अमीर लड़की ने गरीब लड़के को दी मदद, लेकिन जब उसे सच्चाई पता चली तो उसके पैरों तले की ज़मीन खिसक गई!

मोहब्बत या इंतकाम?

 

क्या होता है जब दो दुनिया टकराती हैं? एक सोने के महलों की और दूसरी टूटी हुई झुग्गियों की? क्या इंसान की पहचान उसके कपड़ों और घर से होती है या उसके दिल और इरादों से? यह कहानी एक ऐसी ही अमीर लड़की की है, जिसकी आँखों ने कभी गरीबी का अंधेरा नहीं देखा था, और एक ऐसे गरीब लड़के की है जिसकी ज़िंदगी में उम्मीद की कोई किरण नहीं थी। जब उस लड़की ने दरियादिली दिखाकर उस लड़के की जिंदगी बदल दी तो उसे लगा कि उसने दुनिया की सबसे बड़ी नेकी की है। पर उसे कहाँ पता था कि जिस लड़के को वह अपनी दया का पात्र समझ रही है, उसकी आँखों में एक ऐसा गहरा राज़ दफ़न है, एक ऐसी सच्चाई छिपी है जो जब सामने आएगी तो सिर्फ उस लड़की के ही नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार के पैरों तले की ज़मीन खिसका देगी। यह कहानी उस धोखे, उस सच्चाई और उस मोहब्बत की है जो नियति के एक ऐसे चक्रव्यूह में उलझी थी जहाँ से बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था।