परिचय

यह कहानी एक छोटे से गांव की है, जहां शादी का माहौल खुशी से भरा था। लेकिन इस खुशी के बीच, एक पिता को अपनी बेटी की इज्जत को बचाने के लिए एक साहसी कदम उठाना पड़ा।

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शादी का माहौल

गांव में शादी का माहौल था। शहनाइयां बज रही थीं और दुल्हन रागिनी अपनी नई जिंदगी की शुरुआत के लिए तैयार हो रही थी। लेकिन अचानक, रागिनी के पिता मनोहर लाल के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आईं। उसे एक भयानक खबर मिली थी, जिसने उसकी दुनिया हिलाकर रख दी थी।

दरिंदगी का सामना

मनोहर लाल ने अपनी बेटी को दुल्हन के जोड़े में लेकर महिला डीएसपी पूजा पांडे के ऑफिस पहुंच गए। वह फूट-फूट कर रोने लगे और कहा, “मैडम, मेरी बेटी की इज्जत बचा लीजिए।” उन्होंने बताया कि गांव का एक दबंग आदमी, तेजपाल, शादी से पहले दुल्हनों के साथ गलत हरकतें करता है। मनोहर लाल ने कहा कि वह अपनी बेटी को उस दरिंदे के हवाले नहीं कर सकते।

डीएसपी पूजा पांडे की संकल्प

डीएसपी पूजा पांडे ने मनोहर लाल की कहानी सुनी और उनकी आंखों में गुस्सा और आक्रोश देखा। उन्होंने ठान लिया कि वह इस मामले में कार्रवाई करेंगी। उन्होंने मनोहर लाल से कहा कि वह अपनी बेटी को यहीं पर रखें और दुल्हन का जोड़ा उन्हें दें।

कार्रवाई की तैयारी

पूजा ने पुलिस फोर्स को तैयार किया और तेजपाल के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया। उन्होंने खुद को दुल्हन के रूप में तैयार किया और तेजपाल के घर की ओर चल पड़ीं।

दबंग का सामना

जब पूजा तेजपाल के घर पहुंची, तो उसने उसे चुनौती दी। तेजपाल ने अपनी दबंगई दिखाने की कोशिश की, लेकिन पूजा ने उसे दो तेज तमाचे जड़ दिए और अपनी रिवॉल्वर निकालकर उसे धमकी दी। उन्होंने कहा, “अब तुझे यह जानकर रहेगा कि खैर किसकी नहीं है।”

न्याय की जीत

महिला डीएसपी पूजा पांडे ने तेजपाल को गिरफ्तार करवा दिया। उनकी साहसिकता ने पूरे गांव को यह संदेश दिया कि अन्याय को सहन नहीं किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष

यह कहानी हमें सिखाती है कि जब हम मिलकर अन्याय का विरोध करते हैं, तो हम न्याय प्राप्त कर सकते हैं। हमें हमेशा सच और न्याय के साथ खड़ा रहना चाहिए।

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