मेंद्र जी ने हेमा मालिनी के हर निर्णय में उनका साथ दिया, बेटियों—ईशा और अहाना—को भरपूर प्यार दिया, उनकी शादी कराई, और पांच पोते-पोतियों के लिए प्यारे नानू बने। हेमा मालिनी ने कहा, “धर्म जी हमारे परिवार के सभी सदस्यों के लिए प्यार और आश्रय का स्तंभ थे।”
उनका परिवार, उनके रिश्ते, उनकी संवेदनशीलता—इन सबने उन्हें एक आदर्श परिवार पुरुष बना दिया। उनके पोते-पोतियां, बच्चे, रिश्तेदार—सभी उन्हें बेहद प्यार करते थे।
जन्मदिन और देशभर का प्यार
8 दिसंबर को धर्मेंद्र जी का जन्मदिन था। इस बार वे 90 वर्ष के हुए। हेमा मालिनी ने भावुक होकर बताया, “हमने तो जन्मदिन मनाया ही, लेकिन देखने को मिला कि पूरा देश भर में उनके जन्मदिन को धूमधाम से मनाया गया। लोग भावुक हो रहे थे, रो रहे थे। मेरे पास आज भी इतने लोग आकर बताते हैं कि धर्म जी ने उनके साथ किस तरह प्यार से पेश आए।”
धर्मेंद्र जी का प्यार, सम्मान, और लोकप्रियता देश के हर कोने में फैली थी। ड्राइवर, वर्कर्स, छोटे-बड़े सभी उनके साथ फोटो खिंचवाने को उत्साहित रहते थे। हेमा मालिनी ने कहा, “इतना प्यार, इतना मान-सम्मान किसी को मिलना बहुत मुश्किल है, जो धर्म जी को मिला।”
धर्मेंद्र जी की विरासत
धर्मेंद्र जी ने अपने जीवन से कई लोगों को प्रेरित किया। वे एक अभिनेता, एक मित्र, एक परिवार पुरुष, और सबसे बढ़कर एक अद्भुत इंसान थे। उनकी मुस्कान, उनकी पर्सनालिटी, उनके शब्द, उनकी शायरी—सबको लोग याद करेंगे।
हेमा मालिनी ने कहा, “धर्म जी ने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को प्रभावित किया है। नई पीढ़ी के कलाकार भी उनके दीवाने हैं। उनकी खूबसूरत मुस्कान, उनकी पर्सनालिटी, उनकी बातें, शायरी—लोग उसे हमेशा याद करेंगे। अब ये सब यादों में ही रह जाएगा।”
भावनात्मक समापन
हेमा मालिनी ने सभा के अंत में कहा, “मेरे लिए धर्म जी की कमी हमेशा रहेगी। उनकी ताकत, उनका सपोर्ट, उनका प्यार, उनकी गले लगाने की आदत—ये सब मैं हमेशा मिस करूंगी। मैं सीख रही हूं कि इस दुनिया में बिना उनके कैसे जीना है। यह बहुत मुश्किल है, लेकिन हमें जीवन में आगे बढ़ना है। मेरी दोनों बेटियां और मेरा परिवार भी उन्हें बहुत मिस करता है।”
उन्होंने उपस्थित सभी लोगों, संसद सदस्य, दोस्तों, आयोजकों का धन्यवाद किया और कहा, “आप सबका साथ मेरे लिए बहुत हिम्मत देने वाला है।”
निष्कर्ष
धर्मेंद्र जी का जीवन एक उत्सव था—सिनेमा, परिवार, समाज, राजनीति, साहित्य—हर क्षेत्र में उन्होंने अपने व्यक्तित्व की छाप छोड़ी। उनका जाना एक युग का अंत है, लेकिन उनकी विरासत, उनका प्यार, उनकी प्रेरणा हमेशा जीवित रहेगी।
हेमा मालिनी की भावुक श्रद्धांजलि ने धर्मेंद्र जी के जीवन को एक नया आयाम दिया। वे केवल एक अभिनेता नहीं थे, बल्कि एक ऐसे इंसान थे, जिन्होंने अपने व्यवहार, प्यार और संवेदनशीलता से सबका दिल जीत लिया।
हम सबकी तरफ से धर्मेंद्र जी को श्रद्धांजलि, और हेमा मालिनी एवं उनके परिवार को ढेर सारी संवेदनाएं। धर्मेंद्र जी की यादें, उनके संवाद, उनकी शायरी, उनकी मुस्कान—हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी।
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