Vaishno Devi Landslide: अचानक फटी सड़क, धंसी कारें अफरा-तफरी का LIVE वीडियो- TV9 | Jammu Kashmir

जम्मू-कश्मीर की पहाड़ियों में बसा वैष्णो देवी का मंदिर, श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल है। हर साल लाखों लोग यहाँ आकर माता वैष्णो देवी की पूजा करते हैं। इस साल, एक परिवार ने भी वैष्णो देवी की यात्रा का निर्णय लिया। परिवार में थे: पिता, रामेश्वर, माँ, सुमित्रा, और उनके दो बच्चे, आर्यन और सिया।

उनकी यात्रा की शुरुआत उत्साह और खुशी के साथ हुई। सभी ने एक-दूसरे से वादा किया कि वे माता के दरबार में जाकर एक साथ प्रार्थना करेंगे। यात्रा के दौरान, उन्होंने पहाड़ी रास्तों की खूबसूरती का आनंद लिया और एक-दूसरे के साथ हंसते-खिलखिलाते रहे।

#### यात्रा का दिन

जैसे ही वे वैष्णो देवी के नजदीक पहुँचे, मौसम अचानक बदल गया। घने बादल छा गए और बारिश शुरू हो गई। रामेश्वर ने सोचा कि यह मौसम उनकी यात्रा को प्रभावित नहीं करेगा। उन्होंने गाड़ी चलाना जारी रखा, जबकि सुमित्रा ने बच्चों को दिलासा दिया कि सब ठीक होगा।

लेकिन जैसे ही वे एक संकीर्ण मोड़ पर पहुँचे, अचानक भूस्खलन हुआ। पहाड़ी से मिट्टी और पत्थर गिरने लगे। रामेश्वर ने गाड़ी को रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उनकी गाड़ी फिसल गई और एक खाई में गिरने लगी।


गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया और वह पीछे की ओर लुड़कने लगी। सुमित्रा ने चीखते हुए बच्चों को गले लगा लिया। “बच्चों, मेरे पास रहो!” उन्होंने कहा। रामेश्वर ने गाड़ी को संभालने की कोशिश की, लेकिन गाड़ी ने खाई की ओर गिरना शुरू कर दिया।

गाड़ी के गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। “ओ बाहर निकलो! जल्दी करो!” किसी ने चिल्लाया। लोग एक-दूसरे को सलाह देने लगे कि कैसे गाड़ी से बाहर निकला जाए।

#### बचाव कार्य

कुछ लोग तुरंत गाड़ी की ओर दौड़ पड़े। उन्होंने रामेश्वर को बाहर निकालने की कोशिश की। “भाई, जल्दी करो! बाहर निकलो!” एक व्यक्ति ने कहा। सुमित्रा और बच्चे गाड़ी के अंदर फंसे हुए थे।

बचाव कार्य में लोग जुट गए। कुछ ने गाड़ी के दरवाजे को खोलने की कोशिश की, जबकि अन्य ने बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास किया। “बाहर आ जाओ, जल्दी!” एक आदमी ने कहा।

सिया और आर्यन, दोनों डरे हुए थे, लेकिन उनकी माँ ने उन्हें साहस दिया। “बच्चों, सब ठीक होगा। बस मेरी बात सुनो और बाहर आओ,” सुमित्रा ने कहा।

#### कठिनाइयाँ

जब तक लोग गाड़ी तक पहुँचे, तब तक बारिश तेज हो गई थी। मिट्टी और पानी के कारण रास्ता और भी खतरनाक हो गया था। एक व्यक्ति ने कहा, “हमें जल्दी करना होगा, और गाड़ी को सुरक्षित स्थान पर ले जाना होगा।”

लेकिन गाड़ी पूरी तरह से फंस गई थी। लोग लगातार कोशिश कर रहे थे, लेकिन समय तेजी से बीत रहा था। अचानक, एक और भूस्खलन हुआ, और सभी ने चीखते हुए खुद को बचाने के लिए दौड़ना शुरू कर दिया।

#### उम्मीद की किरण

रामेश्वर ने गाड़ी के अंदर से बाहर देखने की कोशिश की। उसने देखा कि लोग उसकी पत्नी और बच्चों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उसने अपने बच्चों की ओर देखा और कहा, “सिया, आर्यन, मेरी बात सुनो। तुम लोग अपनी माँ के साथ रहो। मैं तुम्हें बचाने की कोशिश कर रहा हूँ।”

सुमित्रा ने बच्चों को गले से लगाया और कहा, “मैं तुमसे वादा करती हूँ, सब ठीक होगा। बस मेरे साथ रहो।”

#### अंततः बचाव

आखिरकार, कुछ लोगों ने गाड़ी का दरवाजा खोलने में सफलता प्राप्त की। सुमित्रा ने बच्चों को बाहर निकाल लिया। “जल्दी करो, बाहर आओ!” उसने कहा। जैसे ही बच्चे बाहर आए, रामेश्वर ने भी बाहर निकलने की कोशिश की।

कुछ लोगों ने मिलकर रामेश्वर को बाहर खींच लिया। सभी ने राहत की सांस ली। “हम बच गए!” सुमित्रा ने चिल्लाते हुए कहा।

#### पुनर्मिलन

जब रामेश्वर, सुमित्रा और बच्चे सुरक्षित बाहर आए, तो सभी ने एक-दूसरे को गले लगाया। “मैंने तुम लोगों को खो दिया था,” रामेश्वर ने कहा, उसकी आँखों में आँसू थे।

सुमित्रा ने कहा, “हम एक साथ हैं, यही सबसे महत्वपूर्ण है।” उन्होंने एक-दूसरे का हाथ पकड़ा और सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ने लगे।

#### यात्रा का अनुभव

इस भयानक अनुभव के बाद, रामेश्वर और सुमित्रा ने समझा कि जीवन कितना अनिश्चित है। उन्होंने एक-दूसरे के प्रति अपने प्यार को और गहरा किया और यह संकल्प लिया कि वे हमेशा एक-दूसरे का साथ देंगे।

#### अंत

वैष्णो देवी की यात्रा ने उन्हें एक नई दृष्टि दी। उन्होंने सीखा कि कठिनाइयों का सामना कैसे करना है और परिवार का महत्व क्या होता है। उनकी यात्रा ने उन्हें एकजुट किया और उन्हें यह एहसास कराया कि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ एक-दूसरे का साथ है।

इस घटना ने उन्हें सिखाया कि जब भी मुश्किलें आएं, तब हमें एकजुट होकर उनका सामना करना चाहिए। वे अब एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने के लिए तैयार थे, और माता वैष्णो देवी के दरबार में जाकर अपनी श्रद्धा अर्पित करने का निश्चय किया।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएं, अगर हम एक-दूसरे का सहारा बनें, तो हम हर बाधा को पार कर सकते हैं।