DM मैडम गरीब भेष में अपनी मां के साथ पैसा निकलने पहुंची तो भिखारी समझ बैंक मैनेजर ने पैसे नहीं निकला

कहानी: इंसानियत की मिसाल – करोड़पति दंपती और भूखा बच्चा

एक दिन, एक समृद्ध कॉलोनी में रहने वाले करोड़पति दंपती के घर के दरवाजे पर एक मासूम बच्चा आया। उसके कपड़े मैले थे, जूते फटे हुए थे और आंखों में भूख की चमक थी। उसने हाथ जोड़कर कहा, “आंटी, मुझे खाने के लिए कुछ दे दीजिए। अगर आपके यहां कोई काम हो तो मैं कर दूंगा, बस बदले में खाना मिल जाए।”

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दंपती ने उसकी मासूमियत देखी और दिल पसीज गया। उन्होंने उसे अंदर बुलाया, गरम-गरम खाना खिलाया। बच्चा खाना खाते-खाते रो पड़ा, क्योंकि उसे कई दिनों बाद भरपेट खाना मिला था। खाने के बाद बच्चा बोला, “आंटी, अब बताइए क्या काम करना है?” लेकिन दंपती ने कहा, “तुम्हें कोई काम नहीं करना, बस स्कूल जाना है और पढ़ाई करनी है।”

धीरे-धीरे बच्चा उस घर का हिस्सा बन गया। करोड़पति दंपती ने उसे अपने बेटे की तरह प्यार दिया, उसकी पढ़ाई का खर्च उठाया और हर जरूरत पूरी की। मोहल्ले के लोग पहले ताने मारते थे, लेकिन जब बच्चे ने पढ़ाई में और खेलों में नाम कमाया, तो सब उसकी तारीफ करने लगे।

समय के साथ बच्चा बड़ा हुआ, पढ़ाई में अव्वल रहा और समाज में मिसाल बन गया। उसने साबित कर दिया कि असली रिश्ता खून से नहीं, दिल से बनता है। करोड़पति दंपती की इंसानियत और बच्चे की मेहनत ने समाज को एक नई सीख दी—अगर दिल से किसी को अपनाया जाए, तो दुनिया बदल सकती है।

यह कहानी हमें सिखाती है कि असली अमीरी पैसे में नहीं, दिल में होती है। अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो अपने दोस्तों तक जरूर शेयर करें।