कपड़ों से नहीं, दिल से पहचान
सुबह का समय था। शहर के सबसे आलीशान पाँच सितारा होटल, एमिनेंस ग्रैंड पैलेस के बाहर चमचमाती गाड़ियाँ खड़ी थीं। वेलकम स्टाफ सफेद पोशाक में, काँच के दरवाजे और अंदर से आती वायलिन की मधुर धुन—हर चीज़ शाही थी।
इन्हीं दरवाजों की ओर एक बुजुर्ग व्यक्ति धीरे-धीरे चले आ रहे थे। उम्र लगभग 75 साल, पुराने कपड़े, घिसी चप्पलें, बिखरे बाल और झुकी पीठ, लेकिन चाल में गरिमा थी। वह सीधे रिसेप्शन पर पहुँचे। वहाँ एक लड़की मोबाइल पर व्यस्त थी। बुजुर्ग ने विनम्रता से पूछा, “बिटिया, एक गिलास पानी मिल सकता है? और पाँच मिनट बैठ जाऊँ तो? थक गया हूँ।”
लड़की ने ऊपर से नीचे तक देखा और कहा, “यहाँ बैठने की अनुमति नहीं है अंकल। गार्ड से कहिए, बाहर पानी दे देगा।”
तभी होटल मैनेजर मृदुल खुराना, ब्रांडेड सूट में, घमंड भरे चेहरे के साथ आया। उसने बुजुर्ग को देखा और तीखे स्वर में बोला, “यह कोई धर्मशाला नहीं है बाबा। पाँच सितारा होटल है, भिखारी यहाँ नहीं घुसते।”
मेहमान हँसने लगे, विदेशी टूरिस्ट मुस्कुराने लगे। गार्ड ने बुजुर्ग को बाहर निकाल दिया। बुजुर्ग ने होटल को गहराई से देखा, हल्की मुस्कान दी और सिर झुकाकर बाहर चले गए।
अगले दिन सुबह, होटल में हलचल थी। वीआईपी विजिट की सूचना थी, हेलीपैड तैयार था। सबको लगा कोई मंत्री या विदेशी मेहमान आ रहे हैं।
तभी होटल के पीछे बने हरे लॉन में हेलीकॉप्टर उतरा। सिक्योरिटी कमांडो, अधिकारी और सेक्रेटरी के साथ एक व्यक्ति सफेद शेरवानी में उतरा। सबसे बड़ा झटका तब लगा जब किसी ने पहचाना—यह वही बुजुर्ग हैं जिन्हें कल बाहर निकाला गया था।
रिसेप्शन पर खड़ा मैनेजर मृदुल खुराना अब पसीने-पसीने हो गया। बुजुर्ग यानी डॉ. अभय देवेंद्र राव, होटल के मालिक और चेयरमैन थे। वह धीरे-धीरे मुख्य द्वार की ओर बढ़े। स्टाफ लाइन में खड़ा था। मैनेजर आगे आया, “सर, मुझे माफ कर दीजिए, मैं आपको पहचान नहीं पाया।”
बुजुर्ग मुस्कुराए, “गलती तुम्हारी नहीं बेटा, तुमने वही किया जो अक्सर लोग करते हैं—कपड़ों से इंसान की कीमत आँक ली। कल मैंने एक गिलास पानी माँगा था, तुमने इज्जत छीन ली। आज मैं तुम्हें सिर्फ एक मौका देता हूँ खुद को सुधारने का। लेकिन होटल की जिम्मेदारी अब तुम्हारे हाथ में नहीं रहेगी।”
मैनेजर सस्पेंड, रिसेप्शनिस्ट को चेतावनी के साथ ट्रांसफर। वही बैरा राजू, जिसने चुपचाप बुजुर्ग को पानी दिया था, उसे सीनियर फ्लोर मैनेजर बना दिया। “इंसानियत की नौकरी सबसे बड़ी होती है।” भीड़ ने तालियाँ बजाईं, कुछ गेस्ट्स की आँखों में आँसू थे। मीडिया में हेडलाइन बनी—‘भिखारी नहीं, मालिक निकला!’
