पत्नी तलाक से पहले जज से बोली… एक रात पति के साथ सोना चाहती हूँ… फिर जज साहब ने उसके साथ जो किया
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पत्नी तलाक से पहले जज से बोली… एक रात पति के साथ सोना चाहती हूँ… फिर जज साहब ने उसके साथ जो किया
यह कहानी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के अकबरपुर गांव की है, जहां अरुण और सोनम का तलाक होना तय था। दोनों अपने-अपने परिवार के साथ कोर्ट में जज साहब के सामने पेश हुए थे। जज साहब ने सबसे पहले अरुण से पूछा, “तुम्हें तलाक से कोई दिक्कत तो नहीं? क्या तुम तलाक देना चाहते हो?”
अरुण ने बिना देर किए सिर हिलाया और कहा, “बिल्कुल, जज साहब। मुझे तलाक चाहिए। मैं सोनम के साथ नहीं रहना चाहता।”
फिर जज साहब ने सोनम से पूछा, “सोनम, तुम्हारा क्या निर्णय है? क्या तुम भी तलाक चाहती हो?”
सोनम ने कुछ अनोखा कहा, जिसने कोर्ट में मौजूद सभी को चौंका दिया। उसने कहा, “हाँ, मैं तलाक चाहती हूँ, लेकिन तलाक से पहले मैं एक रात अपने पति के साथ बिताना चाहती हूँ। मतलब, मैं अपने अरुण के साथ एक ही बेड पर सोना चाहती हूँ।”
यह सुनकर जज साहब अवाक रह गए। उनके मन में कई सवाल उठने लगे। उन्होंने अपने लंबे सेवा काल में कभी ऐसा मामला नहीं देखा था, जहां कोई महिला तलाक के लिए कोर्ट में आई हो और कहे कि वह तलाक से पहले अपने पति के साथ एक रात बिताना चाहती है।
जज साहब की सोच और सहमति
शुरुआत में जज साहब को यह बात गुस्सा दिला गई। वे सोचने लगे कि यह महिला मानसिक रूप से विचित्र हो सकती है। लेकिन फिर उन्होंने समझा कि अभी तक अरुण और सोनम कानूनी तौर पर पति-पत्नी ही हैं। इसलिए अगर सोनम अपने पति के साथ एक रात बिताना चाहती है, तो इसमें कोई गलत बात नहीं।
जज साहब ने दोनों को इस बात की सहमति दे दी। कोर्ट का समय खत्म हुआ तो दोनों अपने-अपने घर चले गए।
सोनम का प्रस्ताव और अरुण की प्रतिक्रिया
सोनम ने अरुण को फोन किया और कहा कि वह एक होटल में मिलने आएगी। अरुण भी तैयार हो गया। दोनों होटल पहुंचे, लेकिन अरुण ने देखा कि सोनम कमरे में नहीं थी। वह सोचने लगा कि कहीं सोनम उसके खिलाफ साजिश तो नहीं कर रही।
थोड़ी देर बाद सोनम दुल्हन के लाल जोड़े में सज-धज कर कमरे में आई। वह बिलकुल वैसी ही लग रही थी जैसे उनकी शादी का पहला दिन हो। उसने अरुण से पूछा, “कैसे हो?” लेकिन अरुण ने कोई जवाब नहीं दिया क्योंकि वह जानता था कि यह सब केवल एक औपचारिकता है।
सोनम ने कहा कि वह चाहती है कि उनके बीच जो चार महीने के अच्छे पल थे, उन्हें याद करके वे इस रात को खुशी-खुशी बिताएं ताकि आने वाला समय उनके लिए आसान हो सके। वह चाहती थी कि तलाक के बाद भी वे अच्छे दोस्त बने रहें।
दोनों के बीच तनाव
अरुण ने साफ कहा कि वह तलाक ही चाहता है और वह नहीं चाहता कि यह रात किसी भी तरह उनके बीच के फैसले को बदले। सोनम ने जोर दिया कि वह केवल इस रात को खास बनाना चाहती है, न कि तलाक रद्द करना चाहती है।
दोनों के बीच बहस हुई। सोनम ने अरुण से कहा कि वह उससे प्यार करती है और उन चार महीनों की यादें उसकी ताकत हैं। लेकिन अरुण ने कहा कि अब वह बदल चुका है और केवल फिजिकल रिलेशनशिप के दौरान ही वह प्यार जताता है।
अरुण की बीमारी का खुलासा
फिर सोनम ने अरुण से एक अहम सवाल पूछा कि वह इतना कमजोर और दुबला क्यों हो गया है। अरुण ने बताया कि उसे ब्लड कैंसर है, और डॉक्टरों ने कहा है कि उसके पास ज्यादा समय नहीं बचा है। यह सुनकर सोनम टूट गई।
अरुण ने बताया कि जब सोनम चली गई, तो उसके परिवार और समाज के लोग उस पर तरह-तरह की बातें करने लगे। वह मानसिक और शारीरिक रूप से टूट गया। पेट दर्द के बाद जब डॉक्टर के पास गया, तो उसे ब्लड कैंसर होने की खबर मिली।
सोनम का समर्पण
सोनम ने बताया कि वह तलाक चाहती थी, लेकिन जब उसे पता चला कि अरुण गंभीर बीमारी से जूझ रहा है, तो उसने फैसला किया कि वह उसके साथ रहेगी। उसने कहा, “मैं सात जन्मों तक तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ। तुम्हारे साथ रहना मेरा धर्म है।”
अरुण के घर वाले सोनम के इस फैसले से खुश हुए और उसका सम्मान बढ़ गया। लेकिन सोनम के अपने परिवार वाले नाराज थे और उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वह अरुण को छोड़ दे।
कोर्ट में पुनर्मुलाकात
अगले दिन दोनों फिर से कोर्ट में पेश हुए। जज साहब ने पूछा कि दोनों का क्या इरादा है। अरुण ने कहा कि वह तलाक लेना चाहता है। लेकिन सोनम ने कहा कि वह तलाक नहीं चाहती, वह अपने पति के साथ रहना चाहती है।
यह सुनकर जज साहब खुश हुए और सोनम के परिवार वाले नाराज हो गए। सोनम ने कहा कि वह अरुण को इस मुश्किल वक्त में छोड़ना नहीं चाहती।
जज साहब का निर्णय
सोनम ने जज साहब को अरुण की बीमारी का मेडिकल रिपोर्ट दिखाया। जज साहब ने रिपोर्ट देखी और समझ गए कि अरुण गंभीर स्थिति में है। उन्होंने सोनम के निर्णय की सराहना की और कहा कि यह एक असाधारण प्यार है।
कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सोनम अरुण के साथ रहेगी और उसका पूरा सहयोग करेगी।
कहानी का संदेश
यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चा प्यार परिस्थितियों से प्रभावित नहीं होता। जब तक जीवन है, तब तक साथ निभाना ही सच्चा प्रेम है। चाहे कितनी भी मुश्किलें आएं, प्यार और समर्पण से हर समस्या का सामना किया जा सकता है।
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जय हिंद, जय भारत।
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