DSP साहब को कैदी बनाकर जेल में डालादरोगा ने थप्पड़ मारकर शौचालय साफ करवाया जब सच्चाई सामने आई
Engaging Hook: DSP साहब का संघर्ष
मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक नाम संजीव वर्मा डीएसपी सबकी जुबान पर था। ईमानदारी और निष्पक्षता से अपराधियों की कमर तोड़ देने वाले डीएसपी साहब हमेशा इंसाफ के लिए खड़े रहते थे। लेकिन एक रात, जब घड़ी ने 11:00 बजे का समय दिखाया, उनके ऑफिस में एक बूढ़ी औरत रोते हुए आई।
.
.
.

“साहब, मेरे बेटे को बचा लो! वह बेगुनाह है और जेल में उस पर जुल्म हो रहा है!” बूढ़ी मां की आंखों में आंसू थे और हाथ जोड़े खड़ी थी।
“कौन है तेरा बेटा और क्या मामला है?” डीएसपी साहब ने गहरी नजरों से औरत को देखा।
“साहिल, साहब! वह चाय की दुकान पर काम करता था। दुकान के मालिक ने उस पर चोरी का झूठा इल्जाम लगा दिया और उसे जेल में भिजवा दिया।”
गरीब लड़का साहिल की दर्दनाक कहानी
डीएसपी ने माथे पर शिकन डाली। “जेल में क्या हो रहा है?”
“साहब, मेरे बेटे को रोज मारा जाता है, भूखा रखा जाता है, उससे टॉयलेट साफ कराया जाता है, और कैदी उसे नौकर की तरह ट्रीट करते हैं।”
यह सुनकर डीएसपी संजीव वर्मा की आंखें गुस्से से लाल हो गईं। “यह कैसी न्याय व्यवस्था है?” लेकिन एक सवाल उनके दिमाग में घूम रहा था, “अगर यह सच है, तो क्या जेल के पुलिस अधिकारी भी इसमें शामिल हैं?”
जेल की असली तस्वीर देखने का फैसला
डीएसपी साहब ने तुरंत फैसला लिया। “अब मैं खुद इस जेल की असली तस्वीर देखूंगा।” अगली सुबह, डीएसपी साहब ने अपने ऑफिस में बैठकर एक सीक्रेट प्लान बनाया। उन्होंने अपने विश्वासपात्र इंस्पेक्टर को बुलाया और कहा, “मुझे जेल में भेजना है, लेकिन किसी को शक ना हो।”
उन्होंने पुराने फटे-चटे कपड़े पहने, दाढ़ी बढ़ा ली, और एक गरीब कैदी की तरह दिखने लगे। फिर एक फर्जी केस बनाया गया और डीएसपी साहब को कैदी संजय के नाम से जेल में भेज दिया गया।
जेल के अंधेरे में कदम
जेल का बड़ा गेट खुला। अब डीएसपी साहब कैदी संजय बन चुके थे और जेल की अंधेरी दुनिया में कदम रख चुके थे। जैसे ही वह अंदर पहुंचे, उन्हें एक अजीब सा माहौल महसूस हुआ। कैदियों के चेहरे पर डर था, लेकिन कुछ के चेहरे पर दादागिरी झलक रही थी।
जेल में दरोगा और कुछ सीनियर कैदी मिलकर एक अलग ही कानून चला रहे थे। नए कैदियों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता था।
“नाम क्या है?” दरोगा ने डीएसपी साहब से पूछा।
“संजय,” उन्होंने धीमी आवाज में जवाब दिया।
“किस केस में आया है?”
“गलत इल्जाम लगाकर अंदर कर दिया गया।”
“अबे, यहां हर कोई यही कहता है!” दरोगा ने हंसते हुए कहा।
जेल में DSP साहब पर अत्याचार
फिर एक सीनियर कैदी, जेल का बड़ा गुंडा रणवीर, ने डीएसपी को ऊपर से नीचे तक घूरा और बोला, “नया मुर्गा आया है, इसे टॉयलेट साफ करने भेज दो।”
दरोगा हंसते हुए बोला, “हां, सही कहा!”
