भाभी ने देवर को ||अपनी उदास रहने वाली सहेली के पास भेजा तो वह खुश हो गई
देवर-भाभी की अनोखी शाम – एक सच्चा रिश्ता, एक नई शुरुआत
प्रस्तावना
मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास एक छोटे से गांव में एक खुशहाल परिवार रहता था। परिवार में माता-पिता और उनके दो बेटे – बड़ा बेटा दिलावर और छोटा बेटा बिसंबर। दोनों भाइयों में गहरा प्यार था। माता-पिता हमेशा यही सीख देते थे कि एक साथ रहो, मिलजुल कर चलो, और हमेशा एक-दूसरे का सहारा बनो।
समय के साथ दोनों बेटे बड़े हुए। सबसे पहले दिलावर की शादी सीमा नाम की लड़की से हुई। सीमा शादी के बाद परिवार में आ गई और सबके साथ घुल-मिल गई। बिसंबर भी अपने भैया-भाभी के साथ खूब हंसी-मजाक करता, घर में रौनक रहती।
परिवार में बदलाव
कुछ समय बाद दिलावर को शहर में नौकरी मिल गई। माता-पिता और बिसंबर ने सलाह दी कि दिलावर शहर में ही घर लेकर सीमा के साथ रहे, ताकि रोज-रोज सफर की परेशानी ना हो। दिलावर ने परिवार की बात मान ली और शहर में रहने लगा। बिसंबर गांव में माता-पिता के साथ ही रहा।
कुछ सालों बाद बिसंबर की भी शादी हो गई। दोनों भाइयों की जिंदगी खुशहाल थी, बस वे अलग-अलग जगह रहते थे। त्योहार या कोई भी फंक्शन आता, तो पूरा परिवार एकत्रित हो जाता।
नजर लगना
लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। एक साल के भीतर ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। दिलावर और बिसंबर के माता-पिता छह महीने के अंतर में इस दुनिया को छोड़ गए। छह महीने बाद बिसंबर की पत्नी भी एक बीमारी के चलते चल बसी।
अब बिसंबर अकेला रह गया। दिलावर और सीमा ने उसे अपने पास बुलाने की बहुत कोशिश की, लेकिन बिसंबर ने मना कर दिया। उसे लगता था कि परिवार पर कोई जादू-टोना या अशुभ छाया है – अगर वह भाई के पास गया, तो उनकी भी जान को खतरा हो सकता है। वह खुद ही अपना खाना बनाता, अकेले ही गांव में रहना पसंद करता।
एक शाम की कॉल
एक साल बीत गया। एक शाम बिसंबर के पास उसकी भाभी सीमा का फोन आया – “बहुत गड़बड़ हो गई है, फौरन आ जाओ!”
बिसंबर ने पहले मना किया, लेकिन सीमा ने जोर देकर कहा – “यहां पर कोई परेशानी हो गई है, जल्दी आओ!”
चिंतित होकर बिसंबर तुरंत शहर के लिए निकल पड़ा। रास्ते भर उसके मन में सवाल थे कि आखिर ऐसा क्या हो गया? करीब एक घंटे बाद वह सीमा के घर पहुंचा। घर में सब सामान्य था। उसने भाभी से पूछा, “क्या हुआ, भाभी?”
सीमा ने एक कमरे की ओर इशारा किया – “उस कमरे में चले जाओ, सब समझ में आ जाएगा।”
बिसंबर पहले हिचकिचाया, लेकिन जब सीमा ने अपनी कसम दे दी, तो मजबूरन कमरे की तरफ बढ़ा।
कमरे का रहस्य
कमरे के अंदर जाते ही बिसंबर ने देखा कि वहां एक लड़की बैठी थी – उसकी भाभी सीमा की सहेली प्रियंका। प्रियंका वही लड़की थी जिससे वह पहले अपने गांव में मिल चुका था। प्रियंका अक्सर हंसी-मजाक करती थी, लेकिन बिसंबर को कभी यह अंदाजा नहीं था कि उसके मन में क्या है।
बिसंबर बाहर आ गया और भाभी से पूछा, “यह सब क्या है? प्रियंका यहां क्यों है?”
सीमा ने बताया – “प्रियंका तुमसे प्यार करती है। जब तुम्हारी शादी की बातें चल रही थीं, तब उसने मुझे बताया था। लेकिन शादी तय हो चुकी थी, इसलिए वह चुप रही। तुम्हारी पत्नी के गुजर जाने के बाद प्रियंका बहुत दुखी थी, वह चाहती थी कि तुम्हारे साथ अपना जीवन बिताए।”
प्रियंका ने भी अपने दिल की बात कह दी – “मैं तुमसे बहुत पहले से प्यार करती थी, लेकिन जब तुम्हारी शादी हो गई, तो मैं टूट गई। अपनी मौसी के घर चली गई। लेकिन जब सुना कि अब तुम अकेले हो, तो फिर से उम्मीद जगी।”
संकोच और डर
बिसंबर ने कहा – “प्रियंका, मुझे लगता है कि हमारे परिवार पर कोई अशुभ छाया है। एक साल में तीन लोग चले गए। मैं तुम्हारी जिंदगी खतरे में नहीं डाल सकता।”
प्रियंका रोते हुए बोली – “मुझे फर्क नहीं पड़ता। तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं, चाहे जैसी भी किस्मत हो।”
सीमा और दिलावर ने भी बिसंबर को समझाया – “छोटे, अब वक्त है कि जिंदगी को दोबारा शुरू करो। प्रियंका तुम्हें समझती है, प्यार करती है। हम सब तुम्हारे साथ हैं।”
बिसंबर सोच में पड़ गया। प्रियंका के आंसू और परिवार का समर्थन देखकर उसका मन बदल गया। उसने प्रियंका से कहा – “अगर तुम सच में मुझे अपनाना चाहती हो, तो मैं भी तैयार हूं।”
नई शुरुआत
सीमा ने प्रियंका के घरवालों से बात की। घरवाले भी समझ गए कि प्रियंका की उदासी का कारण क्या था। उन्होंने खुशी-खुशी शादी के लिए हां कर दी।
प्रियंका और बिसंबर की शादी हो गई। शुरू में बिसंबर ने गांव में ही रहने की जिद की, लेकिन दो साल बाद, जब उन्हें एक बेटा हुआ, तो दिलावर के कहने पर वह भी शहर में आकर रहने लगा।
अब दोनों भाई एक ही घर में, एक ही शहर में रहते हैं। प्रियंका और सीमा बहनों की तरह रहती हैं। बिसंबर को दो बेटे हो चुके हैं। पूरा परिवार खुशियों से भर गया है।
सीख और समापन
यह कहानी सुनने वालों को अटपटी लगती है, लेकिन इसमें छुपा है एक गहरा संदेश –
जिंदगी में चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, लेकिन प्यार, भरोसा और परिवार का साथ हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है।
कभी-कभी किस्मत हमें दर्द देती है, लेकिन वही किस्मत नए रिश्ते, नई उम्मीद और नई खुशियों की वजह भी बन जाती है।
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हमारा उद्देश्य सिर्फ आपको सच्ची सीख देना है, किसी को ठेस पहुंचाना नहीं।
मिलते हैं अगले वीडियो में नई कहानी के साथ।
जय हिंद, जय भारत!
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