विकास और प्रिया की कहानी: सच्चाई, प्यार और घमंड का आईना
प्रस्तावना
दिल्ली के चमचमाते शहर में दो परिवार, दो सोच, और दो दिलों की कहानी। एक तरफ विकास खन्ना—देश की सबसे बड़ी कंपनी का सीईओ, जिसने अपनी पहचान छुपा रखी थी। दूसरी ओर प्रिया मल्होत्रा—रुतबे और धन में डूबी, मगर भीतर से अकेली। यह कहानी है सादगी, घमंड, प्यार और सच्चाई की।
पहली मुलाकात और भ्रम
कॉलेज के बाद प्रिया अपने दोस्तों के साथ बाहर निकल रही थी। उसने अपने पिता विजय मल्होत्रा को फोन किया—“पापा, पिक करने आईए ना!” थोड़ी देर बाद काली एसयूवी रुकी। विजय उतरे, लेकिन उनकी नजर विकास पर पड़ी जो साइकिल पर जा रहा था। विजय ने हाथ जोड़कर विकास को सम्मान दिया। प्रिया हैरान थी—“पापा, यह तो गरीब लड़का है!” विजय चुप रहे, विकास ने इशारा किया—“अभी मेरी असलियत मत खोलिए।”
प्रिया के मन में सवाल उठे, “पापा ने उस लड़के को इतना सम्मान क्यों दिया?” विजय ने टाल दिया—“अभी वक्त नहीं है।”
अमीर का छुपा सच
वसंत विहार के भव्य बंगले में विकास खन्ना अपने पिता की तस्वीर देख रहा था। पिता ने सिखाया था—“अपनी अमीरी छुपाकर देखो, लोग तुम्हें असल में कितना सम्मान देते हैं।” इसी सोच के साथ विकास ने कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन साइकिल पर जाता, सस्ते कपड़े पहनता, और खुद को आम लड़का साबित करता।
दूसरी ओर मल्होत्रा निवास में प्रिया तैयार हो रही थी—डिज़ाइनर कपड़े, चमचमाती कार, घमंड और अकेलापन। उसकी छोटी बहन नेहा भी उसी राह पर थी। कॉलेज में गरीबों के लिए कोई जगह नहीं थी।
कॉलेज की दुनिया
कॉलेज में प्रिया ने विकास का मजाक उड़ाया—“यह कौन सा गांव से आया है?” दोस्तों के बीच विकास हमेशा हंसी का पात्र बना रहा। वह चुप रहता, लेकिन उसकी आंखों में आत्मविश्वास था। उसका दोस्त अमित पूछता—“तू जवाब क्यों नहीं देता?” विकास मुस्कुराता—“अभी वक्त नहीं है।”
धीरे-धीरे विकास अपनी मेहनत और बुद्धिमानी से प्रोफेसरों को प्रभावित करने लगा। लेकिन प्रिया और उसके दोस्त उसे तुच्छ समझते रहे।
प्रोजेक्ट का मोड़
एक दिन प्रोफेसर ने प्रोजेक्ट असाइनमेंट में प्रिया और विकास को एक टीम बना दिया। प्रिया नाराज थी—“मैं अकेले बेहतर कर सकती हूं।” प्रोफेसर ने कहा—“टीम वर्क सीखना जरूरी है।” प्रोजेक्ट के दौरान विकास ने ऐसी रणनीति बनाई, जो सबको चौंका गई। प्रेजेंटेशन में जब प्रिया अटक गई, विकास ने संभाल लिया। तालियां गूंज उठीं। प्रिया को पहली बार विकास के लिए सम्मान महसूस हुआ, लेकिन घमंड अब भी बाकी था।
सादगी का असर
फेस्टीवल में विकास ने हाथ से बने कार्ड बेचना शुरू किए। हर कार्ड पर दिल छूने वाला संदेश। प्रिया ने मजाक किया, लेकिन जब उसने एक कार्ड पढ़ा—“सच्ची मुस्कान दुनिया की सबसे कीमती चीज है”—उसका दिल पिघल गया। विकास ने उसे एक कार्ड दिया—“तुम्हारी मुस्कान मेरे लिए सबसे अनमोल है।” प्रिया पहली बार सच्चे प्यार को महसूस कर पाई।
अगले दिन उसने विकास से कहा—“तुम अलग हो। मैंने तुम जैसे इंसान पहले नहीं देखे।” विकास ने जवाब दिया—“सच्चा प्यार दिल से होता है, पैसे से नहीं।”
प्यार, घमंड और असलियत
प्रिया ने विकास से प्यार का इज़हार किया। विकास भी प्रिया को चाहता था, लेकिन उसने अपनी असलियत छुपा रखी थी। वह चाहता था कि प्रिया उसकी सादगी को प्यार करे, न कि अमीरी को।
