पुलिस इंस्पेक्टर धोखे से सुश्री आईपीएस को थाने ले गया और फिर जो हुआ…
.
.
न्याय की आँधी – रीना तिवारी की कहानी
शहर का केंद्रीय पुलिस स्टेशन उस रात असामान्य रूप से सक्रिय था। हेड कॉन्स्टेबल किशोर यादव और कॉन्स्टेबल दिनेश चौहान बार-बार एक दूसरे से फुसफुसाते हुए किसी गुप्त योजना पर चर्चा कर रहे थे। उनके चेहरों पर चालाक मुस्कान थी।
“सब तैयार है ना?” किशोर ने धीमे स्वर में पूछा।
“हाँ भाई,” दिनेश बोला, “कल सुबह उस लड़की प्रिया शर्मा को उठाना है। ऊपर से आदेश है कि इसे ड्रग्स के केस में फँसाना ही है।”
उन्हें क्या पता था कि थाने के बाहर खड़ी गाड़ी में बैठी आईपीएस अधिकारी रीना तिवारी उनकी सारी बातचीत सुन रही हैं। रीना न्यायप्रिय और ईमानदार अफसर थीं, जिन्होंने अपने पंद्रह वर्षों की सेवा में कई बड़े अपराधियों को जेल पहुँचाया था। उस रात उन्हें संयोगवश इस साजिश की भनक लग गई।
रीना जानती थीं कि प्रिया शर्मा एक मेधावी छात्रा है, जिसने हाल ही में एक बड़े भ्रष्टाचार कांड का सच उजागर करने की कोशिश की थी। यही वजह थी कि उसे फँसाने की तैयारी हो रही थी।
प्रिया की सुरक्षा योजना
अगली सुबह रीना ने एक साहसिक योजना बनाई। वे साधारण साड़ी पहनकर और बालों को प्रिया जैसी शैली में बाँधकर उसके घर पहुँचीं।
दरवाज़ा खोलते ही प्रिया घबरा गई—“मैडम, आप यहाँ?”
रीना ने बिना समय गँवाए कहा—“बेटी, तुम्हारी जान खतरे में है। पुलिस तुम्हें झूठे केस में फँसाने आ रही है। तुम अभी अपने रिश्तेदारों के घर चली जाओ। तुम्हारी जगह मैं जाऊँगी।”
प्रिया ने काँपती आवाज़ में कहा—“लेकिन मैडम, अगर उन्होंने आपको पहचान लिया तो?”
रीना मुस्कुराईं—“चिंता मत करो। मुझे पता है कब कैसे खेलना है।”
फँसाने का जाल
सुबह आठ बजे रीना, प्रिया के रूप में बस स्टॉप पर खड़ी थीं। कुछ ही देर में किशोर और दिनेश पहुँचे और उन्हें पकड़ लिया। दिखावे के लिए उनके बैग से “ड्रग्स” की थैली निकाली गई।
“प्रिया शर्मा, तुम गिरफ्तार हो,” किशोर गरजा।
रीना ने डरी हुई छात्रा का अभिनय करते हुए कहा—“मैंने कुछ नहीं किया!”
उन्हें जीप में डालकर शहर से बाहर एक फार्महाउस ले जाया गया। रीना को अब पूरी तरह समझ आ चुका था कि यह सिर्फ झूठा केस नहीं बल्कि गहरी साजिश है।
फार्महाउस का राज़
फार्महाउस पहुँचते ही रीना ने देखा कि वहाँ कई बड़े चेहरे मौजूद हैं—डिप्टी कलेक्टर राजेश अग्रवाल, कॉरपोरेटर सुनील मेहता और पुलिस अधीक्षक विकास सिंह।
“तो तू ही है वो लड़की, जिसने हमारे खिलाफ सबूत जुटाए?” विकास सिंह ने कहा।
सुनील मेहता हँसते हुए बोला—“अब तेरी जगह जेल होगी, वो भी ड्रग्स केस में।”
रीना चुपचाप सब कुछ रिकॉर्ड करती रहीं। तभी बातचीत में एक और राज़ खुला—प्रिया ने मंत्री के बेटे द्वारा किए गए हिट-एंड-रन केस को भी देखा था। अब असली मकसद साफ था: प्रिया को हमेशा के लिए चुप कराना।
कुछ देर बाद शहर का नामी बिल्डर अशोक जैन भी वहाँ आया। उसने गुस्से में कहा—“इस लड़की की वजह से मेरा पाँच सौ करोड़ का प्रोजेक्ट अटक गया है। इसे आज ही खत्म करना होगा।”
योजना बनी कि “ड्रग्स ओवरडोज़” दिखाकर प्रिया (असल में रीना) को मार दिया जाए।
साहस की पहचान
रीना को बेसमेंट में ले जाकर धमकाया गया। किशोर और दिनेश पूछताछ करने लगे—“कहाँ भेजे तूने सबूत? किसको बताया?”
