हेमा मालिनी पहुंची धर्मेंद्र के घर l धर्मेंद्र के रोते रोते पहुंची हेमा

क्या धर्मेंद्र जी के जाने के बाद उनका परिवार सच में बिखर गया है?

धर्मेंद्र जी के निधन के बाद उनके परिवार की स्थिति, खासकर उनकी पहली पत्नी प्रकाश कौर और दूसरी पत्नी हेमा मालिनी के बीच की दूरी, एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई है। 24 नवंबर 2025 को जब धर्मेंद्र जी का निधन हुआ, तो उनकी अंतिम विदाई ने कई सवालों को जन्म दिया। क्या वास्तव में उनके परिवार में दरार आ गई है? क्या हेमा मालिनी और प्रकाश कौर के बीच की दीवार अब भी मजबूत है?

धर्मेंद्र जी का अंतिम सफर

धर्मेंद्र जी का अंतिम संस्कार 24 नवंबर को हुआ। आमतौर पर, जब इतने बड़े सितारे दुनिया छोड़ते हैं, तो उनकी अंतिम यात्रा में राजकीय सम्मान होता है। लेकिन धर्मेंद्र जी के साथ ऐसा नहीं हुआ। उनका अंतिम संस्कार जल्दी और साधारण तरीके से किया गया, जिससे उनके फैंस में नाराजगी देखने को मिली। सोशल मीडिया पर सनी और बॉबी देओल को ट्रोल किया जाने लगा, और फैंस ने कहा कि उन्होंने हमारे हीरो को ठीक से विदा नहीं किया।

सनी और बॉबी ने फैसला किया कि अब और तमाशा नहीं होगा। उनके पिता के निधन के बाद, परिवार ने सब कुछ निजी रखने का निर्णय लिया। लेकिन क्या एक सुपरस्टार सिर्फ परिवार का होता है? नहीं, वह तो जग का होता है। तीन दिन बाद, 27 नवंबर को देओल परिवार ने एक ऐसा आयोजन किया जिसे उन्होंने “सेलिब्रेशन ऑफ लाइफ” का नाम दिया।

ताज लैंड्स एंड में श्रद्धांजलि

27 नवंबर की शाम बांड्रा के ताज लैंड्स एंड होटल में माहौल में एक अजीब सी खामोशी थी। लेकिन हवाओं में धर्मेंद्र जी की यादें तैर रही थीं। देओल परिवार ने निर्णय लिया कि वह रोएंगे नहीं, बल्कि उस जिंदगी का जश्न मनाएंगे जो उनके पिता ने शान से जी थी। होटल के सीसाइड लॉन्ज को सफेद फूलों से सजाया गया था, जो शांति का प्रतीक था।

सनी और बॉबी देओल ने मेहमानों का स्वागत हाथ जोड़कर किया, लेकिन उनकी आंखों में आंसू थे। सलमान खान, जो धर्मेंद्र जी को अपना पिता मानते थे, वहां पहुंचे और सनी को गले लगा लिया। यह पल बेहद भावुक था, और सलमान की आंखों से आंसू बह रहे थे।

हेमा मालिनी की अनुपस्थिति

लेकिन इस आयोजन में एक चेहरा नदारद था—हेमा मालिनी। 27 नवंबर की उस शाम, जब पूरी दुनिया धर्मेंद्र जी को श्रद्धांजलि दे रही थी, उनकी ड्रीम गर्ल वहां मौजूद नहीं थीं। ना हेमा जी, ना ईशा देओल और ना ही अहाना देओल। इस बात ने गॉसिप के गलियारों में हलचल मचा दी।

लोगों ने सवाल उठाया कि क्या सनी देओल ने उन्हें बुलाया नहीं? क्या आज भी सौतनों का आमना-सामना नहीं हो सकता? क्या प्रकाश कौर और हेमा मालिनी के बीच की दीवार इतनी ऊंची है कि दुख की यह घड़ी भी उसे गिरा नहीं सकी?

दो परिवारों के बीच की दूरी

सच यह है कि यह कोई झगड़ा नहीं बल्कि एक अघोषित मर्यादा थी जिसे दोनों परिवारों ने पिछले 45 सालों से निभाया है। यह देओल परिवार की परंपरा रही है कि दोनों परिवार एक-दूसरे के रास्ते में नहीं आते। ताज लैंड्स एंड का आयोजन प्रकाश कौर और उनके बेटों ने किया था। ऐसे में हेमा मालिनी ने वहां ना जाकर एक समझदारी और गरिमापूर्ण फैसला लिया।

हेमा जी ने अपने पति की अंतिम विदाई को तमाशा नहीं बनने दिया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं था कि उन्होंने अपने धर्म जी के लिए प्रार्थना नहीं की। उसी वक्त, जब ताज में सितारे जमा थे, हेमा मालिनी ने अपने जूहू स्थित बंगले पर एक अलग निजी प्रार्थना सभा रखी थी।

व्यक्तिगत प्रार्थना सभा

हेमा जी के घर पर माहौल बहुत ही निजी और भावुक था। वहां भीड़ नहीं थी, वहां कैमरा नहीं था। वहां सिर्फ वह लोग थे जो हेमा जी और उनकी बेटियों के करीब थे। इस निजी सभा में ईशा देओल के पूर्व पति भारत तख्तानी भी पहुंचे। उन्होंने पुरानी कड़वाहट को भुलाकर अपनी सासू मां और पूर्व पत्नी के साथ खड़े होकर एक बड़ा संदेश दिया कि रिश्ते टूट सकते हैं, लेकिन इंसानियत और परिवार का मोह नहीं छूटता।

सोनू निगम का भावुक प्रदर्शन

ताज लैंड्स एंड में एक और खास पल तब आया जब सोनू निगम ने गाना गाया। उन्होंने धर्मेंद्र जी के उन गानों को गाया जिन्होंने उन्हें अमर बना दिया था। जैसे ही सोनू निगम ने “पल-पल दिल के पास तुम रहती हो” गाना शुरू किया, वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं।

हेमा मालिनी का डिजिटल सेलिब्रेशन

जब हेमा जी उस मुख्य आयोजन में नहीं जा पाईं, तो उन्होंने अपने दर्द को व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने कई पुरानी तस्वीरें शेयर कीं और लिखा, “धर्म जी वह मेरे लिए सब कुछ थे। मेरा व्यक्तिगत नुकसान अवर्णीय है।” यह उनकी भावनाओं को दर्शाता है कि भले ही वह ताज लैंड में खड़ी ना हों, लेकिन धर्मेंद्र जी के दिल में उनका भी उतना ही हिस्सा था।

निष्कर्ष

धर्मेंद्र जी का जाना केवल परिवार या दोस्तों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री और उनके फैंस के लिए भी एक गहरा नुकसान है। उनके निधन के बाद, परिवार की स्थिति ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या वास्तव में उनके परिवार में दरार आ गई है? या यह सब एक समझदारी और मर्यादा का नतीजा है?

यह सच है कि धर्मेंद्र जी के प्रति सभी का प्यार और सम्मान हमेशा जीवित रहेगा। चाहे वह ताज लैंड्स एंड में हो या हेमा मालिनी के जूहू स्थित बंगले में, धर्मेंद्र जी की यादें हमेशा हमारे दिलों में बसी रहेंगी।

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