Hafiz Quran ladki ki kabra mai maiyat par Allah Ka Billiyaan ka mojza/Aakhir Biliya Qubar par Q aati

यह कहानी जुबैदा बेगम की है, जो एक हाफिज़ कुरान और नेक दिल लड़की थी। उसके बारे में सभी कहते थे कि वह जन्नती है। लेकिन जब उसकी मृत्यु हुई, तो उसके शव के पास बिल्लियाँ आकर रोने लगीं। यह अजीब और डरावना मंजर था। लोग समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। बिल्लियाँ उसकी कब्र को खुरच रही थीं और आसमान की ओर मुंह करके अजीब आवाजें निकाल रही थीं। क्या यह सब उस लड़की के साथ हुई किसी गलती का परिणाम था?

जुबैदा बेगम का जन्म एक बड़े जमींदार परिवार में हुआ था। वह अपने बेटे अजमल के साथ रहती थी। जुबैदा को अपने एक नौकर से प्यार हो गया और उससे शादी कर ली। इस शादी की सजा के रूप में उसे अपने परिवार से बेदखल कर दिया गया। उसके मायके के दरवाजे उसके लिए बंद हो गए। उसने गरीबी में अपने पति के साथ जीवन बिताया, लेकिन कभी भी अपने परिवार से मदद नहीं मांगी। उसकी सारी खुशियाँ अपने बेटे में थीं।

जब अजमल बड़ा हुआ, तो उसकी माँ ने उसे अपनी भतीजी सारा से शादी करने की इच्छा जताई। अजमल ने अपनी माँ की बात मान ली। सारा एक नेक और प्यारी लड़की थी, लेकिन एक महीने बाद ही सारा की माँ का इंतकाल हो गया। सारा अपने माता-पिता को याद करती थी, और अजमल उसे सांत्वना देता था।

कुछ समय बाद, अजमल को नौकरी के लिए विदेश भेज दिया गया। उसकी माँ ने उसे जाने के लिए मनाया। लेकिन एक महीने बाद, अजमल को अपनी पत्नी सारा की मृत्यु की खबर मिली। वह इस खबर पर विश्वास नहीं कर सका। उसकी माँ ने कहा, “तुम्हें तकलीफ देने का क्या फायदा? वह अब वापस नहीं आएगी।”

अजमल ने छुट्टी लेकर घर आने का निर्णय लिया। जब वह अपनी माँ से मिला, तो उसे सारा की कब्र पर जाने की इच्छा हुई। उसकी माँ ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन अजमल ने कहा, “मुझे अपनी पत्नी की कब्र पर जाना है।”

जब वह कब्रिस्तान पहुँचा, तो उसने देखा कि वहाँ बिल्लियाँ उसकी पत्नी की कब्र को खुरच रही थीं और अजीब आवाजें निकाल रही थीं। अजमल ने लोगों से पूछा, “यह कब्र किसकी है?” लोगों ने बताया कि यह उसकी पत्नी सारा की कब्र है। अजमल को विश्वास नहीं हुआ। सारा तो बहुत नेक थी, जिसने कभी कोई गुनाह नहीं किया। लेकिन जब वह कब्र के पास गया, तो उसकी आँखों के सामने एक अजीब दृश्य था। उसे लगा कि उसकी पत्नी को कुछ सजा मिल रही है, और यह सब उसके लिए बेहद दर्दनाक था।

उसकी माँ ने फिर से उसे समझाया कि उसकी पत्नी जादूगरनी थी और उसके पास कोई अच्छाई नहीं थी। अजमल को अपनी माँ की बातों पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन वह खुद को इस सच्चाई से जुदा नहीं कर सका। उसने अपनी पत्नी की कब्र खोदने का निर्णय लिया, लेकिन जब वह अंदर गया, तो उसे सारा का चेहरा नहीं मिला।

जब अजमल ने अपनी माँ को सारा की कब्र पर देखा, तो वह समझ गया कि उसकी माँ ने उसकी पत्नी के खिलाफ झूठ बोला था। जुबैदा बेगम ने सारा को धोखा देने के लिए उसे जादूगरनी और गुनहगार बताया था। अजमल ने अपनी माँ से कहा, “आपने मेरी पत्नी के साथ इतना बड़ा धोखा क्यों किया?”

जुबैदा बेगम ने कहा, “मैंने तुम्हें बचाने के लिए ऐसा किया। वह एक जादूगरनी थी, और मैं नहीं चाहती थी कि तुम उसके जाल में फंस जाओ।” अजमल ने अपनी माँ की बातों को खारिज करते हुए कहा, “आपने मुझसे झूठ बोला। मैंने सारा को हमेशा नेक समझा।”

अजमल ने अपनी माँ को चुनौती दी और कहा, “मैं सारा को लेकर जाऊंगा।” उसने अपनी पत्नी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। जब उसने सारा के घर जाकर सचाई जानने की कोशिश की, तो उसे पता चला कि उसकी माँ ने सारा को कैद कर रखा था।

अजमल ने अपनी माँ से कहा, “मैं अपनी पत्नी को यहाँ से ले जाने आया हूँ।” जुबैदा बेगम ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन अजमल ने अपनी पत्नी को बचाने का संकल्प लिया। जब उसने सारा को देखा, तो उसकी आँखों में आँसू थे। उसने कहा, “मैं तुम्हें कभी अकेला नहीं छोड़ूंगा।”

अजमल ने सारा को अपने साथ ले जाकर उसकी देखभाल की। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ डॉक्टरों ने बताया कि उसे बहुत देखभाल की जरूरत है। अजमल ने अपनी माँ से कहा, “मैं तुम्हें माफ करता हूँ, लेकिन सारा मेरी जिंदगी है।”

सारा ने अजमल से कहा, “आपकी माँ ने मुझ पर बहुत जुल्म किया है।” अजमल ने उसे आश्वासन दिया कि वह उसकी हर संभव मदद करेगा।

इस कहानी ने हमें यह सिखाया कि कभी-कभी हमारे अपने ही हमें धोखा दे सकते हैं। जुबैदा बेगम ने अपनी लालच के कारण अपनी बहन के साथ अन्याय किया, लेकिन अजमल ने सच्चाई को पहचान लिया। उन्होंने अपने प्यार और विश्वास के बल पर अपनी पत्नी को वापस पाया।

इस प्रकार, यह कहानी एक सबक देती है कि सच्चाई और प्यार की ताकत हर बाधा को पार कर सकती है। हमें हमेशा अपने दिल की सुननी चाहिए और कभी भी किसी पर विश्वास करने से पहले सोच-समझ लेना चाहिए।