रीना ने अभिनय करते हुए कुछ झूठी जानकारी दी ताकि उनका ध्यान बँटा रहे। इस बीच उन्होंने छुपा जीपीएस ट्रैकर सक्रिय कर दिया, जिससे उनके विश्वसनीय साथी इंस्पेक्टर अमित शुक्ला को लोकेशन मिल गई।
उधर ऊपर अफरा-तफरी मच गई—सीबीआई की टीम फार्महाउस पर पहुँच चुकी थी।
दिनेश घबराकर रीना को भागाने आया। तभी रीना ने पहली बार अपना असली रूप दिखाया। उन्होंने जोरदार किक मारकर दिनेश को गिरा दिया, उसकी पिस्तौल छीनी और गरजती आवाज़ में कहा—
“मैं प्रिया शर्मा नहीं हूँ। मैं आईपीएस रीना तिवारी हूँ, और अब तुम गिरफ्तार हो!”
दिनेश के होश उड़ गए। तभी अमित शुक्ला की टीम बेसमेंट में दाखिल हुई और सबको काबू कर लिया।
साजिश का पर्दाफाश
रीना के रिकॉर्डर में सारे सबूत थे—नेताओं, अफसरों और बिल्डर की बातचीत जिसमें वे अपराध कबूल रहे थे। सबको हथकड़ी लगाकर थाने ले जाया गया।
अगले दिन यह खबर देशभर की सुर्खी बनी—“आईपीएस रीना तिवारी ने बचाई छात्रा, उजागर हुआ भ्रष्टाचार का नेटवर्क।”
सीबीआई ने केस संभाल लिया। जाँच में करोड़ों का घोटाला, अवैध प्रोजेक्ट्स और मंत्री के बेटे का हिट-एंड-रन केस सब सामने आ गया।
न्याय की जीत
छह महीने की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कठोर सजा सुनाई—
बिल्डर अशोक जैन: 20 साल की कैद
अफसर राजेश अग्रवाल और नेता सुनील मेहता: 15-15 साल
एसपी विकास सिंह: बर्खास्तगी और 15 साल की सजा
कॉन्स्टेबल किशोर यादव व दिनेश चौहान: 10-10 साल
मंत्री का बेटा: 7 साल की सजा हिट-एंड-रन केस में
प्रिया सुरक्षित लौटी और उसने आँसू भरी आँखों से रीना को धन्यवाद दिया।
“मैडम, आप मेरी प्रेरणा हैं। मैं भी आईएएस बनकर समाज की सेवा करना चाहती हूँ।”
रीना ने मुस्कुराकर कहा—“न्याय की राह कठिन है, पर सच की जीत हमेशा होती है।”
अंतिम प्रेरणा
सरकार ने रीना तिवारी को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया। पुलिस अकादमियों में उनके इस केस की पढ़ाई होने लगी।
नए पद पर जाते हुए रीना ने अपनी टीम से कहा—
“याद रखो, वर्दी सिर्फ कपड़ा नहीं है। यह जनता का भरोसा है। इसे कभी टूटने मत देना।”
आज भी जब लोग उनका नाम लेते हैं, तो कहते हैं—
“वह महिला जो आँधी की तरह भ्रष्टाचार के किले को ढहा देती है।”
.
News
करोड़पति का बैग लौटाने गया लड़का तो हो गई जेल, अपनी मेहनत का मिला ऐसा इनाम…
करोड़पति का बैग लौटाने गया लड़का तो हो गई जेल, अपनी मेहनत का मिला ऐसा इनाम… क्या आपने कभी सोचा…
अरबपति ने अपनी बेचारी नौकरानी की परीक्षा लेने के लिए तिजोरी खुली छोड़ दी, फिर उसने जो किया, उस पर आपको यकीन नहीं होगा
अरबपति ने अपनी बेचारी नौकरानी की परीक्षा लेने के लिए तिजोरी खुली छोड़ दी, फिर उसने जो किया, उस पर…
भूखे माँ-बेटे को घर में जगह दी… आगे जो हुआ इंसानियत रो पड़ी
भूखे माँ-बेटे को घर में जगह दी… आगे जो हुआ इंसानियत रो पड़ी कहते हैं इंसान का असली इम्तिहान तब…
HEMŞIRE PARASIZ HASTAYA YARDIM ETTIĞI IÇIN KOVULDU… AMA BIR MILYARDER BUNU GÖRDÜ VE…
HEMŞIRE PARASIZ HASTAYA YARDIM ETTIĞI IÇIN KOVULDU… AMA BIR MILYARDER BUNU GÖRDÜ VE… . . Bir Hemşirenin Onur Mücadelesi Ayşe…
Sokak kızı bozuk para sayıyordu… Ama mağaza CEO’sunun hareketi herkesi ağlattı!
Sokak kızı bozuk para sayıyordu… Ama mağaza CEO’sunun hareketi herkesi ağlattı! . . Görünmez Bir Çocuğun Hikayesi Eskişehir’in Yıldız Mahallesi’nde…
भूखे माँ-बेटे को घर में जगह दी… आगे जो हुआ इंसानियत रो पड़ी
भूखे माँ-बेटे को घर में जगह दी… आगे जो हुआ इंसानियत रो पड़ी कहते हैं इंसान का असली इम्तिहान तब…
End of content
No more pages to load