“कैदी संजय, जाओ और शौचालय साफ करो।”
डीएसपी साहब ने धीरे से कहा, “मुझे माफ कर दीजिए, मैं यह काम नहीं कर सकता।”
“क्या तू नया आया है और हमसे जबान चला रहा है?”
तभी दरोगा ने गुस्से में डीएसपी साहब को एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। चारों ओर से कैदी हंसने लगे।
अपमान का सामना
डीएसपी साहब को जबरदस्ती शौचालय की ओर धकेल दिया गया, जहां एक कैदी पहले ही गंदगी में पड़ा हुआ था। उसकी हालत दयनीय थी। डीएसपी साहब की आंखों में गुस्से और धुंधले आंसू थे।
“क्या यह वही कानून व्यवस्था है जिसकी रक्षा के लिए मैंने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी?” उन्होंने अपने गुस्से को दबाया क्योंकि उनका असली मकसद अभी पूरा नहीं हुआ था।
अब उन्हें जेल के अंदर का असली चेहरा सामने लाना था। बिना कुछ बोले, उन्होंने शौचालय की ओर बढ़ने का निर्णय लिया।
सच्चाई का सामना
गंदगी और बदबू से भरे उस शौचालय को देखकर उनका मन घृणा से भर गया। लेकिन उन्होंने संयम बनाए रखा। उन्होंने झुककर सफाई करनी शुरू की, लेकिन उनका मन एक तूफान की तरह उबल रहा था।
“एक ईमानदार पुलिस अधिकारी होने के बावजूद आज मैं कैदी की तरह अपमानित हो रहा हूं।”
तभी रणवीर उनके पास आया और मजाक उड़ाते हुए बोला, “अबे नए मुर्गे, जेल का असली मजा तो अभी बाकी है। आज सिर्फ टॉयलेट साफ कर रहा है, कल हम तुझे नहाने के लिए गंदे पानी में फेंकेंगे।”
DSP साहब की असली पहचान उजागर
डीएसपी साहब ने अपने गुस्से को फिर से दबा लिया। “मुझे अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी है, मेरा असली मकसद जेल का पूरा सच जानना है।”
कुछ दिनों तक, डीएसपी साहब ने गरीब और कमजोर कैदियों पर हो रहे अत्याचारों को करीब से देखा। रात में कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था। दरोगा और जेल अधिकारी कैदियों से रिश्वत लेकर उनकी जिंदगी आसान बनाते थे, जबकि गरीब कैदी रोज यातनाएं सहते थे।
समय का आना
डीएसपी साहब का सब्र अब टूटने लगा था। अब वक्त आ गया था कि वह इन अपराधियों को उनकी असली जगह दिखाएं। उन्होंने मन में ठान लिया, “अब मैं जेल के इन गुंडों और भ्रष्ट अधिकारियों को ऐसा सबक सिखाऊंगा कि जिंदगी भर याद रहेगा।”
कैदियों का समर्थन
डीएसपी साहब ने सबसे पहले कैदी साहिल और कुछ और गरीब कैदियों से दोस्ती कर ली। उन्होंने कैदियों का मनोबल बढ़ाया और उन्हें अत्याचार के खिलाफ खड़े होने की हिम्मत दी।
“अब हम अत्याचार सहेंगे नहीं, इसके खिलाफ आवाज उठाएंगे!”
अत्याचार का अंत
कुछ दिनों बाद, रात के समय जेल में अचानक शोर मच गया। कैदी साहिल को फिर से कुछ बड़े गुंडे मार रहे थे। डीएसपी साहब को जबरन गंदे पानी से नहलाने की तैयारी हो रही थी, लेकिन इस बार उन्होंने चुप नहीं रहने का फैसला किया।
“रणवीर!” उन्होंने जेल के बड़े गुंडे का हाथ पकड़कर इतनी जोर से घुमा दिया कि वह जमीन पर गिर पड़ा। फिर एक घुसा दरोगा के चेहरे पर पड़ा।
न्याय की बहाली
पूरा जेल हिल गया। अब अत्याचार करने वालों का वक्त खत्म हो चुका था। “अब तुम्हें जेल में सही न्याय मिलेगा!”