शादी की शर्त रखी—“तुम घर जमाई बनोगे, मेरे नियम मानोगे।” विकास ने हामी भर दी। वह जानता था, एक दिन प्रिया को आईना दिखाना है।
शादी के बाद प्रिया और नेहा ने विकास को नौकर की तरह ट्रीट किया। विकास सब सहता रहा, लेकिन उसके दिल में आग थी। वह जानता था—एक दिन सब बदल जाएगा।
घमंड का टकराव
एक दिन प्रिया ने दोस्तों को डिनर पर बुलाया—“देखो, यह मेरा घर जमाई है।” दोस्तों ने हंसी उड़ाई। विकास चुप रहा। इसी बीच एक हादसा हुआ—विजय मल्होत्रा की मृत्यु। प्रिया टूट गई, लेकिन उसका घमंड और बढ़ गया। वह कंपनी की सीईओ बनी, विकास को और नीचा दिखाने लगी।
रोहन कपूर नामक बिजनेसमैन ने प्रिया को अपने जाल में फंसाया। कंपनी की डील रद्द करवा दी। प्रिया संकट में आ गई। रोहन ने शर्त रखी—“कंपनी बचानी है तो विकास को छोड़ना होगा, मुझसे शादी करनी होगी।”
सच्चाई का खुलासा
प्रिया ने विकास को ताने मारे—“तुमने मेरी जिंदगी में क्या दिया?” विकास ने चुप रहने का फैसला किया। लेकिन अब वक्त आ गया था असलियत दिखाने का।
बोर्ड रूम में शेयरहोल्डर्स प्रिया पर दबाव बना रहे थे। तभी विकास खन्ना, काले सूट में, आत्मविश्वास के साथ दाखिल हुआ—“मैं खन्ना ग्रुप का सीईओ हूं और कंपनी को बचाने आया हूं।” सब हैरान रह गए। कुछ ही मिनटों में विकास ने डील वापस पटरी पर ला दी। कंपनी बच गई।
प्रिया की आंखों में शर्म और पछतावा था। विकास ने कहा—“सच्चा प्यार घमंड से नहीं, दिल से होता है। अगर बदलना चाहती हो, तो नई शुरुआत करो।” प्रिया ने माफी मांगी, दोनों गले लग गए।
साजिश का अंत और नया रिश्ता
रोहन की साजिश उजागर हुई। शेयरहोल्डर्स ने उसके खिलाफ कार्रवाई की। नेहा और सुनीता ने भी अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी। मल्होत्रा निवास में अब प्यार और सम्मान का माहौल था। प्रिया ने विकास को घर जमाई नहीं, बराबर का साथी मानना शुरू किया।
दोनों ने कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। खन्ना ग्रुप और मल्होत्रा इंडस्ट्रीज की साझेदारी बिजनेस सर्कल में मिसाल बन गई।
परिवार और नई शुरुआत
कुछ महीनों बाद प्रिया ने प्यारी सी बेटी आन्या को जन्म दिया। उसका चेहरा प्रिया की तरह खूबसूरत और मुस्कान में विकास की सादगी। पूरा परिवार खुशियों से भर गया।
विकास ने कहा—“असली खुशी पैसे या स्टेटस में नहीं, दिल के रिश्तों में होती है।” प्रिया ने जवाब दिया—“तुमने मुझे सच्चा प्यार सिखाया।”
नया खतरा और विश्वास
एक दिन विकास को अनजान नंबर से कॉल आया—“क्या तुम अपनी जिंदगी के सबसे बड़े राज को बचा पाओगे?” विकास ने अमित से बात की—“बिजनेस की दुनिया में दुश्मन कभी खत्म नहीं होते।” अब उनकी खुशहाल जिंदगी पर एक नया खतरा मंडरा रहा था।
लेकिन विकास जानता था—उनका प्यार और विश्वास हर मुश्किल से लड़ सकता है।
सीख और संदेश
मल्होत्रा निवास अब प्यार और सम्मान का गढ़ बन चुका था। प्रिया ने अपने घमंड को त्याग दिया। विकास की सादगी और सच्चाई ने सबका दिल जीत लिया।
कहानी की सीख:
पैसा और रुतबा सब कुछ नहीं होता। असली पहचान इंसानियत, प्यार और सच्चाई से होती है। घमंड रिश्तों को तोड़ता है, सादगी और सम्मान जोड़ता है।
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मिलते हैं अगली कहानी में। जय हिंद!
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