Dharmendra ji की 3 अधूरी इच्छा पूरी करने के लिए अब एक हुए hema malini और sunny deol उठाया बड़ा कदम

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धर्मेंद्र जी की अधूरी इच्छाएँ: हेमा मालिनी और सनी देओल ने उठाया बड़ा कदम

परिचय

भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र जी, जिनका नाम सुनते ही एक युग की यादें ताजा हो जाती हैं, अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके जाने से न केवल उनके परिवार बल्कि उनके प्रशंसकों के दिलों में भी एक खालीपन सा आ गया है। धर्मेंद्र जी की पहचान सिर्फ एक अभिनेता के रूप में नहीं थी, बल्कि वे एक ऐसे इंसान थे जिन्होंने अपने जीवन में कई रिश्तों को महत्व दिया। उनके निधन के बाद उनकी तीन अधूरी इच्छाओं का खुलासा हुआ है, जिन्हें सुनकर उनकी पत्नी हेमा मालिनी और बेटे सनी देओल ने बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है।

धर्मेंद्र जी की तीन अधूरी इच्छाएँ

धर्मेंद्र जी की इच्छाएँ उनकी डायरी से सामने आई हैं, जिसमें उन्होंने अपनी भावनाओं और सपनों को लिखा था। उनकी पहली इच्छा थी कि वे अपना 90वां जन्मदिन अपनी दोनों पत्नियों, हेमा मालिनी और प्रकाश कौर, के साथ मनाना चाहते थे। उन्होंने लिखा था कि वे दोनों को एक साथ खुश देखना चाहते थे, और उन्हें यह महसूस होता था कि उन्होंने अपनी जिंदगी को दो हिस्सों में बांट रखा है।

पहली इच्छा: दोनों पत्नियों के साथ जन्मदिन

धर्मेंद्र जी की पहली इच्छा ने सभी को चौंका दिया। उन्होंने अपनी डायरी में लिखा, “मैं चाहता हूं कि मैं अपना 90वां जन्मदिन अपनी दोनों बीवियों के साथ मनाऊं। एक तरफ हेमा हूं और दूसरी तरफ प्रकाश। मुझे कई बार ऐसा लगता है कि मानो मैंने अपनी जिंदगी को दो हिस्सों में बांट रखा हो।” यह उनकी भावनाओं का एक गहरा प्रतिबिंब था, जिसमें वे अपने परिवार को एकता में देखना चाहते थे।

दूसरी इच्छा: बेटियों का त्यौहार में होना

धर्मेंद्र जी की दूसरी इच्छा भी दिल को छू लेने वाली थी। उन्होंने लिखा, “मेरे परिवार में हर त्यौहार को खुशी से मनाया जाता है। लेकिन मुझे बहुत चुभता है जब राखी और दिवाली जैसे त्यौहार पर मेरी दो बेटियाँ नहीं होतीं।” उन्होंने अपनी बेटियों ईशा और अहाना की कमी को महसूस किया और चाहा कि वे अपने भाइयों, सनी और बॉबी को राखी बांधें।

तीसरी इच्छा: परिवार का एक साथ होना

धर्मेंद्र जी की तीसरी इच्छा उनके पोते की शादी के बाद लिखी गई थी। उन्होंने लिखा, “मैं बहुत खुश था कि मेरे पोते की शादी हुई। लेकिन कहीं ना कहीं मैंने उसमें भी ईशा, अहाना और हेमा को मिस किया।” उनका सपना था कि उनका पूरा परिवार एक साथ सारे फंक्शन और त्यौहार मनाए। यह उनकी गहरी तमन्ना थी कि उनकी बेटियाँ और पत्नी एक साथ हों।

परिवार का सदमा और कदम

धर्मेंद्र जी की इन इच्छाओं के खुलासे के बाद, परिवार के सदस्य सदमे में हैं। उन्हें यह महसूस हो रहा है कि धर्मेंद्र जी की ये इच्छाएँ अब पूरी होनी चाहिए। हेमा मालिनी और सनी देओल ने एक बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है।

देओल परिवार और हेमा का एक होना

45 सालों से अलग रहने के बाद, क्या हेमा मालिनी और प्रकाश कौर एक-दूसरे का सामना करेंगे? क्या वे दोनों एक साथ मिलकर धर्मेंद्र जी की इच्छाओं को पूरा करेंगे? यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है।

सनी देओल ने कहा, “हमारे पिता की इच्छाएँ हमें एकजुट करती हैं। हमें अपने परिवार को एक साथ लाने का प्रयास करना चाहिए।” वहीं हेमा मालिनी ने भी इस पर सहमति जताई और कहा, “धर्मेंद्र जी की इच्छाएँ हमारी जिम्मेदारी हैं। हमें उन्हें पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।”

धर्मेंद्र जी का परिवार: एक नई शुरुआत

धर्मेंद्र जी के निधन के बाद, उनके परिवार ने एक नई शुरुआत की है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि वे सभी एक साथ आएं और धर्मेंद्र जी की इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करें।

त्यौहारों का एक साथ मनाना

धर्मेंद्र जी की दूसरी इच्छा के अनुसार, परिवार ने तय किया है कि वे सभी प्रमुख त्यौहारों को एक साथ मनाएंगे। राखी, दिवाली और अन्य त्योहारों पर, ईशा और अहाना अब अपने भाइयों को राखी बांधेंगी। यह एक नई शुरुआत होगी, जो उनके पिता की इच्छाओं को पूरा करेगी।

परिवार की एकजुटता

इस पूरे घटनाक्रम ने परिवार के सदस्यों को एकजुट किया है। अब वे एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिताने लगे हैं। सनी देओल और उनकी बहनें एक साथ मिलकर अपने पिता की यादों को संजोने का प्रयास कर रहे हैं।

निष्कर्ष

धर्मेंद्र जी की अधूरी इच्छाएँ उनके जीवन की गहरी भावनाओं का प्रतीक हैं। वे हमेशा अपने परिवार को एकजुट देखना चाहते थे, और अब हेमा मालिनी और सनी देओल ने उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है। यह कहानी केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि एक ऐसे इंसान की है जिसने अपने जीवन में रिश्तों को महत्व दिया और अब उनके सपनों को पूरा करने का प्रयास कर रहा है।

धर्मेंद्र जी की यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी, और उनके सपनों को पूरा करने के लिए परिवार एकजुट होकर आगे बढ़ेगा। इस प्रकार, यह कहानी हमें यह सिखाती है कि परिवार की एकता और प्यार सबसे महत्वपूर्ण है, और हमें हमेशा एक-दूसरे का साथ देना चाहिए।

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