जेल में अफरा-तफरी मच गई। दरोगा और बाकी पुलिस वाले भागने लगे। इसी बीच, डीएसपी साहब ने अपने असली रूप का खुलासा कर दिया। “मैं डीएसपी संजीव वर्मा हूं। आज से इस जेल में कोई अन्याय नहीं होगा!”
पूरा जेल सन्न रह गया। जो दरोगा कैदियों को पीटते थे, वे खुद डीएसपी साहब के पैरों में गिरकर माफी मांगने लगे।
सुधार की शुरुआत
डीएसपी साहब ने तुरंत बड़े अधिकारियों को बुलाकर पूरी जेल का निरीक्षण कराया। भ्रष्ट दरोगा गिरफ्तार हुए, और अत्याचारी कैदियों को अलग कोठियों में डाल दिया गया। गरीब निर्दोष कैदियों की फाइलें दोबारा खोली गईं।
कैदी साहिल को निर्दोष साबित करके रिहा कर दिया गया। जेल का पूरा स्टाफ बदल दिया गया और नए नियम बनाए गए जिससे कैदियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए।
नई उम्मीद
जब साहिल जेल से बाहर निकला, तो उसकी आंखों में आंसू थे, लेकिन इस बार खुशी के आंसू।
“साहब, अगर आप ना होते, तो मेरी जिंदगी नर्क बन जाती!”
डीएसपी साहब ने साहिल के सिर पर हाथ रखा और कहा, “हमेशा सच्चाई के साथ रहना, बेटा। और किसी के भी अन्याय के आगे मत झुकना। इस देश का कानून कमजोर नहीं, बल्कि गलत हाथों में चला जाता है।”
कहानी का सार
जेल अब एक सुधार गृह बन चुका था। डीएसपी साहब ने दिखा दिया कि सच्चाई और ईमानदारी की ताकत किसी भी भ्रष्टाचार को हिला सकती है।
आपको यह कहानी कैसी लगी? क्या हमें अपने सिस्टम में इसी तरह के डीएसपी चाहिए? कमेंट में अपनी राय दें! अगर यह कहानी पसंद आई हो, तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें!
News
सड़क पर पानीपूरी के ठेले वाले से पुलिस वाले ने माँगा हफ्ता…उसकी एक कॉल से गाड़ियों की लाइन लग गयी ||
सड़क पर पानीपूरी के ठेले वाले से पुलिस वाले ने माँगा हफ्ता…उसकी एक कॉल से गाड़ियों की लाइन लग गयी…
अरबपति के अंतिम संस्कार में हलचल मच गई – जब एक बच्चा दूसरे को गले लगाकर बोला एक बात!
अरबपति के अंतिम संस्कार में हलचल मच गई – जब एक बच्चा दूसरे को गले लगाकर बोला एक बात! अंतिम…
DM मैडम को आम लड़की समझ कर Inspector ने बदतमीज़ी की, फिर इंस्पेक्टर के साथ जो हुआ. DM ki kahani
DM मैडम को आम लड़की समझ कर Inspector ने बदतमीज़ी की, फिर इंस्पेक्टर के साथ जो हुआ. DM ki kahani…
बुजुर्ग की मदद करने पर नोकरी चली गयी…लेकिन अगली सुबह जो हुआ उसे देखकर सब हैरान रह गये
बुजुर्ग की मदद करने पर नोकरी चली गयी…लेकिन अगली सुबह जो हुआ उसे देखकर सब हैरान रह गये प्रिया –…
अमेरिकन करोड़पति लड़की ने इंडियन लड़के से कहा 10 मिनट Ferrari ठीक कर दो, 1 करोड़ रुपया दूंगी 😱
अमेरिकन करोड़पति लड़की ने इंडियन लड़के से कहा 10 मिनट Ferrari ठीक कर दो, 1 करोड़ रुपया दूंगी 😱 आरोव…
जब पुलिस ने IAS को आम लड़की समझ लिया 🚨
जब पुलिस ने IAS को आम लड़की समझ लिया 🚨 आईएएस अंजलि शर्मा – बदलाव की मिसाल 29 साल की…
End of content
No more pages to load






