मीरा की कहानी: इज्जत और आत्मसम्मान की जीत
मीरा एक साधारण गरीब घर की लड़की थी, जिसकी आंखों में बस एक सुखी परिवार का सपना था। उसकी शादी राजीव से हुई, जो एक छोटे शहर के व्यापारी का बेटा था। शादी फिल्मी अंदाज में हुई—बैंड, बाजा, कसमें और रस्में। कुछ महीने सब कुछ अच्छा रहा, लेकिन जल्दी ही राजीव के परिवार, खासकर उसकी मां को मीरा पसंद नहीं आई। उन्हें लगता था कि उनके बेटे के लिए कोई राजकुमारी आनी चाहिए थी, मीरा तो बस एक पत्थर थी।
मीरा ने सब सहा, लेकिन राजीव धीरे-धीरे बदल गया। वह देर रात घर आता, शराब पीता और मीरा को ताने मारता। एक दिन उसने मीरा से कह दिया, “तू मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती है, निकल जा मेरे घर से।” मीरा रोती रही, गिड़गिड़ाती रही, लेकिन राजीव ने उसे गर्भवती हालत में घर से निकाल दिया।

बारिश की रात थी, मीरा सड़कों पर भटकती रही। लेकिन अपने पेट में पल रही दो जुड़वा बच्चों की धड़कन ने उसे टूटने नहीं दिया। कई महीने बाद, एक सरकारी अस्पताल में मीरा ने दो बेटों—आरव और आरुष—को जन्म दिया। वह अब सिर्फ मीरा नहीं, एक मां थी। उसने बच्चों के लिए जीना शुरू किया, दुकान में झाड़ू-पोछा किया, सड़क किनारे सब्जी बेची। दिनभर की मेहनत के बाद बच्चों की मुस्कान उसकी सारी थकान मिटा देती थी।
पांच साल बाद, एक दिन राजीव चमचमाती कार में मीरा की दुकान पर आया। उसने मीरा को ताने मारे, बच्चों को देखकर जहर उगला। “कौन है इनका बाप? किसी अमीर आदमी को फंसा लिया होगा!” मीरा ने शांत आवाज में कहा, “गरीबी ने मुझे झुकाया है, गिराया नहीं।” राजीव ने अगले हफ्ते अपनी दूसरी शादी का कार्ड मीरा को दिया और चला गया।
शादी के दिन, मीरा अपने दोनों बेटों के साथ हॉल में पहुंची। राजीव आग बबूला हो गया, सबके सामने चिल्लाया, “ये बच्चे मेरे नहीं हैं, ये नाजायज हैं!” मीरा ने मजबूती से कहा, “इनका नाम आरव राजीव वर्मा और आरुष राजीव वर्मा है, क्योंकि ये तुम्हारे ही बेटे हैं।”
तभी राजीव की नई दुल्हन नेहा ने मीरा को पहचान लिया—वो उसकी स्कूल की दोस्त थी। नेहा ने सबके सामने राजीव की सच्चाई उजागर की, वरमाला उतारी और शादी तोड़ दी। “जिस आदमी ने अपनी गर्भवती पत्नी को रात में घर से निकाला, वो शादी के लायक नहीं।”
मीरा ने बच्चों का हाथ थामा, नेहा को धन्यवाद कहा, और बिना राजीव की ओर देखे बोली, “अब हमें तुम्हारे नाम की जरूरत नहीं है। मेरे बच्चों ने आज सीखा है कि इज्जत पैसों से नहीं, कर्मों से मिलती है।”
राजीव शर्म और अहंकार के बोझ तले वहीं गिर पड़ा।
कुछ साल बाद, मीरा ने अपनी मेहनत से दुकान को बड़ा बुटीक बना लिया। उसके दोनों बेटे कॉलेज में अव्वल थे। मीरा की कहानी हर उस औरत के लिए मिसाल बन गई, जिसने संघर्ष के बाद अपनी इज्जत और आत्मसम्मान को पाया।
News
Video of Prime Minister Narendra Modi’s Sister Sitting Quietly at a Ghat Goes Viral, Public Reacts to Her Simplicity
Video of Prime Minister Narendra Modi’s Sister Sitting Quietly at a Ghat Goes Viral, Public Reacts to Her Simplicity A…
Sonam Kapoor Confirms Second Pregnancy at Age 40: Where Will She Deliver – Delhi, Mumbai, or London?
Sonam Kapoor Confirms Second Pregnancy at Age 40: Where Will She Deliver – Delhi, Mumbai, or London? Bollywood’s fashionista Sonam…
Aishwarya Bachchan’s Inspiring Speech at Shri Sathya Sai Baba Centenary Celebration
Aishwarya Bachchan’s Inspiring Speech at Shri Sathya Sai Baba Centenary Celebration On a historic and sacred occasion marking the centenary…
OMG! Rishikesh Bungee Jumping Accident – Man Miraculously Survives 150-Foot Fall
OMG! Rishikesh Bungee Jumping Accident – Man Miraculously Survives 150-Foot Fall In a shocking incident at a popular bungee jumping…
मजबूर लड़के और करोड़पति लड़की की इंसानियत भरी कहानी
मजबूर लड़के और करोड़पति लड़की की इंसानियत भरी कहानी दिल्ली के चांदनी चौक की भीड़भाड़ वाली शाम थी। 21 साल…
मजबूर लड़के ने करोड़पति लड़की से कहा— मेरे बहन की जान बचा लो, जीवन भर कर्जदार रहूँगा… फिर जो हुआ
मजबूर लड़के और करोड़पति लड़की की इंसानियत भरी कहानी दिल्ली के चांदनी चौक की भीड़भाड़ वाली शाम थी। 21 साल…
End of content
No more pages to load