होटल की प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. अभय देवेंद्र राव मंच पर बैठे थे। पत्रकारों ने पूछा, “सर, आपने ऐसा क्यों किया?”
डॉ. अभय बोले, “क्योंकि मुझे देखना था कि हम इंसान पहले हैं या प्रोफेशनल। मैंने यह होटल सिर्फ शानो-शौकत के लिए नहीं बनाया था, बल्कि मेरा सपना था कि हर मेहमान को सम्मान मिले, चाहे वह किसी भी हाल में आए।”
करीब 40 साल पहले, डॉ. अभय एक सरकारी अस्पताल में सर्जन थे। एक दिन अस्पताल के बाहर एक बुजुर्ग भिखारी गिर पड़ा। सबने अनदेखा किया, लेकिन डॉ. अभय ने उसे पानी पिलाया, दवाई दी। जाते-जाते उस भिखारी ने कहा, “तू इंसान है, तुझमें भगवान बसता है।” उसी दिन उन्होंने ठान लिया कि एक दिन ऐसा स्थान बनाएँगे, जहाँ इंसान की पहचान उसके दिल से होगी।
समय के साथ होटल बड़ा हुआ, लेकिन स्टाफ में घमंड आ गया। डॉ. अभय को रिपोर्ट मिली कि अब आम लोगों का तिरस्कार होता है। तभी उन्होंने खुद फटी हुई कुर्ता पहनकर बिना परिचय के होटल जाने का प्लान बनाया।
प्रेस के सामने उन्होंने घोषणा की, “आज से इस होटल की नई नीति लागू होती है—हर गेस्ट को बिना भेदभाव के इज्जत दी जाएगी। कपड़ों, बोली या रूप से किसी का मूल्य तय नहीं होगा। नया ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू होगा—‘अभिमान नहीं, संवेदना’। जो इसे नहीं अपनाएगा, उसे यहाँ काम करने का हक नहीं।”
रिसेप्शनिस्ट आगे आई, बुजुर्ग के पैरों में हाथ जोड़कर माफी माँगी। डॉ. अभय ने सिर सहलाते हुए कहा, “गलती हर किसी से होती है बेटा, लेकिन इंसान वही है जो उसे सुधारे।”
News
Bigg Boss 19 LIVE – Tanya Lost Control In Fight With Nehal | Episode 38
Bigg Boss 19 LIVE – Tanya Lost Control In Fight With Nehal | Episode 38 In a shocking turn of…
Congratulations! Salman Khan Announced To Become Father Of A Baby
Congratulations! Salman Khan Announced To Become Father Of A Baby बॉलीवुड के दबंग, सलमान खान, हमेशा से अपने अभिनय और…
फटे कपड़ों में बेइज़्ज़ती हुई… लेकिन सच्चाई जानकर Plan की सभी यात्रीने किया सलाम!
फटे कपड़ों में बेइज़्ज़ती हुई… लेकिन सच्चाई जानकर Plan की सभी यात्रीने किया सलाम! एक ऐसी दुनिया में जहां बाहरी…
गरीब समझकर किया अपमान ! अगले दिन खुला राज— वही निकला कंपनी का मालिक 😱 फिर जो हुआ…
गरीब समझकर किया अपमान ! अगले दिन खुला राज— वही निकला कंपनी का मालिक 😱 फिर जो हुआ… बेंगलुरु के…
तलाकशुदा पत्नी चौराहे पर भीख मांग रही थी… फार्च्यूनर कार से जा रहे पति ने जब देखा… फिर जो हुआ…
तलाकशुदा पत्नी चौराहे पर भीख मांग रही थी… फार्च्यूनर कार से जा रहे पति ने जब देखा… फिर जो हुआ……
पति की मौत के बाद अकेली दिल्ली जा रही थी… ट्रेन में मिला एक अजनबी… फिर जो हुआ
पति की मौत के बाद अकेली दिल्ली जा रही थी… ट्रेन में मिला एक अजनबी… फिर जो हुआ एक नई…
End of content
No more pages to load